Thursday 30 September 2021

किसानों के आश्रितों को नौकरी जल्द - divya himachal

आपदा प्रबंधन मंत्री अरुणा चौधरी के अफसरों को प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश.

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आपदा प्रबंधन मंत्री अरुणा चौधरी के अफसरों को प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश.

सीनियर सिटीजन के लिए मौका, 60 साल बाद भी नौकरी करना चाहते हैं तो यहां करें अप्लाई - Asianet News Hindi

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice & Empowerment) ने अपनी तरह की ये पहली पहल ...

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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice & Empowerment) ने अपनी तरह की ये पहली पहल ...

सरकारी नौकरी: हिमाचल में सिपाही भर्ती के लिए आज से ऑनलाइन करें आवेदन - Amar Ujala

हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों के लिए प्रस्तावित भर्ती के लिए आज यानि एक ...

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हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल के 1334 पदों के लिए प्रस्तावित भर्ती के लिए आज यानि एक ...

Chhattisgarh Government Industrial Training Institute Gaurela Pendra Marwahi Sarkari Recruitment

छत्तीसगढ़ गौरेला पेंड्रा मरवाही भर्ती. अपने लिए सरकारी नौकरी यहाँ से खोजें.

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छत्तीसगढ़ गौरेला पेंड्रा मरवाही भर्ती. अपने लिए सरकारी नौकरी यहाँ से खोजें.

36 साल की नौकरी के बाद सेवानिवृत्त हुए उम्मेद सिंह, लोगों ने कार्यशैली और व्यवहार की तारीफ की ...

इस दौरान लोगों ने कहा कि 36 साल की नौकरी के बाद रिटायर हो रहे गैडा ने लोगों की बेहद मदद ...

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इंदौर में भ्रष्ट इंजीनियर की लग्जरी लाइफ: 500 रुपए सैलरी से शुरुआत, 55 साल की नौकरी - Dainik Bhaskar

वहीं, वर्तमान में 7 साल की नौकरी और बची थी। अभी उसकी सैलरी 50 हजार रुपए थी। 19 लाख रुपए नकद ...

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वहीं, वर्तमान में 7 साल की नौकरी और बची थी। अभी उसकी सैलरी 50 हजार रुपए थी। 19 लाख रुपए नकद ...

प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिस के रूप में दें नौकरी : डीएम

प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिस के रूप में दें नौकरी : डीएम. जासं फतेहपुर डीएम अपूर्वा दुबे ने ...

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प्रशिक्षुओं को अप्रेंटिस के रूप में दें नौकरी : डीएम. जासं फतेहपुर डीएम अपूर्वा दुबे ने ...

नौकरी मांग रहे पैरा मेडिकल कर्मियों की पुलिस से धक्कामुक्की, कई हिरासत में लिए - अमर उजाला

जम्मू। एनएचएम के तहत इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज पर नियुक्त अनुबंधित पैरा मेडिकल ...

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जम्मू। एनएचएम के तहत इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज पर नियुक्त अनुबंधित पैरा मेडिकल ...

अतिथि प्रवक्ताओं ने लगाई नौकरी बचाने की गुहार - Budaun News - Amar Ujala

इसके बावजूद उन्हें राजकीय पॉलीटेक्निक से नौकरी से निकाला जा रहा है। इसके अलावा सहसवान ...

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इसके बावजूद उन्हें राजकीय पॉलीटेक्निक से नौकरी से निकाला जा रहा है। इसके अलावा सहसवान ...

असम में सरकारी नौकरी पाने के लिए एससी,एसटी, आदिवासी को दो बच्चों के नियम से छूट दी गई

धेमाजी (असम), 30 सितंबर असम मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ...

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धेमाजी (असम), 30 सितंबर असम मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ...

विद्यालय से कब्जा हटवाकर लगाया गया ताला - Chandauli News - Amar Ujala

चपरासी की नौकरी न मिलने पर पिछले दस सालों से माध्यमिक विद्यालय, जयमोहनी पर कब्जा कर चुके ...

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दिल्ली मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों को लगाया लाखों रुपए का चूना, न्याय की आस लेकर ...

ठग ने बेरोजगारों को दिल्ली के मेट्रो में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया, जिसके ...

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नौकरी के आखिरी दिन एचएसआईआईडीसी का सीनियर मैनेजर दस हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

सीनियर मैनेजर बलवीर भट्टी की नौकरी का आखिरी दिन था। ऑफिस में उनकी विदाई की तैयारी चल रही ...

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नौकरी का झांसा, सिम्स में नियुक्ति का थमाया जाली ज्वाइनिंग लेटर - Bhaskar Hindi

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज (सिम्स) में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ...

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डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। मेडिकल कॉलेज (सिम्स) में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ...

honda company ||में बिना किसी exprience के मिल रही है नौकरी आज ही करे call-9650057223 - Facebook

HONDA COMPANY ||में बिना किसी EXPRIENCE के मिल रही है नौकरी आज ही करे CALL-9650057223. The New India Assurance Company ...

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राज्यपाल दत्तात्रेय बोले : उपाधि ग्रहण करने के बाद नौकरी पाने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें - The ...

आप नौकरी पाने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें। श्री दत्तात्रेय ने आज इस दीक्षांत समारोह ...

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दिल्ली: रुपयों के लिए युवक ने रची अपने ही अपहरण की साजिश, भाई को मैसेज कर अगवा होने और 1.50 ...

तेजपाल ने बताया कि उनका बेटा न्यू रोहतक रोड, करोल बाग की एक निजी कंपनी में नौकरी करता ...

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डीसी सोनाली गिरी के आगे रो पड़ा नौकरी से निकाला नर्सिग स्टाफ

... जोखिम भरी ड्यूटी दे रहे कोरोना योद्धाओं को नौकरी से हाथ धोकर चुकाना पड़ रहा है।

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मंत्रालय में नौकरी का झांसा देकर महिला से गैंगरेप.... दोस्ती की, फिर 6 महीने तक बनाते रहे संबंध ...

इसके बाद भी उसकी नौकरी नहीं लगवाई। अब महिला ने मुजगहन थाने पहुंच कर आरोपियों के खिलाफ FIR ...

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कृषि विश्वविद्यालय ने मृतक आश्रित को दी नौकरी - Next Khabar

बिजेंद्र सिंह ने त्वरित कार्यवाही करते हुए दो माह के अंदर मृतक आश्रित को नौकरी सौंप दी ...

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Supriya Shrinate on Twitter: "सरकारी नौकरी और कुछ आर्थिक मदद से क्या एक 4 साल के बच्चे के पिता वापस ...

सरकारी नौकरी और कुछ आर्थिक मदद से क्या एक 4 साल के बच्चे के पिता वापस आ जाएँगे?

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सरकारी नौकरी और कुछ आर्थिक मदद से क्या एक 4 साल के बच्चे के पिता वापस आ जाएँगे?

Wednesday 29 September 2021

ITI GWALIOR में अप्रेंटिसशिप मेला: नौकरी पाने का सुनहरा मौका - भोपाल समाचार

आईटीआई उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इस मेले के माध्यम से नौकरी पाने का सुनहरा मौका है।

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आईटीआई उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इस मेले के माध्यम से नौकरी पाने का सुनहरा मौका है।

म्लेच्छ : दिनेश्वर जी ने आधी उम्र किराए के मकान में क्यों गुजार दी थी

लेखक- कंवल भारती

दिनेश्वर प्रसाद दुबे अपने नवनिर्मित मकान के सामने खड़े थे. तीनमंजिला मकान बन कर तैयार हो गया था. अब केवल पेंटिंग का काम बाकी था. बाहरभीतर कौन सा कलर होना है, यह वे मजदूरों को समझा रहे थे कि उसी समय उन्हें अपने निकट किसी स्कूटर के रुकने की आवाज आई. उन्होंने पीछे मुड़ कर देखा, उन के कालेज के बड़े बाबू हरीश थे. वे स्कूटर पर बैठे हुए ही जोर से बोले- ‘नमस्कार दिनेश्वर जी,’ जवाब में दिनेश्वर जी ने भी नमस्कार कहा. फिर बोले, ‘अरे हरीश जी, सब कुशल तो है. इधर कैसे?’

‘बस जी, फ़िलहाल तो कुशल है, आगे की नहीं कह सकते,’  हरीश जी बोले. ‘अरे हरीश जी, आगे की किसे पता है? बस, वर्तमान ही ठीक रहना चाहिए. और इस कालोनी  में कैसे?’ ‘दिनेश्वर जी, इस कालोनी में एक आईटीओ रहते हैं, उन्हीं से कुछ काम है.’  फिर बोले, ‘क्या यही मकान बनवाया है आप ने?’

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‘हां, एक छोटा सा प्लौट इस कालोनी में पहले से ही ले रखा था. रिटायरमैंट के बाद बनवा लिया. पूरी जिंदगी तो किराए के मकानों में कट गई. अब कहीं जा कर अपना घर नसीब हुआ है.’ ‘हां, अपना घर तो अपना ही होता है. बड़ा सकून मिलता है,’ हरीश जी ने हंस कर आगे पूछा, ‘तो कब गृहप्रवेश कर रहे हैं?’

‘बस, पेंट का काम पूरा हो जाए. उस के बाद…’  दिनेश्वर जी ने कहा. ‘कब का मुहूर्त निकला है?’ हरीश जी ने पूछा. दिनेश्वर जी ने उत्तर दिया, ‘अरे काहे का मुहूर्त?  मेरे लिए सब दिन बराबर हैं. एक बात बताओ, क्या बच्चा मुहूर्त देख कर पैदा होता है?’

‘नहीं,’ हरीश जी ने जवाब दिया. ‘क्या मनुष्य मुहूर्त देख कर मरता है?’ ‘नहीं.’ ‘तो, जब जनम-मरण में मुहूर्त नहीं, फिर बाकी चीजों में मुहूर्त क्यों? मेरे लिए तो कोई भी दिन अशुभ नहीं है,’ दिनेश्वर जी ने कहा.हरीश जी ने कोई जवाब नहीं दिया. शायद उन्होंने इस तर्क को समझने की भी कोशिश नहीं की और हंसते हुए चले गए.

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दिनेश्वर जी ने मकान का सारा काम खत्म होने के बाद अपने किराए के मकान से धीरेधीरे अपना सामान ला कर रखना शुरू कर दिया. और एक दिन पूरी तरह मकान में शिफ्ट हो गए. उन के 2 बच्चे थे- एक बेटा, एक बेटी. बेटी की शादी वे पहले ही कर चुके थे. बेटे की शादी उन्होंने नए मकान में आने के बाद की. नीचे की मंजिल में वे और उन की पत्नी रहते थे, दूसरी अर्थात बीच की मंजिल में उन के बेटेबहू रहते थे. तीसरी मंजिल के कमरे खाली थे. दिनेश्वर जी और उनकी पत्नी दोनों की राय थी कि कोई ढंग का किराएदार मिल जाए तो ऊपरी मंजिल के कमरे किराए पर उठा दिए जाएं. इस से कम से कम बैंक की किस्तें निकलने में ही मदद मिलेगी. जिस कालोनी में उन्होंने मकान बनवाया था, वह नाम से तो आदर्श कालोनी थी, पर उस में 90 फीसदी मकान ब्राह्मणों के थे. इस वजह से लोग उसे  ब्राह्मण कालोनी भी कहते थे.

एक शाम दिनेश्वर जी बरामदे में बैठे चाय पी रहे थे कि कौलबैल बजी. उन्होंने गेट खोल कर देखा, उन के पुराने पड़ोसी प्रोफैसर रामखिलावन थे. ‘अरे रामखिलावन जी, आप, आइएआइए, बैठिए,’ उन्होंने बरामदे में पड़ी कुरसियों की ओर इशारा करते हुए कहा. रामखिलावन जी जब बैठ गए, तो दिनेश्वर जी अंदर गए और थोड़ी देर बाद एक ट्रे में चाय व पानी का गिलास ले कर आए. रामखिलावन जी बोले, ‘इस का तो भाईसाहब आप ने बेकार ही कष्ट किया.’

