Thursday 9 December 2021

प्रायश्चित्त : नीता और मीता के साथ क्या हादसा हुआ था

लेखिका– रेणु फ्रांसिस

नीता और मीता 2 बहनें थीं. हर चीज में अव्वल. पढ़ाई के साथसाथ वह हर चीज में आगे थीं. महल्लेभर की प्यारी थीं. किसी का भी काम हो, कभी मना नहीं करती थीं. सभी कहते कि ऊपर वाले ने इन्हें बड़ी फुरसत से बनाया है.

कहते हैं ना, जैसे दुख ज्यादा दिन तक नहीं रहता, वैसे ही खुशी भी ज्यादा दिन तक नहीं रहती. नीता अपनी छोटी बहन मीता के साथ स्कूल जा रही थी कि एक गाड़ी वाले ने नीता और मीता को टक्कर मार दी और तेज गति से फरार हो गया.

सुबह का समय था, सड़क पर लोग भी कम ही थे. फिर भी कुछ लोगों ने उन दोनों को अस्पताल पहुंचाया.

आईडेंटिटी कार्ड से फोन नंबर ले कर उन के पापा को और स्कूल में फोन किया. फोन पर एक्सीडेंट की खबर से उन के पापामम्मी और महल्ले के 8-10 लोग अस्पताल पहुंच गए.

ये भी पढ़ें- कफन: अपने पर लगा ठप्पा क्या हटा पाए रफीक मियां

जो लोग इन दोनों बहनों को अस्पताल लाए थे,
उन्होंने बताया कि ये दोनों तो अपने रास्ते जा रही थीं, लेकिन एक बाइक वाला  रांग साइड से आया और टक्कर मार कर चला गया. हम लोग दूर थे. जब तक हम वहां पहुंचे, वह काफी दूर जा चुका था. हेलमेट पहनने के कारण उस का चेहरा भी नहीं देख पाए.

डाक्टर ने बताया कि नीता के सिर में गहरी चोट लगी है. फिर भी हम उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. मीता भी बेहोश है. उसे हलकी चोटें हैं, लेकिन वह दहशत से बेहोश है.

स्कूल का स्टाफ भी अस्पताल पहुंच गया था. पुलिस भी अस्पताल आ गई थी. थोड़ी देर में डाक्टर ने आ कर कह दिया, “सौरी, हम आप की बेटी को नहीं बचा पाए.”

यह सुन कर नीता की मां का रोरो कर बुरा हाल था. उधर मीता को अभी तक होश नहीं आया था. सभी यही कह रहे थे कि किसी तरह मीता को होश आ जाए और वह ठीक हो जाए.

ये भी पढ़ें- फैसला: सुरेश और प्रभाकर में से बिट्टी ने किसे चुना

इतने में नर्स ने आ कर कहा कि मीता को होश आ गया है, कोई एक व्यक्ति उस से जा कर मिल सकता है. लेकिन उसे नीता के बारे में कुछ न बताया जाए, वह यह सदमा सहन नहीं कर पाएगी.

उस की मम्मी मीता के पास गईं और उसे गले लगा लिया. मीता ने सब से
पहले दीदी का हाल पूछा, तो उस की मम्मी ने कहा कि उस का आपरेशन चल रहा है. सिर में गहरी चोट है. वह जल्दी ही ठीक हो जाएगी.

तीसरे दिन मीता को अस्पताल से घर लाया जाता है. मीता ने जैसे ही घर में कदम रखा, कमरे में नीता की तसवीर पर माला देख चीख पड़ी और कहा, “आप लोगों ने मुझे क्यों नहीं बताया?”

उस की मम्मी ने कहा, “डाक्टर ने हम से मना किया था तुम्हें बताने को. और हम तुम्हें खोना नहीं चाहते थे. अब तुम ही हमारी नीता हो और तुम ही मीता.

इतना कह कर मम्मी और मीता रोने लगीं.

कहते हैं ना, समय हर जख्म भर देता है. धीरेधीरे मीता सामान्य हो रही थी, लेकिन उस के मम्मीपापा ने अपना घर दूसरी जगह ले लिया था.

पुलिस ने काफी खोजबीन की, लेकिन नीता का एक्सीडेंट किस की गाड़ी से हुआ था, यह नहीं पता चल सका.