‘अरे, कैसा कष्ट? आप पहली बार आए हैं. यह कैसे हो सकता है कि मैं चाय पीता रहूं, और आप…’ दिनेश्वर जी ने कहा.दोनों के बीच कुछ देर बातें हुईं. फिर दिनेश्वर जी ने कहा, ‘रामखिलावन जी, एक किराएदार की जरूरत है. कोई नजर में हो तो बताइएगा. रामखिलावन जी बोले, ‘एक है तो… एक प्रोफैसर आजमगढ़ से ट्रांसफर हो कर आए हैं. आर्ट फैकल्टी में आप के स्थान पर ही आए हैं. लेकिन आप उन को रखेंगे नहीं.’

‘क्यों रामखिलावन जी, ऐसी क्या बात है उन में जो मैं उन को नहीं रखूंगा?’ दिनेश्वर जी ने हैरत से पूछा.‘वह इसलिए कि आप ब्राह्मण हैं, और वह…’‘वह क्या?’ दिनेश्वर जी को जिज्ञासा हुई. उन्होंने कहा, ‘रामखिलावन जी, आप मेरे साथ इतने लंबे समय से कालेज में साथ रहे हैं और पड़ोसी भी रहे हैं. आप मेरी विचारधारा को जानते हैं. मैं मनुष्यों में भेद नहीं करता. फिर भी आप मेरे सिद्धांतों पर संदेह कर रहे हैं. अगर वह प्रोफैसर दलित भी होगा, तो भी मुझे एतराज नहीं है.’

‘लेकिन वह दलित नहीं है.’‘फिर, फिर कौन है?’रामखिलावन जी ने धीरे से कहा, ‘मुसलमान है.’‘ओह,’ दिनेश्वर जी मुसकराए, ‘तो क्या दिक्कत है, ले आओ. क्या मुसलमान मनुष्य नहीं है. रामखिलावन जी, बुरा मत मानना, संकोच आप के अंदर है, मेरे अंदर नहीं.’रामखिलावन जी खुशी से उछल पड़े, बोले, ‘साहब, मुझे बड़ी खुशी हुई. पर साहब, आप देख लीजिए, यह ब्राह्मण कालोनी है, आप को परेशानी हो सकती है.’

‘रामखिलावन जी, क्या परेशानी होगी. मैं किराए के मकान में नहीं रहता हूं जो मकानमालिक पर दबाव बना कर मुझे निकलवा देंगे. मेरा अपना मकान है, क्या यहां भी मेरी मरजी नहीं चलेगी?’ दिनेश्वर जी ने जोर दे कर कहा.‘ठीक है, मैं कल ही उन को आप के पास ले कर आता हूं. किराए वगैरह की आप बात कर लीजिएगा,’ यह कह कर रामखिलावन जी उठ गए.

प्रोफैसर असमत अली को दिनेश्वर प्रसाद के मकान में रहते हुए एक सप्ताह हो गया था. वे अकेले ही रहते थे. आजमगढ़ से अपना परिवार लाने का इरादा उन्होंने नहीं बनाया था. इस की जरूरत भी उन को नहीं थी क्योंकि उन के रिटायरमैंट में एकडेढ़ साल ही बचा था. उस के बाद तो उन्हें आजमगढ़ में ही रहना था. इतने कम समय के लिए वे क्या सामान लाएं और ले जाएं. वे सुबहशाम की चाय खुद बना लेते थे और एक समय खाना खाते थे. दिन में वे हलकाफुलका नाश्ता कर के काम चला लेते थे. शाम को रौयल टिफिन सर्विस से उन का टिफिन बंधा हुआ था. दिनेश्वर पहली बार किसी मुसलमान को इतना सात्विक भोजन करते देख रहे थे, जबकि उन के यहां महीने में एकदो बार मटन, चिकन और मछली भी बन जाती थी. यही नहीं, वे  नियंत्रित मात्रा में रसरंजन (शराब का सेवन) भी करते थे.

एक दिन शाम को दिनेश्वर जी ने असमत अली को अपनी बैठक में चाय पर बुलाया. वे अभी चाय पी ही रहे थे कि गले में भगवा गमछा डाले कुछ लड़कों ने धावा बोल दिया. वे जोरजोर से दरवाजा पीटने लगे. दिनेश्वर जी को गुस्सा आ गया, कौन बदतमीज है यह? उन्होंने दरवाजा खोल कर देखा, कुछ लड़के थे, जो इस कालोनी के नहीं लग रहे थे. उन्होंने कहा, ‘जब घंटी लगी है, तो दरवाजा क्यों पीट रहे हो? कौन हो तुम लोग लोग?’

 

‘आप ने एक मुसलमान को किराए पर रखा हुआ है,’  उन में से एक उपद्रवी बोला.‘हां, रखा हुआ है, तो?’  दिनेश्वर जी ने पूछा.‘उसे आप फौरन निकालो.दिनेश्वर जी को भी गुस्सा आ गया, ‘क्यों निकालो? तुम्हारे बाप का राज है क्या?’‘वह मुसलमान है,’  एक दूसरे उपद्रवी ने चीखते हुए कहा.दिनेश्वर जी बोले, ‘मुसलमान है तो क्या वह इस देश का नागरिक नहीं है? क्या इस देश में रहने का उसे हक नहीं है?’

‘हक है, लेकिन कोई मुसलमान हिंदू कोलोनी में नहीं रह सकता. कह दिया बस,’ दूसरा उपद्रवी बोला‘क्यों नहीं रह सकता यहां मुसलमान, वजह बताओ?’ ‘बस कह दिया, नहीं रह सकता,’ तीसरा बोला.

‘यह क्या बस कह दिया, बस कह दिया की रट लगा रखी है?  तुम यहां के कलैक्टर हो जो तुम्हारा हुक्म चलेगा? क्या सरकार ने कोई कानून बना दिया है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता?’ दिनेश्वर जी ने उन्हें लगभग लताड़ते हुए कहा.‘आप हमारी बात सीधे तरीके से क्यों नहीं समझ रहे हैं?’ चौथा उपद्रवी बोला‘कैसे समझूं, जब समझाओगे, तभी तो समझूंगा,’ दिनेश्वर जी ने कहा.

‘मुसलमान हिंदू कालोनी में नहीं रह सकता,’ पहले वाला बोला.‘वही तो मैं भी समझना चाह रहा हूं कि क्यों नहीं रह सकता?’ दिनेश्वर जी ने अपना सवाल फिर दोहराया.‘क्योंकि मुसलमान म्लेच्छ होता है,’ दूसरा उपद्रवी बोला.

दिनेश्वर जी को हंसी आ गई, बोले,  ‘म्लेच्छ किसे कहते हैं, जानते हो?’‘हां जानते हैं, मुसलमानों को म्लेच्छ कहते हैं,’ उसी दूसरे उपद्रवी ने जवाब दिया.‘गलत,’ दिनेश्वर जी ने संस्कृत में एक श्लोक सुनाया-

त्यक्तस्वधर्माचरणा निर्घृणा: परपीडका: चण्डाश्चहिंसका नित्यं म्लेच्छास्ते ह्यविवेकिन: ॥फिर बोले, ‘यह शुक्रनीतिसार का 44वां श्लोक है. इस में शुक्राचार्य कहते हैं— ‘जिन्होंने अपने  धर्म  का आचरण करना छोड़ दिया है, जो निर्घृण हैं, दूसरों को कष्ट पहुंचाते हैं, क्रोध करते हैं, नित्य हिंसा करते हैं, अविवेकी हैं- वे म्लेच्छ हैं.  इस हिसाब से तुम्हीं सब लोग म्लेच्छ  हुए.’

उपद्रवियों को  सांप सूंघ गया. फिर भी एक उपद्रवी ने पूछा, ‘हम कैसे म्लेच्छ हुए?’दिनेश्वर जी ने कहा, ‘वह इस तरह कि तुम लोग अपने धर्म का आचरण नहीं कर रहे, तुम मुसलमानों से घृणा कर रहे हो, यह धर्माचरण नहीं है. इसलिए तुम भी निर्घृण हो, तुम सब जिस तरह एक मुसलमान पर क्रोध कर रहे हो, उसे कष्ट पहुंचाने के लिए यहां आए हो, इस का मतलब है कि तुम रोज इसी घृणा के साथ जीते हो, तो तुम भी नित्य हिंसा कर रहे  हो.  इस प्रकार तुम लोगों में विवेक भी कहां बचा? फिर तुम हुए न म्लेच्छ?’

उपद्रवियों का दिमाग घूम गया. उन को खामोश देख कर दिनेश्वर जी ने आगे कहा, ‘अब तुम इस मुसलमान को देखो जो मेरे मकान में किराएदार हैं. ये अपने धर्म का आचरण कर रहे हैं. ये हिंदुओं से ही नहीं, किसी भी धर्म के व्यक्ति से घृणा नहीं करते हैं. ये प्रोफैसर हैं. डिग्री कालेज में बीए, एमए के छात्रों को पढ़ाते हैं. इन के छात्र सभी जातियों और धर्मों के हैं. ये किसी से भेदभाव नहीं करते, सभी को समान भाव से पढ़ाते हैं. ये किसी को कष्ट नहीं पहुंचाते. अब बताओ, ये किधर से म्लेच्छ हैं?.’

उपद्रवी लोग ज्यादा पढेलिखे नहीं थे. वे, बस, कुछ हिंदू संगठनों द्वारा हिंदूमुसलिम दंगा करवाने में उपयोग किए जाने के लिए पाले जाने वाले लोग थे, जिन के दिमागों में मुसलमानों और ईसाईयों के खिलाफ नफ़रत का यह बीज बो दिया गया था कि मुसलमान हिंदुओं और हिंदू धर्म के लिए खतरा हैं. उन में वास्तविकता को समझने का अपना विवेक नहीं था. हालांकि वे दिनेश्वर जी के तर्क से विचलित हो गए थे, पर वे हार मानने के लिए तैयार नहीं थे. जब उन्हें कोई जवाब नहीं सूझा, तो उन में से एक उपद्रवी ने कहा, ‘आप नहीं जानते कि मुसलमान लोग गाय काटते हैं, लवजिहाद कर के हिंदुओं की बहनबेटियों को जबरदस्ती मुसलमान बना लेते हैं.’

 

दिनेश्वर जी जानते थे कि ये लोग गाय और लवजिहाद पर जरूर आएंगे क्योंकि वे इसी तरह के एक नफरती हिंदू संगठन को नजदीक से जानते थे, जिस के नेता लड़कों को यही सब सिखाया करते थे. उस संगठन में दिनेश्वर जी के एकदो रिश्तेदार भी थे. वे उन को भी अपने संगठन में लेना चाहते थे, लेकिन उन्होंने उन की जहरीली विचारधारा को कभी स्वीकार नहीं किया. दिनेश्वर जी ने पूछा, ‘तुम में से किसकिस ने मुसलमानों को गाय काटते हुए देखा है?’ किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. दिनेश्वर जी ने फिर पूछा, ‘बोलो, तुम में से किसी ने तो देखा होगा? उन्होंने जवाब दिया, ‘हम में से किसी ने नहीं देखा.’  फिर दिनेश्वर जी ने उन्हें बताया, ‘जानते हो, पशु काटने और मांस बेचने का काम हिंदूमुसलमान नहीं करते, बल्कि कसाई या चिकवा लोग करते हैं. यह उन का पेशा है. हिंदू भी मांस खाते हैं. वे क्या खुद बकरा या सूअर काटते हैं? चाहे हिंदू हों, या मुसलमान, या कोई और, जो भी मांस खाते हैं, वे कसाई या चिकवे की दुकान से ही मांस लाते हैं. वे खुद पशु नहीं काटते हैं. गोवध पर कानूनन प्रतिबंध है. जो भी कसाई काटता है, उस पर कानून के तहत कार्यवाही होती है. तब कैसे मुसलमान गाय काट कर खाता है? यह व्यर्थ का आरोप है कि नहीं?’

वे लोग चुपचाप सुनते रहे. दिनेश्वर जी ने आगे कहा, ‘दूसरी बात तुम ने क्या कही? लवजिहाद की. तुम लोग इस कालोनी के तो हो नहीं. कहां रहते हो? चलो जाने दो इस सवाल को. जानता हूं कि तुम एक जगह के नहीं हो, अलगअलग बस्तियों से आए हो. अच्छा बताओ, तुम ने यह कैसे जाना कि मुसलमान हिंदुओं की बहनबेटियों को प्यार में फंसा कर मुसलमान बनाते हैं? क्या तुम्हारी बस्तियों में, जहां तुम रहते हो, ऐसी कोई घटना हुई?’