इधर सुरेश भी परेशान था, क्योंकि एक्सीडेंट उस की गाड़ी से हुआ था. अगर लड़कियों को कुछ होता है तो उस पर पुलिस
केस हो जाएगा और उस की जिंदगी फिर जेल में कटेगी.

उस ने अपने भाई मोंटी से कह दिया था कि तू ने अगर एक्सीडेंट की बात किसी को बताई, तो मैं तुझे छोड़ कर चला जाऊंगा.

मोंटी अपने भाई को बहुत प्यार करता था, इसलिए उस ने एक्सीडेंट की बात किसी को नहीं बताई.

धीरेधीरे समय अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा था. मीता की प्रसिद्धि के चर्चे चारों ओर फैल रहे थे. कभी
उसे पढ़ाई में, कभी खेलकूद प्रतियोगिता में और कभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाने लगा.

एक दिन मोंटी ने मीता की फोटो अखबार में देखी, तो वह तुरंत ही उसे पहचान गया कि यह वही एक्सीडेंट वाली लड़की है, लेकिन इस से मिले कैसे, क्योंकि वह दूसरे स्कूल में थी. उस ने अपने पापा से जिद कर के मीता के स्कूल में ही
एडमिशन ले लिया. अब मीता और मोंटी एक ही क्लास में थे. मोंटी चाहता था कि किसी तरह उसे पता चल जाए कि मीता की बड़ी बहन कैसी है, लेकिन वह उस से एकदम पूछ भी तो नहीं सकता था, क्योंकि कभी मीता को पता चल गया तो उस के भाई को पुलिस ले जाएगी और वह अपने भाई से हमेशा के लिए दूर हो जाएगा. मोंटी भी पढ़ाई में बहुत होशियार था. मीता और मोंटी की दोस्ती जल्दी हो गई, क्योंकि टीचर ने मीता से कहा कि मोंटी का एडमिशन लेट हुआ है, इसलिए उस का छूटा हुआ सारा कोर्स मीता अपनी कौपी दे कर करवा दे. इसी सिलसिले में वे दोनों आपस में बातें करने लगे.

दोनों ही अपनी क्लास में प्रथम आते. मीता और मोंटी की पढ़ाई पूरी हो गई. दोनों ही अब नौकरी करने लगे थे.

मीता के मम्मीपापा चाहते थे कि वह अब शादी कर ले. जब उन्होंने मीता से शादी के सिलसिले में बात की, तो मीता ने कहा कि आप जिस
लड़के से कहेंगे, मैं शादी कर लूंगी.

तब मीता के मम्मीपापा ने उस के लिए एक योग्य लड़का तलाश किया.

रमेश मीता के पापा के दोस्त दिनेश अंकल का बेटा था. रमेश मीता को बचपन से जानता था. दोनों परिवार ने सादे तरीके से इन दोनों की सगाई कर दी और अगले महीने की 25 तारीख को शादी तय कर दी. दोनों परिवार में शादी की तैयारियां होने लगीं.

मीता के औफिस में एक संजू नाम का लड़का भी उसे बहुत चाहता था, लेकिन मीता को इस बारे में पता नहीं था, क्योंकि संजू ने कभी मीता से कुछ कहा ही नहीं.

जब संजू को मीता की सगाई के बारे में पता चला, तो वह परेशान हो गया. उस ने मीता से कहा कि वह उसे बहुत चाहता है और तुम किसी और से शादी कर रही हो, मैं तुम्हारी शादी किसी और से नहीं होने दूंगा.

यह सुन मीता ने कहा, “संजू तुम ने तो मुझ से कभी कुछ कहा नहीं और मैं ने भी कभी तुम्हें चाहा नहीं, तुम औफिस में साथ काम करते हो, जैसे दूसरे लोगों से मैं बात करती हूं, वैसे ही तुम से करती थी. तुम्हें गलतफहमी कैसे हो गई कि मैं तुम से प्यार करती हूं.”

तब संजू ने कहा, “मैं तो तुम्हें हमेशा से चाहता था.”

मीता ने कहा, “तुम चाहते थे, मैं नहीं. मैं ने तो हमेशा से यही सोचा था कि जिस लड़के को मेरे मम्मीपापा पसंद करेंगे, मैं उसी लड़के से शादी करूंगी,” इतना कह कर मीता अपना काम करने लगी.

उस के बाद संजू ने मीता से बात नहीं की.

आज मीता अपनी शादी का कार्ड सब को दे रही थी और कह रही थी कि आप सभी को शादी में जरूर आना है.

संजू उस के पास आ कर बोला, “मीता, मुझे नहीं बुलाओगी?”

मीता ने मुसकराते हुए कहा, “तुम भी आना.”

और सब को बाय कह कर एक महीने के बाद सब से मिलने की कह वह औफिस से घर आ गई.

आज मीता को संजू कुछ बदलाबदला सा लगा. उस का व्यवहार कुछ अजीब सा लगा. उस ने मोंटी को संजू की सारी बातें बताईं.

मोंटी ने कहा, “मीता, अगर तुम्हें डर लग रहा है कि कहीं संजू कुछ गड़बड़ न करे शादी में, तो हम पुलिस की
मदद ले सकते हैं.”

मीता और मोंटी पुलिस स्टेशन गए और टीआई से सारी बातें बतलाईं, तब टीआई ने कहा, “तुम्हारा
कोई फोटो या कोई और चीज उस के पास है, जिस से यह साबित हो कि तुम उसे चाहती थीं.”

मीता ने कहा, “सर, ऐसा
कुछ नहीं है हमारे बीच. संजू ने खुद कभी नहीं कहा कि वह उसे चाहता है और मैं ने तो कभी उस से ज्यादा बात भी नहीं की. वह तो सगाई की खबर सुन कर बौखला गया. उस ने मुझ से कहा कि वह उसे चाहता है.”

मीता की बात सुन टीआई ने कहा, “तुम चिंता मत करो. हम शादी के दिन 2 पुलिस वाले सादा कपड़ों में तुम्हारे घर पर तैनात कर देंगे.”

यह सुन कर मीता ने चैन की सांस ली और दोनों वहां से आ गए.

आज मीता की शादी थी. घर में खूब धूमधाम हो रही थी.

मीता नीता की फोटो के सामने खड़े हो कर रो रही थी. उसे आज अपनी दीदी नीता की बहुत याद आ रही थी. उस की मम्मी ने आ कर कहा, “बेटी नीचे चलो. बरात आ गई है.”

मांबेटी दोनों नीचे आ गईं.

मीता को देख कर सभी कह रहे थे कि वह तो आज परी लग रही है.

रमेश ने मीता को देखा, तो उसे देखता ही रह गया. मीता आज वाकई बहुत खूबसूरत लग रही थी.

मीता अपनी सहेलियों के साथ स्टेज की तरफ जा रही थी, तभी संजू दौड़ कर उस के पास पहुंचा और एसिड डाल कर गेट की तरफ भागा. तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया.

पूरे घर में मीता के चीखने की आवाज आ रही थी. मीता का चेहरा तो बच गया था, लेकिन दोनों हाथ जल गए थे.

मीता की आवाज सुन मोंटी दौड़ कर आया और फौरन क्लीनिक ले जाने लगा. जैसे ही उस ने मीता को गोद में उठाया, तो उस की नजर नीता की फोटो पर
पड़ी.

उसे देख कर मोंटी एकदम चौंक सा गया, क्योंकि मीता ने नीता के बारे में कभी कुछ नहीं बताया था और मोंटी ने भी यही सोचा था कि नीता ठीक ही होगी. सच बात तो यह थी कि वह नीता के बारे में बात करने से डरता था. उसे लगता था कि उस एक्सीडेंट की बात छिपा कर वह भी गुनाहगार है. जब वह बडा़ हुआ, तो उस ने कहा भी अपने मम्मीपापा से कि वह एक्सीडेंट की बात पुलिस में बताना चाहता है, लेकिन उस के पापा ने कहा, “जिस ने एक्सीडेंट किया था, वह तो खुद ही एक एक्सीडेंट में मारा गया है. अब तुम किसे सजा दिलवाना चाहते हो.”

पापा की बात सुन कर मोंटी भी चुप हो गया और एक्सीडेंट की बात दिमाग से निकाल दी. फिर मीता ने भी कभी कुछ नहीं बतलाया था. लेकिन आज नीता की
तसवीर पर माला देख कर वह एकदम चौंक गया था, लेकिन उसे इस समय मीता को अस्पताल ले कर जाना था, इसलिए उस ने किसी से भी नीता के बारे में बात नहीं की.