‘नहीं. हम होने ही नहीं देते अपने यहां ऐसी घटना,’ एक उपद्रवी ने गुस्से से कहा.‘फिर कहां पर हुआ लवजिहाद? कुछ जगहों का नाम तो बताओ?’ दिनेश्वर जी ने जोर दे कर कहा.उस ने जवाब दिया, ‘आप को नहीं पता, बरेली, कानपुर और लखनऊ में हुआ है लवजिहाद.’ ‘बस, ये 3 घटनाएं! उन तीनों घटनाओं का सच यह है कि पुलिस की तफ्तीश में उन में से किसी में भी धर्मपरिवर्तन की घटना नहीं हुई. तुम्हें जितना तुम्हारे हरामखोर नेताओं ने बताया, उतना ही तुम ने रट लिया. अखबार तुम पढते नहीं जो सचाई का तुम्हें पता चले. इन 3 घटनाओं से तुम ने समझ लिया कि हिंदू धर्म खतरे में पड़ गया?’ दिनेश्वर जी ने आश्चर्य प्रकट किया, फिर आगे बोले, ‘तुम्हें मालूम है, उत्तर प्रदेश में हिंदू आबादी कितनी है? मैं ही बताता हूं, हिंदुओं की संख्या 160 करोड़ के करीब है और मुसलमान 40 करोड़ से भी कम हैं. अगर लवजिहाद होता, तो मुसलमानों की आबादी इतनी कम होती या हिंदुओं से भी ज्यादा होती? बोलो, जवाब दो.’

वे कोई उत्तर न दे सके. बस, सिर झुकाए खड़े रहे. दिनेश्वर जी ने महसूस किया कि उन के दिमागों में कुछ चल रहा था. शायद वे आत्मग्लानि अनुभव कर रहे थे. इसी समय दिनेश्वर जी ने उन सब को अंदर बैठक में बैठाया और उन्हें समझाते हुए कहा, ‘मैं जानता हूं, तुम लोग धनी परिवारों से नहीं हो. लेकिन तुम्हारे नेता, जो तुम्हें मुसलमानों से नफ़रत करना सिखा रहे हैं, साधनसंपन्न लोग हैं. उन के बच्चे शहर के सब से मंहगे और बड़े स्कूलों में पढ़ रहे हैं. उन में एकाध के बच्चे विदेश में भी पढ़ रहे हैं. वे अपने बच्चों को मुसलमानों को मारने के लिए सड़कों पर नहीं भेजते, वे उन्हें डाक्टर, इंजीनियर और आईएएस बनवाएंगे. लेकिन तुम जैसे गरीब घरों के लड़कों को वे अपराधी बनाते हैं. असल में धर्म के नाम पर नफ़रत फैलाने वाले जिहादी वे लोग ही हैं. तुम यहां इस मुसलिम किराएदार को घर से निकाल कर मारने के लिए आए थे. तुम इस को मारते, तो क्या तुम बच जाते? क्या तुम्हारे खिलाफ एफआईआर न होती? जरूर होती, मैं स्वयं कराता. तुम जेल में होते, और तुम्हारे गरीब मांबाप अदालतों के चक्कर लगाते रहते. जिस संगठन से तुम जुड़े हुए हो, उस के लोग तुम्हारी कोई मदद न करते. उन्हें तुम जैसे दूसरे बेवकूफ मिल जाएंगे. क्यों अपनी जिंदगी खराब कर रहे हो? तुम्हारी इस नफ़रत का अंत जेल में ही है, और एक बार अगर जेल चले गए तो तुम्हारा क्या भविष्य रह जाएगा?’

 

वे सभी उपद्रवी अब शांत थे. उन में से एक ने कहा, ‘सर, हम गलती पर थे.’ दूसरे ने कहा, ‘आप ने हमारी आंखें खोल दीं.’ तीसरा बोला, ‘सौरी सर.’ चौथा बोला, ‘सचमुच सर, हम गलत रास्ते पर थे.’ वे सभी शर्मिंदा हो कर उठ कर जाने को हुए, तभी दिनेश्वर जी ने हंस कर कहा, ‘अब कहां चले मेरे बच्चो, चाय पी कर जाना.’ और उन्होंने घर में अपनी पत्नी को बुला कर सब के लिए चाय भेजने को कह दिया.

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लेखक- कंवल भारती

दिनेश्वर प्रसाद दुबे अपने नवनिर्मित मकान के सामने खड़े थे. तीनमंजिला मकान बन कर तैयार हो गया था. अब केवल पेंटिंग का काम बाकी था. बाहरभीतर कौन सा कलर होना है, यह वे मजदूरों को समझा रहे थे कि उसी समय उन्हें अपने निकट किसी स्कूटर के रुकने की आवाज आई. उन्होंने पीछे मुड़ कर देखा, उन के कालेज के बड़े बाबू हरीश थे. वे स्कूटर पर बैठे हुए ही जोर से बोले- ‘नमस्कार दिनेश्वर जी,’ जवाब में दिनेश्वर जी ने भी नमस्कार कहा. फिर बोले, ‘अरे हरीश जी, सब कुशल तो है. इधर कैसे?’

‘बस जी, फ़िलहाल तो कुशल है, आगे की नहीं कह सकते,’  हरीश जी बोले. ‘अरे हरीश जी, आगे की किसे पता है? बस, वर्तमान ही ठीक रहना चाहिए. और इस कालोनी  में कैसे?’ ‘दिनेश्वर जी, इस कालोनी में एक आईटीओ रहते हैं, उन्हीं से कुछ काम है.’  फिर बोले, ‘क्या यही मकान बनवाया है आप ने?’

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‘हां, एक छोटा सा प्लौट इस कालोनी में पहले से ही ले रखा था. रिटायरमैंट के बाद बनवा लिया. पूरी जिंदगी तो किराए के मकानों में कट गई. अब कहीं जा कर अपना घर नसीब हुआ है.’ ‘हां, अपना घर तो अपना ही होता है. बड़ा सकून मिलता है,’ हरीश जी ने हंस कर आगे पूछा, ‘तो कब गृहप्रवेश कर रहे हैं?’

‘बस, पेंट का काम पूरा हो जाए. उस के बाद…’  दिनेश्वर जी ने कहा. ‘कब का मुहूर्त निकला है?’ हरीश जी ने पूछा. दिनेश्वर जी ने उत्तर दिया, ‘अरे काहे का मुहूर्त?  मेरे लिए सब दिन बराबर हैं. एक बात बताओ, क्या बच्चा मुहूर्त देख कर पैदा होता है?’

‘नहीं,’ हरीश जी ने जवाब दिया. ‘क्या मनुष्य मुहूर्त देख कर मरता है?’ ‘नहीं.’ ‘तो, जब जनम-मरण में मुहूर्त नहीं, फिर बाकी चीजों में मुहूर्त क्यों? मेरे लिए तो कोई भी दिन अशुभ नहीं है,’ दिनेश्वर जी ने कहा.हरीश जी ने कोई जवाब नहीं दिया. शायद उन्होंने इस तर्क को समझने की भी कोशिश नहीं की और हंसते हुए चले गए.

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दिनेश्वर जी ने मकान का सारा काम खत्म होने के बाद अपने किराए के मकान से धीरेधीरे अपना सामान ला कर रखना शुरू कर दिया. और एक दिन पूरी तरह मकान में शिफ्ट हो गए. उन के 2 बच्चे थे- एक बेटा, एक बेटी. बेटी की शादी वे पहले ही कर चुके थे. बेटे की शादी उन्होंने नए मकान में आने के बाद की. नीचे की मंजिल में वे और उन की पत्नी रहते थे, दूसरी अर्थात बीच की मंजिल में उन के बेटेबहू रहते थे. तीसरी मंजिल के कमरे खाली थे. दिनेश्वर जी और उनकी पत्नी दोनों की राय थी कि कोई ढंग का किराएदार मिल जाए तो ऊपरी मंजिल के कमरे किराए पर उठा दिए जाएं. इस से कम से कम बैंक की किस्तें निकलने में ही मदद मिलेगी. जिस कालोनी में उन्होंने मकान बनवाया था, वह नाम से तो आदर्श कालोनी थी, पर उस में 90 फीसदी मकान ब्राह्मणों के थे. इस वजह से लोग उसे  ब्राह्मण कालोनी भी कहते थे.

एक शाम दिनेश्वर जी बरामदे में बैठे चाय पी रहे थे कि कौलबैल बजी. उन्होंने गेट खोल कर देखा, उन के पुराने पड़ोसी प्रोफैसर रामखिलावन थे. ‘अरे रामखिलावन जी, आप, आइएआइए, बैठिए,’ उन्होंने बरामदे में पड़ी कुरसियों की ओर इशारा करते हुए कहा. रामखिलावन जी जब बैठ गए, तो दिनेश्वर जी अंदर गए और थोड़ी देर बाद एक ट्रे में चाय व पानी का गिलास ले कर आए. रामखिलावन जी बोले, ‘इस का तो भाईसाहब आप ने बेकार ही कष्ट किया.’

‘अरे, कैसा कष्ट? आप पहली बार आए हैं. यह कैसे हो सकता है कि मैं चाय पीता रहूं, और आप…’ दिनेश्वर जी ने कहा.दोनों के बीच कुछ देर बातें हुईं. फिर दिनेश्वर जी ने कहा, ‘रामखिलावन जी, एक किराएदार की जरूरत है. कोई नजर में हो तो बताइएगा. रामखिलावन जी बोले, ‘एक है तो… एक प्रोफैसर आजमगढ़ से ट्रांसफर हो कर आए हैं. आर्ट फैकल्टी में आप के स्थान पर ही आए हैं. लेकिन आप उन को रखेंगे नहीं.’

‘क्यों रामखिलावन जी, ऐसी क्या बात है उन में जो मैं उन को नहीं रखूंगा?’ दिनेश्वर जी ने हैरत से पूछा.‘वह इसलिए कि आप ब्राह्मण हैं, और वह…’‘वह क्या?’ दिनेश्वर जी को जिज्ञासा हुई. उन्होंने कहा, ‘रामखिलावन जी, आप मेरे साथ इतने लंबे समय से कालेज में साथ रहे हैं और पड़ोसी भी रहे हैं. आप मेरी विचारधारा को जानते हैं. मैं मनुष्यों में भेद नहीं करता. फिर भी आप मेरे सिद्धांतों पर संदेह कर रहे हैं. अगर वह प्रोफैसर दलित भी होगा, तो भी मुझे एतराज नहीं है.’

‘लेकिन वह दलित नहीं है.’‘फिर, फिर कौन है?’रामखिलावन जी ने धीरे से कहा, ‘मुसलमान है.’‘ओह,’ दिनेश्वर जी मुसकराए, ‘तो क्या दिक्कत है, ले आओ. क्या मुसलमान मनुष्य नहीं है. रामखिलावन जी, बुरा मत मानना, संकोच आप के अंदर है, मेरे अंदर नहीं.’रामखिलावन जी खुशी से उछल पड़े, बोले, ‘साहब, मुझे बड़ी खुशी हुई. पर साहब, आप देख लीजिए, यह ब्राह्मण कालोनी है, आप को परेशानी हो सकती है.’

‘रामखिलावन जी, क्या परेशानी होगी. मैं किराए के मकान में नहीं रहता हूं जो मकानमालिक पर दबाव बना कर मुझे निकलवा देंगे. मेरा अपना मकान है, क्या यहां भी मेरी मरजी नहीं चलेगी?’ दिनेश्वर जी ने जोर दे कर कहा.‘ठीक है, मैं कल ही उन को आप के पास ले कर आता हूं. किराए वगैरह की आप बात कर लीजिएगा,’ यह कह कर रामखिलावन जी उठ गए.

प्रोफैसर असमत अली को दिनेश्वर प्रसाद के मकान में रहते हुए एक सप्ताह हो गया था. वे अकेले ही रहते थे. आजमगढ़ से अपना परिवार लाने का इरादा उन्होंने नहीं बनाया था. इस की जरूरत भी उन को नहीं थी क्योंकि उन के रिटायरमैंट में एकडेढ़ साल ही बचा था. उस के बाद तो उन्हें आजमगढ़ में ही रहना था. इतने कम समय के लिए वे क्या सामान लाएं और ले जाएं. वे सुबहशाम की चाय खुद बना लेते थे और एक समय खाना खाते थे. दिन में वे हलकाफुलका नाश्ता कर के काम चला लेते थे. शाम को रौयल टिफिन सर्विस से उन का टिफिन बंधा हुआ था. दिनेश्वर पहली बार किसी मुसलमान को इतना सात्विक भोजन करते देख रहे थे, जबकि उन के यहां महीने में एकदो बार मटन, चिकन और मछली भी बन जाती थी. यही नहीं, वे  नियंत्रित मात्रा में रसरंजन (शराब का सेवन) भी करते थे.