मीता के साथ उस के ससुराल वाले भी अस्पताल आए थे. थोड़ी देर रुकने के बाद वे यह कह कर लौट गए कि कल आएंगे.

मीता को जब होश आया, तो उस ने सब से पहले यही पूछा, “रमेश कहां हैं? उन्हें तो कुछ नहीं हुआ?”

मोंटी ने कहा, “सब ठीक है. किसी को कुछ नहीं हुआ. परेशान मत हो. तुम जल्दी ठीक हो जाओगी.”

दूसरे दिन भी रमेश नहीं आया और न ही मीता को फोन किया. 5 दिन हो गए थे मीता को अस्पताल में एडमिट हुए. वह ठीक हो रही थी. सभी उस से मिलने आते थे, लेकिन रमेश और उस के परिवार से कोई भी नहीं आया था.

मीता ने फोन पर रमेश से बात की. न आने का कारण उस ने जानना चाहा, तो रमेश ने कह दिया कि वह अब उस से शादी नहीं करना चाहता है.

मीता ने कहा भी कि एसिड मेरे ऊपर डाला गया है. जली मै हूं, तुम्हें मुझ से हमदर्दी होनी चाहिए. मेरा तो इस में कोई कुसूर भी नहीं है.

तब रमेश ने कहा, “कुसूर तुम्हारा है या नहीं, मुझे नहीं मालूम, लेकिन मैं अब तुम से शादी नहीं करना चाहता हूं और आज के बाद फोन मत करना.”

रमेश की बात सुन कर मीता रोने लगी, तब मोंटी ने मीता के कंधे पर हाथ रखते हुए समझाया कि मीता ऐसे लड़के के लिए आंसू मत बहाओ, जिसे अपनी होने वाली पत्नी पर भरोसा न हो, क्योंकि उस के मातापिता ने मीता को बदचलन कह कर रिश्ता तोड़ दिया था.

मीता की हालत देख कर उस के मम्मीपापा भी रोने लगे. तब मोंटी ने कहा, “अंकल, आप चाहो तो मैं मीता से शादी करना चाहता हूं. मीता मेरा आज का
नहीं, बचपन का प्यार है. मीता से शादी कर के मैं अपने भाई के गुनाह का प्रायश्चित्त करना चाहता हूं और मोंटी ने एक्सीडेंट वाली घटना के बारे में मीता और उस के पापा को सारी बात बता दी.

मीता ने कहा, “मोंटी, तुम बहुत छोटे थे एक्सीडेंट के समय, फिर भी तुम ने कोशिश की थी तुम्हारे भाई को सजा मिले, लेकिन तुम कामयाब न हो सके.”

“लेकिन तुम ने मीता को बताया क्यों नहीं?” मीता के पापा ने कहा, तब मोंटी ने कहा, “अंकल, एक्सीडेंट के 6 साल बाद ही मेरे भाई की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. और फिर भइया यही कहते थे कि उन लडकियों को कुछ नहीं हुआ होगा, क्योंकि उन्हें गाड़ी से जरा सा धक्का ही लगा था.” तब मीता के पापा ने कहा, “बेटा, गाड़ी के धक्के से नीता पत्थर पर गिर गई
थी और उस का सिर फट गया था. ज्यादा खून बहने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका.”

मोंटी ने माफी मांगते हुए कहा, “आप मुझे और मेरे भइया को माफ कर दीजिए.”

अंकल ने कहा, “जो बीत गया उसे वापस नहीं ला सकते हैं.”

अंकल ने मोंटी और मीता के रिश्ते को मंजूरी दे दी थी. इधर संजू ने अपने बयान में माना कि वह मीता मेम को चाहता था. उन्होंने हमेशा मुझे भइया कह कर ही बात की थी. मेरी ही मति मारी गई थी, जो इतनी खूबसूरत और अच्छी लड़की की जिंदगी बरबाद कर दी.

उधर संजू को सजा हो गई, इधर मोंटी और मीता की शादी सादगी से की गई, क्योंकि मीता के हाथ काफी जल गए थे.

अब मोंटी ही उस की देखभाल करता था. वह सोचता था कि जो गलती उस के भइया से अनजाने में हुई थी, जिस के कारण इस परिवार ने अपनी बेटी को खोया था. वह मीता और उस के परिवार की देखभाल और सेवा कर के अपना प्रायश्चित्त पूरा करना चाहता था. शायद यही उस की सजा भी थी.

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लेखिका– रेणु फ्रांसिस

नीता और मीता 2 बहनें थीं. हर चीज में अव्वल. पढ़ाई के साथसाथ वह हर चीज में आगे थीं. महल्लेभर की प्यारी थीं. किसी का भी काम हो, कभी मना नहीं करती थीं. सभी कहते कि ऊपर वाले ने इन्हें बड़ी फुरसत से बनाया है.

कहते हैं ना, जैसे दुख ज्यादा दिन तक नहीं रहता, वैसे ही खुशी भी ज्यादा दिन तक नहीं रहती. नीता अपनी छोटी बहन मीता के साथ स्कूल जा रही थी कि एक गाड़ी वाले ने नीता और मीता को टक्कर मार दी और तेज गति से फरार हो गया.

सुबह का समय था, सड़क पर लोग भी कम ही थे. फिर भी कुछ लोगों ने उन दोनों को अस्पताल पहुंचाया.

आईडेंटिटी कार्ड से फोन नंबर ले कर उन के पापा को और स्कूल में फोन किया. फोन पर एक्सीडेंट की खबर से उन के पापामम्मी और महल्ले के 8-10 लोग अस्पताल पहुंच गए.

ये भी पढ़ें- कफन: अपने पर लगा ठप्पा क्या हटा पाए रफीक मियां

जो लोग इन दोनों बहनों को अस्पताल लाए थे,
उन्होंने बताया कि ये दोनों तो अपने रास्ते जा रही थीं, लेकिन एक बाइक वाला  रांग साइड से आया और टक्कर मार कर चला गया. हम लोग दूर थे. जब तक हम वहां पहुंचे, वह काफी दूर जा चुका था. हेलमेट पहनने के कारण उस का चेहरा भी नहीं देख पाए.

डाक्टर ने बताया कि नीता के सिर में गहरी चोट लगी है. फिर भी हम उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं. मीता भी बेहोश है. उसे हलकी चोटें हैं, लेकिन वह दहशत से बेहोश है.

स्कूल का स्टाफ भी अस्पताल पहुंच गया था. पुलिस भी अस्पताल आ गई थी. थोड़ी देर में डाक्टर ने आ कर कह दिया, “सौरी, हम आप की बेटी को नहीं बचा पाए.”

यह सुन कर नीता की मां का रोरो कर बुरा हाल था. उधर मीता को अभी तक होश नहीं आया था. सभी यही कह रहे थे कि किसी तरह मीता को होश आ जाए और वह ठीक हो जाए.

ये भी पढ़ें- फैसला: सुरेश और प्रभाकर में से बिट्टी ने किसे चुना

इतने में नर्स ने आ कर कहा कि मीता को होश आ गया है, कोई एक व्यक्ति उस से जा कर मिल सकता है. लेकिन उसे नीता के बारे में कुछ न बताया जाए, वह यह सदमा सहन नहीं कर पाएगी.

उस की मम्मी मीता के पास गईं और उसे गले लगा लिया. मीता ने सब से
पहले दीदी का हाल पूछा, तो उस की मम्मी ने कहा कि उस का आपरेशन चल रहा है. सिर में गहरी चोट है. वह जल्दी ही ठीक हो जाएगी.

तीसरे दिन मीता को अस्पताल से घर लाया जाता है. मीता ने जैसे ही घर में कदम रखा, कमरे में नीता की तसवीर पर माला देख चीख पड़ी और कहा, “आप लोगों ने मुझे क्यों नहीं बताया?”

उस की मम्मी ने कहा, “डाक्टर ने हम से मना किया था तुम्हें बताने को. और हम तुम्हें खोना नहीं चाहते थे. अब तुम ही हमारी नीता हो और तुम ही मीता.

इतना कह कर मम्मी और मीता रोने लगीं.

कहते हैं ना, समय हर जख्म भर देता है. धीरेधीरे मीता सामान्य हो रही थी, लेकिन उस के मम्मीपापा ने अपना घर दूसरी जगह ले लिया था.

पुलिस ने काफी खोजबीन की, लेकिन नीता का एक्सीडेंट किस की गाड़ी से हुआ था, यह नहीं पता चल सका.

इधर सुरेश भी परेशान था, क्योंकि एक्सीडेंट उस की गाड़ी से हुआ था. अगर लड़कियों को कुछ होता है तो उस पर पुलिस
केस हो जाएगा और उस की जिंदगी फिर जेल में कटेगी.