एक दिन शाम को दिनेश्वर जी ने असमत अली को अपनी बैठक में चाय पर बुलाया. वे अभी चाय पी ही रहे थे कि गले में भगवा गमछा डाले कुछ लड़कों ने धावा बोल दिया. वे जोरजोर से दरवाजा पीटने लगे. दिनेश्वर जी को गुस्सा आ गया, कौन बदतमीज है यह? उन्होंने दरवाजा खोल कर देखा, कुछ लड़के थे, जो इस कालोनी के नहीं लग रहे थे. उन्होंने कहा, ‘जब घंटी लगी है, तो दरवाजा क्यों पीट रहे हो? कौन हो तुम लोग लोग?’

 

‘आप ने एक मुसलमान को किराए पर रखा हुआ है,’  उन में से एक उपद्रवी बोला.‘हां, रखा हुआ है, तो?’  दिनेश्वर जी ने पूछा.‘उसे आप फौरन निकालो.दिनेश्वर जी को भी गुस्सा आ गया, ‘क्यों निकालो? तुम्हारे बाप का राज है क्या?’‘वह मुसलमान है,’  एक दूसरे उपद्रवी ने चीखते हुए कहा.दिनेश्वर जी बोले, ‘मुसलमान है तो क्या वह इस देश का नागरिक नहीं है? क्या इस देश में रहने का उसे हक नहीं है?’

‘हक है, लेकिन कोई मुसलमान हिंदू कोलोनी में नहीं रह सकता. कह दिया बस,’ दूसरा उपद्रवी बोला‘क्यों नहीं रह सकता यहां मुसलमान, वजह बताओ?’ ‘बस कह दिया, नहीं रह सकता,’ तीसरा बोला.

‘यह क्या बस कह दिया, बस कह दिया की रट लगा रखी है?  तुम यहां के कलैक्टर हो जो तुम्हारा हुक्म चलेगा? क्या सरकार ने कोई कानून बना दिया है कि मुसलमान यहां नहीं रह सकता?’ दिनेश्वर जी ने उन्हें लगभग लताड़ते हुए कहा.‘आप हमारी बात सीधे तरीके से क्यों नहीं समझ रहे हैं?’ चौथा उपद्रवी बोला‘कैसे समझूं, जब समझाओगे, तभी तो समझूंगा,’ दिनेश्वर जी ने कहा.

‘मुसलमान हिंदू कालोनी में नहीं रह सकता,’ पहले वाला बोला.‘वही तो मैं भी समझना चाह रहा हूं कि क्यों नहीं रह सकता?’ दिनेश्वर जी ने अपना सवाल फिर दोहराया.‘क्योंकि मुसलमान म्लेच्छ होता है,’ दूसरा उपद्रवी बोला.

दिनेश्वर जी को हंसी आ गई, बोले,  ‘म्लेच्छ किसे कहते हैं, जानते हो?’‘हां जानते हैं, मुसलमानों को म्लेच्छ कहते हैं,’ उसी दूसरे उपद्रवी ने जवाब दिया.‘गलत,’ दिनेश्वर जी ने संस्कृत में एक श्लोक सुनाया-

त्यक्तस्वधर्माचरणा निर्घृणा: परपीडका: चण्डाश्चहिंसका नित्यं म्लेच्छास्ते ह्यविवेकिन: ॥फिर बोले, ‘यह शुक्रनीतिसार का 44वां श्लोक है. इस में शुक्राचार्य कहते हैं— ‘जिन्होंने अपने  धर्म  का आचरण करना छोड़ दिया है, जो निर्घृण हैं, दूसरों को कष्ट पहुंचाते हैं, क्रोध करते हैं, नित्य हिंसा करते हैं, अविवेकी हैं- वे म्लेच्छ हैं.  इस हिसाब से तुम्हीं सब लोग म्लेच्छ  हुए.’

उपद्रवियों को  सांप सूंघ गया. फिर भी एक उपद्रवी ने पूछा, ‘हम कैसे म्लेच्छ हुए?’दिनेश्वर जी ने कहा, ‘वह इस तरह कि तुम लोग अपने धर्म का आचरण नहीं कर रहे, तुम मुसलमानों से घृणा कर रहे हो, यह धर्माचरण नहीं है. इसलिए तुम भी निर्घृण हो, तुम सब जिस तरह एक मुसलमान पर क्रोध कर रहे हो, उसे कष्ट पहुंचाने के लिए यहां आए हो, इस का मतलब है कि तुम रोज इसी घृणा के साथ जीते हो, तो तुम भी नित्य हिंसा कर रहे  हो.  इस प्रकार तुम लोगों में विवेक भी कहां बचा? फिर तुम हुए न म्लेच्छ?’

उपद्रवियों का दिमाग घूम गया. उन को खामोश देख कर दिनेश्वर जी ने आगे कहा, ‘अब तुम इस मुसलमान को देखो जो मेरे मकान में किराएदार हैं. ये अपने धर्म का आचरण कर रहे हैं. ये हिंदुओं से ही नहीं, किसी भी धर्म के व्यक्ति से घृणा नहीं करते हैं. ये प्रोफैसर हैं. डिग्री कालेज में बीए, एमए के छात्रों को पढ़ाते हैं. इन के छात्र सभी जातियों और धर्मों के हैं. ये किसी से भेदभाव नहीं करते, सभी को समान भाव से पढ़ाते हैं. ये किसी को कष्ट नहीं पहुंचाते. अब बताओ, ये किधर से म्लेच्छ हैं?.’

उपद्रवी लोग ज्यादा पढेलिखे नहीं थे. वे, बस, कुछ हिंदू संगठनों द्वारा हिंदूमुसलिम दंगा करवाने में उपयोग किए जाने के लिए पाले जाने वाले लोग थे, जिन के दिमागों में मुसलमानों और ईसाईयों के खिलाफ नफ़रत का यह बीज बो दिया गया था कि मुसलमान हिंदुओं और हिंदू धर्म के लिए खतरा हैं. उन में वास्तविकता को समझने का अपना विवेक नहीं था. हालांकि वे दिनेश्वर जी के तर्क से विचलित हो गए थे, पर वे हार मानने के लिए तैयार नहीं थे. जब उन्हें कोई जवाब नहीं सूझा, तो उन में से एक उपद्रवी ने कहा, ‘आप नहीं जानते कि मुसलमान लोग गाय काटते हैं, लवजिहाद कर के हिंदुओं की बहनबेटियों को जबरदस्ती मुसलमान बना लेते हैं.’

 

दिनेश्वर जी जानते थे कि ये लोग गाय और लवजिहाद पर जरूर आएंगे क्योंकि वे इसी तरह के एक नफरती हिंदू संगठन को नजदीक से जानते थे, जिस के नेता लड़कों को यही सब सिखाया करते थे. उस संगठन में दिनेश्वर जी के एकदो रिश्तेदार भी थे. वे उन को भी अपने संगठन में लेना चाहते थे, लेकिन उन्होंने उन की जहरीली विचारधारा को कभी स्वीकार नहीं किया. दिनेश्वर जी ने पूछा, ‘तुम में से किसकिस ने मुसलमानों को गाय काटते हुए देखा है?’ किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. दिनेश्वर जी ने फिर पूछा, ‘बोलो, तुम में से किसी ने तो देखा होगा? उन्होंने जवाब दिया, ‘हम में से किसी ने नहीं देखा.’  फिर दिनेश्वर जी ने उन्हें बताया, ‘जानते हो, पशु काटने और मांस बेचने का काम हिंदूमुसलमान नहीं करते, बल्कि कसाई या चिकवा लोग करते हैं. यह उन का पेशा है. हिंदू भी मांस खाते हैं. वे क्या खुद बकरा या सूअर काटते हैं? चाहे हिंदू हों, या मुसलमान, या कोई और, जो भी मांस खाते हैं, वे कसाई या चिकवे की दुकान से ही मांस लाते हैं. वे खुद पशु नहीं काटते हैं. गोवध पर कानूनन प्रतिबंध है. जो भी कसाई काटता है, उस पर कानून के तहत कार्यवाही होती है. तब कैसे मुसलमान गाय काट कर खाता है? यह व्यर्थ का आरोप है कि नहीं?’

वे लोग चुपचाप सुनते रहे. दिनेश्वर जी ने आगे कहा, ‘दूसरी बात तुम ने क्या कही? लवजिहाद की. तुम लोग इस कालोनी के तो हो नहीं. कहां रहते हो? चलो जाने दो इस सवाल को. जानता हूं कि तुम एक जगह के नहीं हो, अलगअलग बस्तियों से आए हो. अच्छा बताओ, तुम ने यह कैसे जाना कि मुसलमान हिंदुओं की बहनबेटियों को प्यार में फंसा कर मुसलमान बनाते हैं? क्या तुम्हारी बस्तियों में, जहां तुम रहते हो, ऐसी कोई घटना हुई?’

‘नहीं. हम होने ही नहीं देते अपने यहां ऐसी घटना,’ एक उपद्रवी ने गुस्से से कहा.‘फिर कहां पर हुआ लवजिहाद? कुछ जगहों का नाम तो बताओ?’ दिनेश्वर जी ने जोर दे कर कहा.उस ने जवाब दिया, ‘आप को नहीं पता, बरेली, कानपुर और लखनऊ में हुआ है लवजिहाद.’ ‘बस, ये 3 घटनाएं! उन तीनों घटनाओं का सच यह है कि पुलिस की तफ्तीश में उन में से किसी में भी धर्मपरिवर्तन की घटना नहीं हुई. तुम्हें जितना तुम्हारे हरामखोर नेताओं ने बताया, उतना ही तुम ने रट लिया. अखबार तुम पढते नहीं जो सचाई का तुम्हें पता चले. इन 3 घटनाओं से तुम ने समझ लिया कि हिंदू धर्म खतरे में पड़ गया?’ दिनेश्वर जी ने आश्चर्य प्रकट किया, फिर आगे बोले, ‘तुम्हें मालूम है, उत्तर प्रदेश में हिंदू आबादी कितनी है? मैं ही बताता हूं, हिंदुओं की संख्या 160 करोड़ के करीब है और मुसलमान 40 करोड़ से भी कम हैं. अगर लवजिहाद होता, तो मुसलमानों की आबादी इतनी कम होती या हिंदुओं से भी ज्यादा होती? बोलो, जवाब दो.’

वे कोई उत्तर न दे सके. बस, सिर झुकाए खड़े रहे. दिनेश्वर जी ने महसूस किया कि उन के दिमागों में कुछ चल रहा था. शायद वे आत्मग्लानि अनुभव कर रहे थे. इसी समय दिनेश्वर जी ने उन सब को अंदर बैठक में बैठाया और उन्हें समझाते हुए कहा, ‘मैं जानता हूं, तुम लोग धनी परिवारों से नहीं हो. लेकिन तुम्हारे नेता, जो तुम्हें मुसलमानों से नफ़रत करना सिखा रहे हैं, साधनसंपन्न लोग हैं. उन के बच्चे शहर के सब से मंहगे और बड़े स्कूलों में पढ़ रहे हैं. उन में एकाध के बच्चे विदेश में भी पढ़ रहे हैं. वे अपने बच्चों को मुसलमानों को मारने के लिए सड़कों पर नहीं भेजते, वे उन्हें डाक्टर, इंजीनियर और आईएएस बनवाएंगे. लेकिन तुम जैसे गरीब घरों के लड़कों को वे अपराधी बनाते हैं. असल में धर्म के नाम पर नफ़रत फैलाने वाले जिहादी वे लोग ही हैं. तुम यहां इस मुसलिम किराएदार को घर से निकाल कर मारने के लिए आए थे. तुम इस को मारते, तो क्या तुम बच जाते? क्या तुम्हारे खिलाफ एफआईआर न होती? जरूर होती, मैं स्वयं कराता. तुम जेल में होते, और तुम्हारे गरीब मांबाप अदालतों के चक्कर लगाते रहते. जिस संगठन से तुम जुड़े हुए हो, उस के लोग तुम्हारी कोई मदद न करते. उन्हें तुम जैसे दूसरे बेवकूफ मिल जाएंगे. क्यों अपनी जिंदगी खराब कर रहे हो? तुम्हारी इस नफ़रत का अंत जेल में ही है, और एक बार अगर जेल चले गए तो तुम्हारा क्या भविष्य रह जाएगा?’

 

वे सभी उपद्रवी अब शांत थे. उन में से एक ने कहा, ‘सर, हम गलती पर थे.’ दूसरे ने कहा, ‘आप ने हमारी आंखें खोल दीं.’ तीसरा बोला, ‘सौरी सर.’ चौथा बोला, ‘सचमुच सर, हम गलत रास्ते पर थे.’ वे सभी शर्मिंदा हो कर उठ कर जाने को हुए, तभी दिनेश्वर जी ने हंस कर कहा, ‘अब कहां चले मेरे बच्चो, चाय पी कर जाना.’ और उन्होंने घर में अपनी पत्नी को बुला कर सब के लिए चाय भेजने को कह दिया.

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September 30, 2021 at 10:00AM

लौकडाउन और अपराध : भाग 3

‘‘सुबूत तो रहा इस कैमरे के अंदर जिस पर अभी तुम ने अपना इकरारनामा किया है,’’ अपने कुरते के बटन पर लगा हुआ एक माइक्रो कैमरा दिखाते हुए वह लड़की बोली.

‘‘और अब बाकी की जिंदगी काटना जेल में,’’ दूसरी लड़की ने कहा.

‘‘पर, तुम कौन हो और यह पुलिस यहां तक कैसे पहुंची?’’

‘‘अरे, आजकल ऐसे सवाल कौन करता है और तुम लोग तो अपनेआप को बड़ा मास्टर सम झते हो. तुम्हें तो इतना पता होना चाहिए कि जीपीएस द्वारा हम किसी की भी लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं. और रही बात कि मैं कौन हूं, तो मैं बता दूं कि मैं उस लड़की की बड़ी बहन हूं, जिस का रेप तुम तीनों ने मिल कर किया था और ब्लैक मेल कर के पैसे भी ऐंठे थे,’’ उस लड़की ने कहा.

‘‘नहीं, हमें माफ कर दो, मैं उस रेप में शामिल नहीं था. और… और ,हम लोग कोई पेशेवर क्रिमिनल नहीं हैं… यह तो लौकडाउन के दौरान ऐसे हालात बन गए कि मजबूरन हमें यह काम करना पड़ा,’’ दिलावर कहे जा रहा था.

‘‘लौकडाउन तो सब के लिए था. इस का मतलब यह नहीं होता कि हम सब अपराध की राह पर चल पड़ें… अब जो किया है, उसे भुगतो,’’ पुलिस इंस्पैक्टर ने कहा.

उस के बाद उन लोगों के पास से भारी नकदी और कई मोबाइल फोन और लैपटौप भी मिला.

बस जो नहीं मिल सका… वह उन बेचारे लोगों की जिंदगियां थीं, जो इन लोगों के हाथों में पड़ने के बाद खत्म हो चुकी थीं

समस्या

सरकारी बनाम निजी अस्पताल

बदनामी के बहाने

निजीकरण की राह

मदन कोथुनियां

सरकारी अस्पतालों के खिलाफ पूंजीवादी मौडल के इन कर्ताधर्ताओं ने बदनामी की ऐसी मुहिम चलाई है कि जनता का उन से मोह भंग हो जाए और सरकार समाज कल्याण की जिम्मेदारी निजी लोगों के हाथों में सौंप कर चैन की नींद सो सके.

सरकारी अस्पतालों में देश की आजादी के बाद से अब तक मुलाजिमों की बहाली आबादी के हिसाब से नहीं हुई है, जिस का खमियाजा भारत की जनता भुगतती रही है और सत्ता में बैठे लोग इस का हल निजीकरण के रूप में देख रहे थे.

अभी सरकारी अस्पताल ही देश की जनता के कर्णधार बने हुए हैं. कुछ लाशों के वीडियो बना कर अफवाह फैलाई जा रही है कि सरकारी अस्पतालों में लाशों के साथ ही मरीजों का इलाज हो रहा है. उन को सम झना चाहिए कि देश पर आपदा आई है और सरकारों का जोर हमेशा निजीकरण पर रहा है, इसलिए कई कमियां सामने आ रही हैं.

आप खुद सोचिए कि सरकारी अस्पतालों में ग्रुप सी व ग्रुप डी की ज्यादातर नौकरियां आउटसोर्स कर दी गई हैं. न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से सरकार ठेकेदार को भुगतान करती है, मगर अस्पतालों में लाश उठाने, साफसफाई करने वालों को उस से भी कम यानी 10,000 से 12,000 रुपए दिए जाते हैं.

जब कोरोना को ले कर मीडिया इतना हौआ बना रहा है, तो कौन इतने कम पैसों में संक्रमण का खतरा  झेलने को तैयार होगा? न सरकार की घोषणा में उन को कवर किया गया है और न किसी तरह का कोई रिस्क अलाउंस दिया जा रहा है. सामान्य बीमारी से हुई मौत के बाद भी लाश उठाने से ये ठेके के कामगार इनकार कर देते हैं, इसलिए कभीकभार देरी हो जाती है और इस को ले कर सरकारी अस्पतालों को बदनाम किया जा रहा है.

असल बात यह है कि आमजन की जो सोच बना कर निजीकरण द्वारा विकास का जो गुब्बारा फुलाया गया था, वह फुस हो चुका है. किसी भी निजी अस्पताल में जा कर बताइए कि 2 दिन से बुखार आ रहा है, तो असल आईना सामने आ जाएगा.

आपदा निजी अस्पतालों का रोल जनता के सामने पेश कर रही है और सत्ता व निजी गठजोड़ इन को दूध का धुला ऐलान करने के लिए सरकारी अस्पतालों के खिलाफ एक मुहिम

चला रही है, ताकि जनता इन के

खिलाफ बगावत न करे और इन की लूट बरकरार रखने का इंतजाम बेरोकटोक चलता रहे.

डाक्टरी पेशे को ले कर इस देश में इतना बड़ा बवंडर खड़ा किया गया कि डाक्टर तो बीमारों के भगवान कहलाने लगें और जनता लाचारी में इन के आगे हाथ जोड़ कर लुटती रहे.

कौडि़यों के भाव निजी अस्पतालों को महंगी जमीनें दी गईं, जनता की पूंजी से कर्ज दे कर फाइव स्टार इमारतें खड़ी की गईं और जनता का पैसा बीमा कंपनियों के जरीए इन लुटेरों को देने का इंतजाम किया गया, मगर ये लुटेरे  आपदा को अवसर बना कर जनता को ही लूटना शुरू कर दिया.

जिस तरह का इन का गठजोड़ है, जिस तरह की इन की पहुंच है, जिस तरह के कारोबारी इन को चलाते हैं, उस के हिसाब से इस आपदा में सत्ता में बैठे लोगों के पास कुंभकरण बनने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

अब ये अस्पताल दादागीरी पर उतर चुके हैं और जो बीमा कराया है, उस की बत्ती बना लो, यहां तो रोकड़ा दोगे तो ही बिस्तर मिलेगा.

भारत में कारपोरेट अस्पतालों को ही निजी अस्पताल सम झ लिया गया है. डाक्टर आईपीएल के खिलाड़ी जैसे हैं और उद्योगपति उन को खरीद कर नियुक्ति देते हैं. सैलरी प्लस टोटल कमाई का कुछ फीसदी दिया जाता है और कमाई का मिनिमम टारगेट तय होता है.

कोई गरीब बिल का पेमेंट न कर सके, तो कारोबारी द्वारा नियुक्त कर्मचारी मरीज को चाहे बांध कर रखें, जैसे मध्य प्रदेश का मामला सामने आया था.

अब यह मान लेना चाहिए कि चिकित्सा जैसे नागरिकों के जीवनमरण यानी बुनियादी हक से जुड़े क्षेत्र का जिम्मा इन लुटेरों के हवाले करने के बजाय पूरी तरह से सरकार यानी सार्वजनिक क्षेत्र उठाएं. नागरिकों की जिंदगी से बड़ा कोई मुद्दा किसी देश की व्यवस्था के लिए नहीं होता.

अगर नागरिक ही जिंदा नहीं रहेंगे, तो लोकतंत्र में मतदान कौन करेगा? अगर नागरिक ही जिंदा नहीं रहेंगे, तो रैलियों की भीड़ कहां से आएगी? अगर नागरिक ही नहीं रहे, तो लोकतंत्र व संविधान की दुहाई देते हुए सड़कों को आबाद कौन करेगा?

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‘‘सुबूत तो रहा इस कैमरे के अंदर जिस पर अभी तुम ने अपना इकरारनामा किया है,’’ अपने कुरते के बटन पर लगा हुआ एक माइक्रो कैमरा दिखाते हुए वह लड़की बोली.

‘‘और अब बाकी की जिंदगी काटना जेल में,’’ दूसरी लड़की ने कहा.

‘‘पर, तुम कौन हो और यह पुलिस यहां तक कैसे पहुंची?’’

‘‘अरे, आजकल ऐसे सवाल कौन करता है और तुम लोग तो अपनेआप को बड़ा मास्टर सम झते हो. तुम्हें तो इतना पता होना चाहिए कि जीपीएस द्वारा हम किसी की भी लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं. और रही बात कि मैं कौन हूं, तो मैं बता दूं कि मैं उस लड़की की बड़ी बहन हूं, जिस का रेप तुम तीनों ने मिल कर किया था और ब्लैक मेल कर के पैसे भी ऐंठे थे,’’ उस लड़की ने कहा.

‘‘नहीं, हमें माफ कर दो, मैं उस रेप में शामिल नहीं था. और… और ,हम लोग कोई पेशेवर क्रिमिनल नहीं हैं… यह तो लौकडाउन के दौरान ऐसे हालात बन गए कि मजबूरन हमें यह काम करना पड़ा,’’ दिलावर कहे जा रहा था.

‘‘लौकडाउन तो सब के लिए था. इस का मतलब यह नहीं होता कि हम सब अपराध की राह पर चल पड़ें… अब जो किया है, उसे भुगतो,’’ पुलिस इंस्पैक्टर ने कहा.

उस के बाद उन लोगों के पास से भारी नकदी और कई मोबाइल फोन और लैपटौप भी मिला.

बस जो नहीं मिल सका… वह उन बेचारे लोगों की जिंदगियां थीं, जो इन लोगों के हाथों में पड़ने के बाद खत्म हो चुकी थीं

समस्या

सरकारी बनाम निजी अस्पताल

बदनामी के बहाने

निजीकरण की राह

मदन कोथुनियां

सरकारी अस्पतालों के खिलाफ पूंजीवादी मौडल के इन कर्ताधर्ताओं ने बदनामी की ऐसी मुहिम चलाई है कि जनता का उन से मोह भंग हो जाए और सरकार समाज कल्याण की जिम्मेदारी निजी लोगों के हाथों में सौंप कर चैन की नींद सो सके.

सरकारी अस्पतालों में देश की आजादी के बाद से अब तक मुलाजिमों की बहाली आबादी के हिसाब से नहीं हुई है, जिस का खमियाजा भारत की जनता भुगतती रही है और सत्ता में बैठे लोग इस का हल निजीकरण के रूप में देख रहे थे.

अभी सरकारी अस्पताल ही देश की जनता के कर्णधार बने हुए हैं. कुछ लाशों के वीडियो बना कर अफवाह फैलाई जा रही है कि सरकारी अस्पतालों में लाशों के साथ ही मरीजों का इलाज हो रहा है. उन को सम झना चाहिए कि देश पर आपदा आई है और सरकारों का जोर हमेशा निजीकरण पर रहा है, इसलिए कई कमियां सामने आ रही हैं.

आप खुद सोचिए कि सरकारी अस्पतालों में ग्रुप सी व ग्रुप डी की ज्यादातर नौकरियां आउटसोर्स कर दी गई हैं. न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से सरकार ठेकेदार को भुगतान करती है, मगर अस्पतालों में लाश उठाने, साफसफाई करने वालों को उस से भी कम यानी 10,000 से 12,000 रुपए दिए जाते हैं.