उस ने अपने भाई मोंटी से कह दिया था कि तू ने अगर एक्सीडेंट की बात किसी को बताई, तो मैं तुझे छोड़ कर चला जाऊंगा.

मोंटी अपने भाई को बहुत प्यार करता था, इसलिए उस ने एक्सीडेंट की बात किसी को नहीं बताई.

धीरेधीरे समय अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा था. मीता की प्रसिद्धि के चर्चे चारों ओर फैल रहे थे. कभी
उसे पढ़ाई में, कभी खेलकूद प्रतियोगिता में और कभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाने लगा.

एक दिन मोंटी ने मीता की फोटो अखबार में देखी, तो वह तुरंत ही उसे पहचान गया कि यह वही एक्सीडेंट वाली लड़की है, लेकिन इस से मिले कैसे, क्योंकि वह दूसरे स्कूल में थी. उस ने अपने पापा से जिद कर के मीता के स्कूल में ही
एडमिशन ले लिया. अब मीता और मोंटी एक ही क्लास में थे. मोंटी चाहता था कि किसी तरह उसे पता चल जाए कि मीता की बड़ी बहन कैसी है, लेकिन वह उस से एकदम पूछ भी तो नहीं सकता था, क्योंकि कभी मीता को पता चल गया तो उस के भाई को पुलिस ले जाएगी और वह अपने भाई से हमेशा के लिए दूर हो जाएगा. मोंटी भी पढ़ाई में बहुत होशियार था. मीता और मोंटी की दोस्ती जल्दी हो गई, क्योंकि टीचर ने मीता से कहा कि मोंटी का एडमिशन लेट हुआ है, इसलिए उस का छूटा हुआ सारा कोर्स मीता अपनी कौपी दे कर करवा दे. इसी सिलसिले में वे दोनों आपस में बातें करने लगे.

दोनों ही अपनी क्लास में प्रथम आते. मीता और मोंटी की पढ़ाई पूरी हो गई. दोनों ही अब नौकरी करने लगे थे.

मीता के मम्मीपापा चाहते थे कि वह अब शादी कर ले. जब उन्होंने मीता से शादी के सिलसिले में बात की, तो मीता ने कहा कि आप जिस
लड़के से कहेंगे, मैं शादी कर लूंगी.

तब मीता के मम्मीपापा ने उस के लिए एक योग्य लड़का तलाश किया.

रमेश मीता के पापा के दोस्त दिनेश अंकल का बेटा था. रमेश मीता को बचपन से जानता था. दोनों परिवार ने सादे तरीके से इन दोनों की सगाई कर दी और अगले महीने की 25 तारीख को शादी तय कर दी. दोनों परिवार में शादी की तैयारियां होने लगीं.

मीता के औफिस में एक संजू नाम का लड़का भी उसे बहुत चाहता था, लेकिन मीता को इस बारे में पता नहीं था, क्योंकि संजू ने कभी मीता से कुछ कहा ही नहीं.

जब संजू को मीता की सगाई के बारे में पता चला, तो वह परेशान हो गया. उस ने मीता से कहा कि वह उसे बहुत चाहता है और तुम किसी और से शादी कर रही हो, मैं तुम्हारी शादी किसी और से नहीं होने दूंगा.

यह सुन मीता ने कहा, “संजू तुम ने तो मुझ से कभी कुछ कहा नहीं और मैं ने भी कभी तुम्हें चाहा नहीं, तुम औफिस में साथ काम करते हो, जैसे दूसरे लोगों से मैं बात करती हूं, वैसे ही तुम से करती थी. तुम्हें गलतफहमी कैसे हो गई कि मैं तुम से प्यार करती हूं.”

तब संजू ने कहा, “मैं तो तुम्हें हमेशा से चाहता था.”

मीता ने कहा, “तुम चाहते थे, मैं नहीं. मैं ने तो हमेशा से यही सोचा था कि जिस लड़के को मेरे मम्मीपापा पसंद करेंगे, मैं उसी लड़के से शादी करूंगी,” इतना कह कर मीता अपना काम करने लगी.

उस के बाद संजू ने मीता से बात नहीं की.

आज मीता अपनी शादी का कार्ड सब को दे रही थी और कह रही थी कि आप सभी को शादी में जरूर आना है.