जब कोरोना को ले कर मीडिया इतना हौआ बना रहा है, तो कौन इतने कम पैसों में संक्रमण का खतरा  झेलने को तैयार होगा? न सरकार की घोषणा में उन को कवर किया गया है और न किसी तरह का कोई रिस्क अलाउंस दिया जा रहा है. सामान्य बीमारी से हुई मौत के बाद भी लाश उठाने से ये ठेके के कामगार इनकार कर देते हैं, इसलिए कभीकभार देरी हो जाती है और इस को ले कर सरकारी अस्पतालों को बदनाम किया जा रहा है.

असल बात यह है कि आमजन की जो सोच बना कर निजीकरण द्वारा विकास का जो गुब्बारा फुलाया गया था, वह फुस हो चुका है. किसी भी निजी अस्पताल में जा कर बताइए कि 2 दिन से बुखार आ रहा है, तो असल आईना सामने आ जाएगा.

आपदा निजी अस्पतालों का रोल जनता के सामने पेश कर रही है और सत्ता व निजी गठजोड़ इन को दूध का धुला ऐलान करने के लिए सरकारी अस्पतालों के खिलाफ एक मुहिम

चला रही है, ताकि जनता इन के

खिलाफ बगावत न करे और इन की लूट बरकरार रखने का इंतजाम बेरोकटोक चलता रहे.

डाक्टरी पेशे को ले कर इस देश में इतना बड़ा बवंडर खड़ा किया गया कि डाक्टर तो बीमारों के भगवान कहलाने लगें और जनता लाचारी में इन के आगे हाथ जोड़ कर लुटती रहे.

कौडि़यों के भाव निजी अस्पतालों को महंगी जमीनें दी गईं, जनता की पूंजी से कर्ज दे कर फाइव स्टार इमारतें खड़ी की गईं और जनता का पैसा बीमा कंपनियों के जरीए इन लुटेरों को देने का इंतजाम किया गया, मगर ये लुटेरे  आपदा को अवसर बना कर जनता को ही लूटना शुरू कर दिया.

जिस तरह का इन का गठजोड़ है, जिस तरह की इन की पहुंच है, जिस तरह के कारोबारी इन को चलाते हैं, उस के हिसाब से इस आपदा में सत्ता में बैठे लोगों के पास कुंभकरण बनने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

अब ये अस्पताल दादागीरी पर उतर चुके हैं और जो बीमा कराया है, उस की बत्ती बना लो, यहां तो रोकड़ा दोगे तो ही बिस्तर मिलेगा.

भारत में कारपोरेट अस्पतालों को ही निजी अस्पताल सम झ लिया गया है. डाक्टर आईपीएल के खिलाड़ी जैसे हैं और उद्योगपति उन को खरीद कर नियुक्ति देते हैं. सैलरी प्लस टोटल कमाई का कुछ फीसदी दिया जाता है और कमाई का मिनिमम टारगेट तय होता है.

कोई गरीब बिल का पेमेंट न कर सके, तो कारोबारी द्वारा नियुक्त कर्मचारी मरीज को चाहे बांध कर रखें, जैसे मध्य प्रदेश का मामला सामने आया था.

अब यह मान लेना चाहिए कि चिकित्सा जैसे नागरिकों के जीवनमरण यानी बुनियादी हक से जुड़े क्षेत्र का जिम्मा इन लुटेरों के हवाले करने के बजाय पूरी तरह से सरकार यानी सार्वजनिक क्षेत्र उठाएं. नागरिकों की जिंदगी से बड़ा कोई मुद्दा किसी देश की व्यवस्था के लिए नहीं होता.

अगर नागरिक ही जिंदा नहीं रहेंगे, तो लोकतंत्र में मतदान कौन करेगा? अगर नागरिक ही जिंदा नहीं रहेंगे, तो रैलियों की भीड़ कहां से आएगी? अगर नागरिक ही नहीं रहे, तो लोकतंत्र व संविधान की दुहाई देते हुए सड़कों को आबाद कौन करेगा?

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September 30, 2021 at 10:00AM

लौकडाउन और अपराध : भाग 2

वह लड़की बहुत घबरा रही थी. सड़क पर आ कर उस ने आटोरिकशा पकड़ा और सीधा अपने घर जा पहुंची. 2 लाख की रकम कोई छोटीमोटी रकम तो होती नहीं, जिस का इंतजाम आसानी से हो जाए और फिर घर में भी किस से पैसे मांगती? उस के खाते में भी इतने पैसे तो थे नहीं. दिनभर वह लड़की उल झन में ही पड़ी रही.

शाम तक जब वह लड़की पैसे ले कर नहीं पहुंची, तो उस लड़की के पास एक नए नंबर से फोन आया. ‘‘देख लड़की, शाम हो चुकी है… और तू अब भी नहीं आई है. यह तेरा वीडियो भी हम इंटरनैट पर डाल रहे हैं. इस के बाद तेरी जो बदनामी होगी, उस के लिए तू हम लोगों को दोष मत देना.

‘‘और हां, एक बात और… वैसे तो हम लोग प्रोफैशनल खूनी नहीं हैं… पर इस तेरे आशिक ने हम लोगों के चेहरे देख लिए हैं और हम लोगों के नाम भी जान गया है… इसलिए इस को तो निबटाना ही पड़ेगा,’’ कह कर उधर से फोन कट गया.

लड़की ने तुरंत उस नंबर पर दोबारा डायल किया, पर वह मोबाइल स्विच औफ हो गया था. शायद उन लड़कों ने अपनेआप को महफूज रखने के लिए  सिम कार्ड ही फेंक दिया था.उन लड़कों ने उस प्रेमी लड़के को गला घोंट कर मार दिया और वहां से फरार हो गए.

वह लड़की सम झ गई थी कि उस का बौयफ्रैंड मारा जा चुका है और उस का वीडियो भी इंटरनैट पर डाल दिया गया है. अब उस की जिंदगी में बदनामी के अलावा कुछ भी नहीं है, इसलिए दुख और डर के चलते उस लड़की ने घर में ही फांसी लगा कर जान दे दी.‘‘क्या यार दिलावर, हम लोगों ने इतना खर्चा किया और रिस्क भी लिया, पर हाथ में तो कुछ भी नहीं आया, उलटा हम लोगों ने एक बेकुसूर को भी मार दिया,’’ रमेश ने कहा.

‘‘जब वे मजा करने आए, तब उन को अच्छाबुरा नहीं सम झ में आ रहा था… और रह गई पैसे हाथ न आने की बात… तो उस के लिए थोड़ा ठंड रखो. जैसे ही कोई मोटी पार्टी हाथ चढ़ गई न, वैसे ही अपनी बल्लेबल्ले हो जाएगी,’’ दिलावर खुश होता हुआ बोला.इस घटना के बाद ये चारों और बेखौफ हो गए थे. उन के मन में पहली बार का वार खाली जाने का अफसोस भी था और पैसे भी हाथ नहीं लग पाए थे, इसलिए वे लोग हमेशा ही ऐसे जोड़ों की तलाश में और भी तेजी से लग गए थे, जो दुनिया से दूर आ कर अपने अरमानों को एक अलग उड़ान देना चाहते थे. और आजकल ऐसे जोड़ों को ढूंढ़ना कोई बड़ा मुश्किल काम नहीं था.

‘‘वह देख भाई… एक और आइटम अपने यार के साथ आ रही है और उन की बौडी लैंग्वेज भी यही बता रही है कि ये वही लोग हैं, जिन की हमें तलाश है,’’ रास्ते पर नजरें गड़ाए बैठे विवेक ने सब को आगाह कर दिया.यह जोड़ा भी बैठ कर कुछ देर तक बातें करता रहा और कुछ देर बाद लड़के ने लड़की के सारे कपड़े उतार कर संबंध बनाना शुरू कर दिया.

दिलावर और उस के साथी ने इन लोगों की एकएक हरकत का पूरा वीडियो बनाया. जब वह जोड़ा वहां से जाने लगा तो उन दोनों को पकड़ लिया और वहां बने एक खंभे से बांध दिया. उन्हें वही क्लिप दिखा कर ब्लैकमेल करने लगे और यह राज किसी को न बताने के एवज में फिर से उन्होंने 2 लाख रुपयों की मांग की.हालांकि वह जोड़ा अमीर घर का लग रहा था, पर 2 लाख रुपए की मांग किसी को भी ज्यादा लग सकती है.

‘‘यार दिलावर भाई… पैसेवैसे तो आते रहेंगे पर… इस  बंगाली रसगुल्ले को बिना चखे जाने देना इस की तौहीन होगी… और वैसे भी मैं ने बहुत दिन से कोई मिठाई नहीं चखी है.’’

विवेक की आंखों में हवस के कीड़े तैर रहे थे और उसे रमेश और जीत सिंह का भी समर्थन मिल गया था.‘‘नहीं… यारो… हम लोग अपनी नादानी में पहले ही उस लड़के को मार कर एक गुनाह कर चुके हैं… और अब किसी लड़की का रेप कर के हम लोगों को और गलत काम नहीं करना चाहिए, और फिर हमारा मकसद कुछ पैसा कमाना ही है… यह सब करने के लिए हम इस काम में नहीं आए थे,’’ दिलावर उन को ठीक रास्ते पर लाने की कोशिश कर रहा था, पर उन लड़कों के मुंह में तो एक खूबसूरत लड़की को देख कर पानी आ रहा था.

‘‘अरे भाई… जब यह लड़की इस लड़के के साथ सबकुछ कर सकती है… तो भला हम में क्या कांटे लगे हुए हैं,’’ यह कह कर विवेक उस लड़की के कोमल अंगों से खेलने लगा और फिर बारीबारी से रमेश और जीत सिंह ने भी उस लड़की के साथ रेप किया.दिलावर कोने में खड़ा यह सब सहन करता रहा. हालांकि वह जानता था कि उस ने बुरी राह पर चलना शुरू कर दिया है, पर बुराई और हैवानियत का फर्क उसे पता था और वह अब उस में और धंसना नहीं चाहता था.

वह जोड़ा मदद के लिए चीखता रहा, पर कोई भला वहां क्यों आता. उन लोगों ने उस लड़की को भी धमकी दे कर और शाम तक पैसे ले कर आने को कहा. पैसे न ले कर आने की हालत में वीडियो वायरल करने और लड़के को जान से मार देने की धमकी दे दी गई.

वह लड़की भी अपने पे्रमी को वहीं छोड़ कर पैसे का जुगाड़ करने के लिए अपने घर भेज दी गई.

घर पहुंच कर वह लड़की अपनी बदनामी और अपने साथ हुई घटना से बहुत परेशान थी और इस के अंजाम को सोचसोच कर और भी परेशान हो रही थी.उस लड़की की दीदी, जो एक साधारण औरत थी उन से अपनी छोटी बहन की परेशानी छिपी न रह सकी. उन्होंने जब कई बार अपनी छोटी बहन से पूछा, तो वह अपनेआप को रोक न सकी और उस ने रोतेरोते सारी बात अपनी बहन को बता दी.

उस का मन किया कि उन कुत्तों का मुंह नोंच खाए, पर बात उस की छोटी बहन की इज्जत से जुड़ी हुई थी, इसलिए बड़ी बहन ने दिमाग से काम लेना ही उचित सम झा और एक प्लान के तहत उस ने पैसों का इंतजाम किया और अपनी छोटी बहन को सम झाबु झा कर उन लोगों के अड्डे पर वापस भेजा और पैसे दे आने को कहा. छोटी बहन ने ऐसा ही किया. वह अपने बंधक प्रेमी को छुड़ा लाई और अपनी वीडियो की क्लिप भी उन लोगों से ले ली.

एक बार जब इस तरह मुफ्त में ही पैसे मिल गए तो उन चारों लड़कों  को पैसा कमाना बहुत आसान लगने लगा था. इस तरह से उन्होंने पुलिस की वरदी पहन कर बहुत लोगों को ठगा और उन से पैसे वसूले. जो लोग भी इन का शिकार होते थे, वे अपनी इज्जत बचाने के लिए चुप ही रहते थे.एक दिन की बात है. हाईवे के बाहर एक जगह दिलावर और उस के साथी किसी शिकार की तलाश में आंखें लगाए हुए बैठे थे कि तभी उन को सामने से 2 लड़कियां और एक लड़का आते दिखाई दिए.

‘‘भाई… आज तो हद हो गई. आज तो 2 के साथ एक… लड़का… बड़ी नाइंसाफी है तेरे राज में… किसी के पास एक ही नहीं और कोई 2-2 के साथ मजे कर रहा है… चलो, आने दो आज 2 के साथ एक का मजा देखते हैं.’’ वे दोनों लड़कियां और लड़का काफी देर तक बैठे बात करते रहे, तभी वहां पर छिपा हुआ दिलावर ऐंड गैंग बाहर निकल आया और उन तीनों को पकड़ कर बांध दिया और फिर वे उन लोगों को ब्लैकमेल करने लगे.

‘‘तुम लोग कौन हो और  ऐसा क्यों कर रहे हो?’’ लड़के ने पूछा.‘‘अरे, हम लोग पुलिस वाले हैं … दिखता नहीं क्या.’’‘‘वाह… बहुत समय है हमारे देश की पुलिस के पास जो अपराधियों को छोड़ कर हम बेकुसूर लोगों के पीछे पड़ी हुई है. तुम लोग हमें बेवकूफ नहीं बना सकते. हमें पता है कि तुम लोग नकली पुलिस वाले हो,’’ एक लड़की ने कहा. ‘‘हां… हां… सही पहचाना तू ने…  नहीं हैं हम असली पुलिस वाले… हम नकली लोग हैं… तुम्हारे जैसे मनचले लोगों का वीडियो बना कर उन्हें ब्लैकमेल करना ही हमारा काम है. और यही नहीं, अब जब हम तुम लोगों का रेप करेंगे और उस का वीडियो इंटरनैट पर डालेंगे तो तुम लोगों को असली और नकली पुलिस का फर्क पता चल जाएगा,’’ दिलावर एक सांस में काफीकुछ कह गया था.

इतना सुनते ही वे लड़कियां शोर मचाने लगीं और दिलावर ऐंड गैंग को हैरानी तब हुई, जब असली पुलिस वाले उन के सामने  आ गए और दिलावर और उस के साथियों को पकड़ कर उन की धुनाई करने लगे. ‘‘आप लोग हमें ऐसे नहीं मार सकते… आखिर सुबूत क्या है आप के पास हमारे कुसूरवार होने का?’’ विवेक बोला.

 

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वह लड़की बहुत घबरा रही थी. सड़क पर आ कर उस ने आटोरिकशा पकड़ा और सीधा अपने घर जा पहुंची. 2 लाख की रकम कोई छोटीमोटी रकम तो होती नहीं, जिस का इंतजाम आसानी से हो जाए और फिर घर में भी किस से पैसे मांगती? उस के खाते में भी इतने पैसे तो थे नहीं. दिनभर वह लड़की उल झन में ही पड़ी रही.

शाम तक जब वह लड़की पैसे ले कर नहीं पहुंची, तो उस लड़की के पास एक नए नंबर से फोन आया. ‘‘देख लड़की, शाम हो चुकी है… और तू अब भी नहीं आई है. यह तेरा वीडियो भी हम इंटरनैट पर डाल रहे हैं. इस के बाद तेरी जो बदनामी होगी, उस के लिए तू हम लोगों को दोष मत देना.

‘‘और हां, एक बात और… वैसे तो हम लोग प्रोफैशनल खूनी नहीं हैं… पर इस तेरे आशिक ने हम लोगों के चेहरे देख लिए हैं और हम लोगों के नाम भी जान गया है… इसलिए इस को तो निबटाना ही पड़ेगा,’’ कह कर उधर से फोन कट गया.

लड़की ने तुरंत उस नंबर पर दोबारा डायल किया, पर वह मोबाइल स्विच औफ हो गया था. शायद उन लड़कों ने अपनेआप को महफूज रखने के लिए  सिम कार्ड ही फेंक दिया था.उन लड़कों ने उस प्रेमी लड़के को गला घोंट कर मार दिया और वहां से फरार हो गए.

वह लड़की सम झ गई थी कि उस का बौयफ्रैंड मारा जा चुका है और उस का वीडियो भी इंटरनैट पर डाल दिया गया है. अब उस की जिंदगी में बदनामी के अलावा कुछ भी नहीं है, इसलिए दुख और डर के चलते उस लड़की ने घर में ही फांसी लगा कर जान दे दी.‘‘क्या यार दिलावर, हम लोगों ने इतना खर्चा किया और रिस्क भी लिया, पर हाथ में तो कुछ भी नहीं आया, उलटा हम लोगों ने एक बेकुसूर को भी मार दिया,’’ रमेश ने कहा.

‘‘जब वे मजा करने आए, तब उन को अच्छाबुरा नहीं सम झ में आ रहा था… और रह गई पैसे हाथ न आने की बात… तो उस के लिए थोड़ा ठंड रखो. जैसे ही कोई मोटी पार्टी हाथ चढ़ गई न, वैसे ही अपनी बल्लेबल्ले हो जाएगी,’’ दिलावर खुश होता हुआ बोला.इस घटना के बाद ये चारों और बेखौफ हो गए थे. उन के मन में पहली बार का वार खाली जाने का अफसोस भी था और पैसे भी हाथ नहीं लग पाए थे, इसलिए वे लोग हमेशा ही ऐसे जोड़ों की तलाश में और भी तेजी से लग गए थे, जो दुनिया से दूर आ कर अपने अरमानों को एक अलग उड़ान देना चाहते थे. और आजकल ऐसे जोड़ों को ढूंढ़ना कोई बड़ा मुश्किल काम नहीं था.

‘‘वह देख भाई… एक और आइटम अपने यार के साथ आ रही है और उन की बौडी लैंग्वेज भी यही बता रही है कि ये वही लोग हैं, जिन की हमें तलाश है,’’ रास्ते पर नजरें गड़ाए बैठे विवेक ने सब को आगाह कर दिया.यह जोड़ा भी बैठ कर कुछ देर तक बातें करता रहा और कुछ देर बाद लड़के ने लड़की के सारे कपड़े उतार कर संबंध बनाना शुरू कर दिया.

दिलावर और उस के साथी ने इन लोगों की एकएक हरकत का पूरा वीडियो बनाया. जब वह जोड़ा वहां से जाने लगा तो उन दोनों को पकड़ लिया और वहां बने एक खंभे से बांध दिया. उन्हें वही क्लिप दिखा कर ब्लैकमेल करने लगे और यह राज किसी को न बताने के एवज में फिर से उन्होंने 2 लाख रुपयों की मांग की.हालांकि वह जोड़ा अमीर घर का लग रहा था, पर 2 लाख रुपए की मांग किसी को भी ज्यादा लग सकती है.

‘‘यार दिलावर भाई… पैसेवैसे तो आते रहेंगे पर… इस  बंगाली रसगुल्ले को बिना चखे जाने देना इस की तौहीन होगी… और वैसे भी मैं ने बहुत दिन से कोई मिठाई नहीं चखी है.’’

विवेक की आंखों में हवस के कीड़े तैर रहे थे और उसे रमेश और जीत सिंह का भी समर्थन मिल गया था.‘‘नहीं… यारो… हम लोग अपनी नादानी में पहले ही उस लड़के को मार कर एक गुनाह कर चुके हैं… और अब किसी लड़की का रेप कर के हम लोगों को और गलत काम नहीं करना चाहिए, और फिर हमारा मकसद कुछ पैसा कमाना ही है… यह सब करने के लिए हम इस काम में नहीं आए थे,’’ दिलावर उन को ठीक रास्ते पर लाने की कोशिश कर रहा था, पर उन लड़कों के मुंह में तो एक खूबसूरत लड़की को देख कर पानी आ रहा था.

‘‘अरे भाई… जब यह लड़की इस लड़के के साथ सबकुछ कर सकती है… तो भला हम में क्या कांटे लगे हुए हैं,’’ यह कह कर विवेक उस लड़की के कोमल अंगों से खेलने लगा और फिर बारीबारी से रमेश और जीत सिंह ने भी उस लड़की के साथ रेप किया.दिलावर कोने में खड़ा यह सब सहन करता रहा. हालांकि वह जानता था कि उस ने बुरी राह पर चलना शुरू कर दिया है, पर बुराई और हैवानियत का फर्क उसे पता था और वह अब उस में और धंसना नहीं चाहता था.

वह जोड़ा मदद के लिए चीखता रहा, पर कोई भला वहां क्यों आता. उन लोगों ने उस लड़की को भी धमकी दे कर और शाम तक पैसे ले कर आने को कहा. पैसे न ले कर आने की हालत में वीडियो वायरल करने और लड़के को जान से मार देने की धमकी दे दी गई.

वह लड़की भी अपने पे्रमी को वहीं छोड़ कर पैसे का जुगाड़ करने के लिए अपने घर भेज दी गई.

घर पहुंच कर वह लड़की अपनी बदनामी और अपने साथ हुई घटना से बहुत परेशान थी और इस के अंजाम को सोचसोच कर और भी परेशान हो रही थी.उस लड़की की दीदी, जो एक साधारण औरत थी उन से अपनी छोटी बहन की परेशानी छिपी न रह सकी. उन्होंने जब कई बार अपनी छोटी बहन से पूछा, तो वह अपनेआप को रोक न सकी और उस ने रोतेरोते सारी बात अपनी बहन को बता दी.

उस का मन किया कि उन कुत्तों का मुंह नोंच खाए, पर बात उस की छोटी बहन की इज्जत से जुड़ी हुई थी, इसलिए बड़ी बहन ने दिमाग से काम लेना ही उचित सम झा और एक प्लान के तहत उस ने पैसों का इंतजाम किया और अपनी छोटी बहन को सम झाबु झा कर उन लोगों के अड्डे पर वापस भेजा और पैसे दे आने को कहा. छोटी बहन ने ऐसा ही किया. वह अपने बंधक प्रेमी को छुड़ा लाई और अपनी वीडियो की क्लिप भी उन लोगों से ले ली.

एक बार जब इस तरह मुफ्त में ही पैसे मिल गए तो उन चारों लड़कों  को पैसा कमाना बहुत आसान लगने लगा था. इस तरह से उन्होंने पुलिस की वरदी पहन कर बहुत लोगों को ठगा और उन से पैसे वसूले. जो लोग भी इन का शिकार होते थे, वे अपनी इज्जत बचाने के लिए चुप ही रहते थे.एक दिन की बात है. हाईवे के बाहर एक जगह दिलावर और उस के साथी किसी शिकार की तलाश में आंखें लगाए हुए बैठे थे कि तभी उन को सामने से 2 लड़कियां और एक लड़का आते दिखाई दिए.

‘‘भाई… आज तो हद हो गई. आज तो 2 के साथ एक… लड़का… बड़ी नाइंसाफी है तेरे राज में… किसी के पास एक ही नहीं और कोई 2-2 के साथ मजे कर रहा है… चलो, आने दो आज 2 के साथ एक का मजा देखते हैं.’’ वे दोनों लड़कियां और लड़का काफी देर तक बैठे बात करते रहे, तभी वहां पर छिपा हुआ दिलावर ऐंड गैंग बाहर निकल आया और उन तीनों को पकड़ कर बांध दिया और फिर वे उन लोगों को ब्लैकमेल करने लगे.

‘‘तुम लोग कौन हो और  ऐसा क्यों कर रहे हो?’’ लड़के ने पूछा.‘‘अरे, हम लोग पुलिस वाले हैं … दिखता नहीं क्या.’’‘‘वाह… बहुत समय है हमारे देश की पुलिस के पास जो अपराधियों को छोड़ कर हम बेकुसूर लोगों के पीछे पड़ी हुई है. तुम लोग हमें बेवकूफ नहीं बना सकते. हमें पता है कि तुम लोग नकली पुलिस वाले हो,’’ एक लड़की ने कहा. ‘‘हां… हां… सही पहचाना तू ने…  नहीं हैं हम असली पुलिस वाले… हम नकली लोग हैं… तुम्हारे जैसे मनचले लोगों का वीडियो बना कर उन्हें ब्लैकमेल करना ही हमारा काम है. और यही नहीं, अब जब हम तुम लोगों का रेप करेंगे और उस का वीडियो इंटरनैट पर डालेंगे तो तुम लोगों को असली और नकली पुलिस का फर्क पता चल जाएगा,’’ दिलावर एक सांस में काफीकुछ कह गया था.

इतना सुनते ही वे लड़कियां शोर मचाने लगीं और दिलावर ऐंड गैंग को हैरानी तब हुई, जब असली पुलिस वाले उन के सामने  आ गए और दिलावर और उस के साथियों को पकड़ कर उन की धुनाई करने लगे. ‘‘आप लोग हमें ऐसे नहीं मार सकते… आखिर सुबूत क्या है आप के पास हमारे कुसूरवार होने का?’’ विवेक बोला.