संजू उस के पास आ कर बोला, “मीता, मुझे नहीं बुलाओगी?”

मीता ने मुसकराते हुए कहा, “तुम भी आना.”

और सब को बाय कह कर एक महीने के बाद सब से मिलने की कह वह औफिस से घर आ गई.

आज मीता को संजू कुछ बदलाबदला सा लगा. उस का व्यवहार कुछ अजीब सा लगा. उस ने मोंटी को संजू की सारी बातें बताईं.

मोंटी ने कहा, “मीता, अगर तुम्हें डर लग रहा है कि कहीं संजू कुछ गड़बड़ न करे शादी में, तो हम पुलिस की
मदद ले सकते हैं.”

मीता और मोंटी पुलिस स्टेशन गए और टीआई से सारी बातें बतलाईं, तब टीआई ने कहा, “तुम्हारा
कोई फोटो या कोई और चीज उस के पास है, जिस से यह साबित हो कि तुम उसे चाहती थीं.”

मीता ने कहा, “सर, ऐसा
कुछ नहीं है हमारे बीच. संजू ने खुद कभी नहीं कहा कि वह उसे चाहता है और मैं ने तो कभी उस से ज्यादा बात भी नहीं की. वह तो सगाई की खबर सुन कर बौखला गया. उस ने मुझ से कहा कि वह उसे चाहता है.”

मीता की बात सुन टीआई ने कहा, “तुम चिंता मत करो. हम शादी के दिन 2 पुलिस वाले सादा कपड़ों में तुम्हारे घर पर तैनात कर देंगे.”

यह सुन कर मीता ने चैन की सांस ली और दोनों वहां से आ गए.

आज मीता की शादी थी. घर में खूब धूमधाम हो रही थी.

मीता नीता की फोटो के सामने खड़े हो कर रो रही थी. उसे आज अपनी दीदी नीता की बहुत याद आ रही थी. उस की मम्मी ने आ कर कहा, “बेटी नीचे चलो. बरात आ गई है.”

मांबेटी दोनों नीचे आ गईं.

मीता को देख कर सभी कह रहे थे कि वह तो आज परी लग रही है.

रमेश ने मीता को देखा, तो उसे देखता ही रह गया. मीता आज वाकई बहुत खूबसूरत लग रही थी.

मीता अपनी सहेलियों के साथ स्टेज की तरफ जा रही थी, तभी संजू दौड़ कर उस के पास पहुंचा और एसिड डाल कर गेट की तरफ भागा. तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया.

पूरे घर में मीता के चीखने की आवाज आ रही थी. मीता का चेहरा तो बच गया था, लेकिन दोनों हाथ जल गए थे.

मीता की आवाज सुन मोंटी दौड़ कर आया और फौरन क्लीनिक ले जाने लगा. जैसे ही उस ने मीता को गोद में उठाया, तो उस की नजर नीता की फोटो पर
पड़ी.

उसे देख कर मोंटी एकदम चौंक सा गया, क्योंकि मीता ने नीता के बारे में कभी कुछ नहीं बताया था और मोंटी ने भी यही सोचा था कि नीता ठीक ही होगी. सच बात तो यह थी कि वह नीता के बारे में बात करने से डरता था. उसे लगता था कि उस एक्सीडेंट की बात छिपा कर वह भी गुनाहगार है. जब वह बडा़ हुआ, तो उस ने कहा भी अपने मम्मीपापा से कि वह एक्सीडेंट की बात पुलिस में बताना चाहता है, लेकिन उस के पापा ने कहा, “जिस ने एक्सीडेंट किया था, वह तो खुद ही एक एक्सीडेंट में मारा गया है. अब तुम किसे सजा दिलवाना चाहते हो.”

पापा की बात सुन कर मोंटी भी चुप हो गया और एक्सीडेंट की बात दिमाग से निकाल दी. फिर मीता ने भी कभी कुछ नहीं बतलाया था. लेकिन आज नीता की
तसवीर पर माला देख कर वह एकदम चौंक गया था, लेकिन उसे इस समय मीता को अस्पताल ले कर जाना था, इसलिए उस ने किसी से भी नीता के बारे में बात नहीं की.

मीता के साथ उस के ससुराल वाले भी अस्पताल आए थे. थोड़ी देर रुकने के बाद वे यह कह कर लौट गए कि कल आएंगे.

मीता को जब होश आया, तो उस ने सब से पहले यही पूछा, “रमेश कहां हैं? उन्हें तो कुछ नहीं हुआ?”

मोंटी ने कहा, “सब ठीक है. किसी को कुछ नहीं हुआ. परेशान मत हो. तुम जल्दी ठीक हो जाओगी.”

दूसरे दिन भी रमेश नहीं आया और न ही मीता को फोन किया. 5 दिन हो गए थे मीता को अस्पताल में एडमिट हुए. वह ठीक हो रही थी. सभी उस से मिलने आते थे, लेकिन रमेश और उस के परिवार से कोई भी नहीं आया था.

मीता ने फोन पर रमेश से बात की. न आने का कारण उस ने जानना चाहा, तो रमेश ने कह दिया कि वह अब उस से शादी नहीं करना चाहता है.

मीता ने कहा भी कि एसिड मेरे ऊपर डाला गया है. जली मै हूं, तुम्हें मुझ से हमदर्दी होनी चाहिए. मेरा तो इस में कोई कुसूर भी नहीं है.

तब रमेश ने कहा, “कुसूर तुम्हारा है या नहीं, मुझे नहीं मालूम, लेकिन मैं अब तुम से शादी नहीं करना चाहता हूं और आज के बाद फोन मत करना.”

रमेश की बात सुन कर मीता रोने लगी, तब मोंटी ने मीता के कंधे पर हाथ रखते हुए समझाया कि मीता ऐसे लड़के के लिए आंसू मत बहाओ, जिसे अपनी होने वाली पत्नी पर भरोसा न हो, क्योंकि उस के मातापिता ने मीता को बदचलन कह कर रिश्ता तोड़ दिया था.

मीता की हालत देख कर उस के मम्मीपापा भी रोने लगे. तब मोंटी ने कहा, “अंकल, आप चाहो तो मैं मीता से शादी करना चाहता हूं. मीता मेरा आज का
नहीं, बचपन का प्यार है. मीता से शादी कर के मैं अपने भाई के गुनाह का प्रायश्चित्त करना चाहता हूं और मोंटी ने एक्सीडेंट वाली घटना के बारे में मीता और उस के पापा को सारी बात बता दी.

मीता ने कहा, “मोंटी, तुम बहुत छोटे थे एक्सीडेंट के समय, फिर भी तुम ने कोशिश की थी तुम्हारे भाई को सजा मिले, लेकिन तुम कामयाब न हो सके.”

“लेकिन तुम ने मीता को बताया क्यों नहीं?” मीता के पापा ने कहा, तब मोंटी ने कहा, “अंकल, एक्सीडेंट के 6 साल बाद ही मेरे भाई की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. और फिर भइया यही कहते थे कि उन लडकियों को कुछ नहीं हुआ होगा, क्योंकि उन्हें गाड़ी से जरा सा धक्का ही लगा था.” तब मीता के पापा ने कहा, “बेटा, गाड़ी के धक्के से नीता पत्थर पर गिर गई
थी और उस का सिर फट गया था. ज्यादा खून बहने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका.”

मोंटी ने माफी मांगते हुए कहा, “आप मुझे और मेरे भइया को माफ कर दीजिए.”

अंकल ने कहा, “जो बीत गया उसे वापस नहीं ला सकते हैं.”

अंकल ने मोंटी और मीता के रिश्ते को मंजूरी दे दी थी. इधर संजू ने अपने बयान में माना कि वह मीता मेम को चाहता था. उन्होंने हमेशा मुझे भइया कह कर ही बात की थी. मेरी ही मति मारी गई थी, जो इतनी खूबसूरत और अच्छी लड़की की जिंदगी बरबाद कर दी.

उधर संजू को सजा हो गई, इधर मोंटी और मीता की शादी सादगी से की गई, क्योंकि मीता के हाथ काफी जल गए थे.

अब मोंटी ही उस की देखभाल करता था. वह सोचता था कि जो गलती उस के भइया से अनजाने में हुई थी, जिस के कारण इस परिवार ने अपनी बेटी को खोया था. वह मीता और उस के परिवार की देखभाल और सेवा कर के अपना प्रायश्चित्त पूरा करना चाहता था. शायद यही उस की सजा भी थी.

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December 10, 2021 at 10:00AM

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