 

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September 30, 2021 at 10:00AM

लौकडाउन और अपराध : भाग 1

लेखक-नीरज कुमार मिश्रा

कोरोना माहमारी का असर जब कम हुआ तो जनजीवन फिर से सामान्य होने लगा, लोग औफिस जाने लगे, मार्केट पहले की तरह सजने लगी थी, और तो और अब प्रेमी भी एकदूसरे से बेरोकटोक मिलने लगे. कोरोना को रोकने के लिए किए गए लौकडाउन ने कोरोना की रोकथाम करने में कोई मदद की हो या न की हो, पर इस लौकडाउन के बाद बेरोजगारी को कितना बढ़ा दिया था, इस का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है.

पर हम सभी को इस पेट की आग बु झाने के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ता है. लौकडाउन के समय हमारी कहानी के बेरोजगार नौजवानों ने अपना पेट भरने के लिए जो रास्ता चुना, वह उन की नजरों में भले सही हो, पर समाज की नजरों में गलत है. एक महल्ले में रहने वाले 4 लड़के जीत सिंह, रमेश, दिलावर और विवेक कुमार अलगअलग जगहों पर नौकरी करते थे और कोरोना संकट के समय इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था और अब ये इधरउधर भटक रहे थे. इन के लिए अपने छोटेमोटे खर्चे निकालना भी मुश्किल हो रहा था.

‘‘इस कोरोना को भी हमारी जिंदगी में ही आना था क्या…? अच्छीखासी जिंदगी कट रही थी… अब हम क्या करेंगे… नौकरियों की कमी हो गई है, अब हम अपना खर्चा कैसे चलाएं?’’ दिलावर ने अपना गुस्सा सड़क पर पड़े एक कैन पर लात मार कर निकाला. ‘‘ऐसे समय में मु झे तो नहीं लगता कि हालफिलहाल हमें कोई नौकरी देगा, इसलिए हमें कुछ सोचना पड़ेगा. और वैसे भी देखो भाई, पैसा ही पैसे को खींचता है ये कहावत है तो पुरानी, पर अब भी फिट बैठती है,’’ जीत सिंह ने कहा.

‘‘मतलब क्या है तेरा?’’ दिलावर बोला. ‘‘मतलब यह है दोस्त कि अगर हमें कुछ कमाना है तो पहले कुछ इंवैस्ट करना होगा, उस के बाद ही कमाई हो सकेगी.’’ ‘‘अरे यार… क्यों मजाक करते हो… इंवैस्ट करने के लिए पैसे होते तो हम भला कोई धंधा ही न कर लेते,’’ रमेश ने कहा.

‘‘अरे नहीं यारो, तुम लोग मत घबराओ. मैं कोई बहुत बड़ा इंवैस्ट करने की बात नहीं कर रहा हूं, बस तुम लोगों को बढि़या वाली एक पुलिस की वरदी बनवानी होगी… या फिर किराए पर लेनी होगी, फिर देखो कमाई कैसे होती है,’’ दिलावर ने अपने आंखें बड़ी करते हुए कहा.

‘‘चल हट… उस के बाद क्या हम सड़कों पर खड़े हो कर गाडि़यों का चालान काटेंगे?’’ जीत सिंह ने गुस्सा दिखाया. ‘‘अरे, तुम लोग हां तो करो, फिर मैं प्लान बताता हूं,’’ दिलावर अब अपनेआप को गैंग का मुखिया सम झने लगा था. जब बाकी दोस्तों ने अनमने मन से हां कर दी, तो दिलावर ने सब को अपना प्लान बताया.

दिलावर का प्लान सुन कर बाकी के लोग बहुत खुश तो नहीं हुए, पर शायद सभी उस प्लान पर अमल करने को तैयार तो हो ही गए थे. और वैसे भी अब उन के पास और कोई चारा भी तो नहीं था. हर एक शहर के बाहर कुछ ऐसे बागबगीचे, पुराने स्मारक या खाली पड़े हुए स्कूल की बिल्डिंग जरूर होती हैं, जहां प्रेमी जोड़े छिपछिप कर मिलते हैं, खातेपीते हैं और मन की बातें करते हैं, तो कुछ प्रेमी जोड़े ऐसी जगहों को अपनी काम वासना पूरी करने का साधन भी बना लेते हैं.

ऐसा ही एक प्रेमी जोड़ा इस खंडहर की ओर दुनिया की नजरों से अपनेआप को बचाए हुए आगे बढ़ रहा था. खंडहर में एक माकूल जगह देख कर वे एकदूसरे को किस करने लगे और थोड़ी ही देर में वे दोनों एकदूसरे के कपड़े उतार कर  जिस्मानी संबंध बनाने में मस्त होने लगे. वे इस बात से अनजान थे कि कई जोड़ी आंखें और एक कैमरा उन्हें लगातार देखे जा रहा है.

अभी उन प्रेमियों की काम यात्रा बीच में ही थी कि खंडहर की दीवार के पीछे से अचानक से दिलावर और उस के साथी निकल पड़े. वे चारों पुलिस की वरदी में थे और कोई भी उन्हें  देख कर यह साबित नहीं कर सकता था कि वे असली पुलिस वाले नहीं हैं.

दिलावर उन प्रेमियों पर अपनी वरदी का रोब दिखाते हुए बोला, ‘‘तुम दोनों जो कर रहे हो, वह बाद में निबटाते रहना… अभी जो हम लोग कह रहे हैं, उस को सुनो… इस कैमरे में तुम लोगों की सारी करतूतें कैद हो गई हैं. अगर हम लोग चाहें तो एक मिनट में यह वीडियो इंटरनैट पर वायरल हो जाएगा और तुम लोग किसी को भी मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे.’’

वह प्रेमी जोड़ा बिना कपड़ों में था और अपने सामने पुलिस देख कर इतना घबरा गया था कि असली पुलिस और नकली पुलिस के बारे में फर्क कर पाने की बात तो उन के दिमाग में दूरदूर तक नहीं आ रही थी. हालांकि, आम जनता को भी असली और नकली पुलिस या असली और नकली वरदी का भेद करना आना चाहिए, पर भला जब मन में ही चोर हो तो ऐसी बातें दिमाग में नहीं आतीं.

‘‘चलो… थाने ले कर चलो इन्हें… वहीं इन के मांबाप को बुलाएंगे और इन की करतूत बताएंगे. और यह वीडियो भी दिखाएंगे,’’ जीत सिंह बोला. ‘‘नहीं भैयाजी, ऐसा मत करना… नहीं तो हमारी बहुत बदनामी हो जाएगी,’’ लड़के ने कपड़े पहनते हुए कहा.

‘‘तो ठीक है… अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारे मांबाप तक यह बात न पहुंचे और यह वीडियो इंटरनैट पर लीक न हो, तो आज शाम तक 2 लाख रुपए हमें दे दो नहीं तो यह वीडियो वायरल तो होगा ही, साथ में इस लड़की के घर वालों को भी भेज दे देंगे.

‘‘ठीक है… भैयाजी… हमें जाने दो… हम शाम तक पैसे ले आ कर आप को दे देंगे,’’ प्रेमी हाथ जोड़ कर बोला. ‘‘ओह हो… लड़का तो बड़ा सयाना लग रहा है… तुम क्या हमें बेवकूफ सम झते हो. तुम दोनों में से यह लड़की जा कर पैसे का इंतजाम करेगी और तुम हमारे पास ही रुकना. अगर शाम को

6 बजे तक पैसा नहीं आया, तो इस लड़के की लाश मिलेगी तुम को… सम झ गई?’’ दिलावर बोला. यह कह कर उन लोगों ने लड़के को बांध दिया और लड़की को जाने दिया. ‘‘तुम्हें क्या लगता है दिलावर, क्या यह लड़की वापस आएगी?’’ रमेश ने शक जाहिर किया.

‘‘अबे भाई… आई तो ठीक है… नहीं आई… तो कोई और शिकार देखा जाएगा,’’ दिलावर ने अपनी आंखों को सिकोड़ते हुए कहा.

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लेखक-नीरज कुमार मिश्रा

कोरोना माहमारी का असर जब कम हुआ तो जनजीवन फिर से सामान्य होने लगा, लोग औफिस जाने लगे, मार्केट पहले की तरह सजने लगी थी, और तो और अब प्रेमी भी एकदूसरे से बेरोकटोक मिलने लगे. कोरोना को रोकने के लिए किए गए लौकडाउन ने कोरोना की रोकथाम करने में कोई मदद की हो या न की हो, पर इस लौकडाउन के बाद बेरोजगारी को कितना बढ़ा दिया था, इस का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है.

पर हम सभी को इस पेट की आग बु झाने के लिए कुछ न कुछ तो करना ही पड़ता है. लौकडाउन के समय हमारी कहानी के बेरोजगार नौजवानों ने अपना पेट भरने के लिए जो रास्ता चुना, वह उन की नजरों में भले सही हो, पर समाज की नजरों में गलत है. एक महल्ले में रहने वाले 4 लड़के जीत सिंह, रमेश, दिलावर और विवेक कुमार अलगअलग जगहों पर नौकरी करते थे और कोरोना संकट के समय इन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था और अब ये इधरउधर भटक रहे थे. इन के लिए अपने छोटेमोटे खर्चे निकालना भी मुश्किल हो रहा था.

‘‘इस कोरोना को भी हमारी जिंदगी में ही आना था क्या…? अच्छीखासी जिंदगी कट रही थी… अब हम क्या करेंगे… नौकरियों की कमी हो गई है, अब हम अपना खर्चा कैसे चलाएं?’’ दिलावर ने अपना गुस्सा सड़क पर पड़े एक कैन पर लात मार कर निकाला. ‘‘ऐसे समय में मु झे तो नहीं लगता कि हालफिलहाल हमें कोई नौकरी देगा, इसलिए हमें कुछ सोचना पड़ेगा. और वैसे भी देखो भाई, पैसा ही पैसे को खींचता है ये कहावत है तो पुरानी, पर अब भी फिट बैठती है,’’ जीत सिंह ने कहा.

‘‘मतलब क्या है तेरा?’’ दिलावर बोला. ‘‘मतलब यह है दोस्त कि अगर हमें कुछ कमाना है तो पहले कुछ इंवैस्ट करना होगा, उस के बाद ही कमाई हो सकेगी.’’ ‘‘अरे यार… क्यों मजाक करते हो… इंवैस्ट करने के लिए पैसे होते तो हम भला कोई धंधा ही न कर लेते,’’ रमेश ने कहा.

‘‘अरे नहीं यारो, तुम लोग मत घबराओ. मैं कोई बहुत बड़ा इंवैस्ट करने की बात नहीं कर रहा हूं, बस तुम लोगों को बढि़या वाली एक पुलिस की वरदी बनवानी होगी… या फिर किराए पर लेनी होगी, फिर देखो कमाई कैसे होती है,’’ दिलावर ने अपने आंखें बड़ी करते हुए कहा.

‘‘चल हट… उस के बाद क्या हम सड़कों पर खड़े हो कर गाडि़यों का चालान काटेंगे?’’ जीत सिंह ने गुस्सा दिखाया. ‘‘अरे, तुम लोग हां तो करो, फिर मैं प्लान बताता हूं,’’ दिलावर अब अपनेआप को गैंग का मुखिया सम झने लगा था. जब बाकी दोस्तों ने अनमने मन से हां कर दी, तो दिलावर ने सब को अपना प्लान बताया.

दिलावर का प्लान सुन कर बाकी के लोग बहुत खुश तो नहीं हुए, पर शायद सभी उस प्लान पर अमल करने को तैयार तो हो ही गए थे. और वैसे भी अब उन के पास और कोई चारा भी तो नहीं था. हर एक शहर के बाहर कुछ ऐसे बागबगीचे, पुराने स्मारक या खाली पड़े हुए स्कूल की बिल्डिंग जरूर होती हैं, जहां प्रेमी जोड़े छिपछिप कर मिलते हैं, खातेपीते हैं और मन की बातें करते हैं, तो कुछ प्रेमी जोड़े ऐसी जगहों को अपनी काम वासना पूरी करने का साधन भी बना लेते हैं.

ऐसा ही एक प्रेमी जोड़ा इस खंडहर की ओर दुनिया की नजरों से अपनेआप को बचाए हुए आगे बढ़ रहा था. खंडहर में एक माकूल जगह देख कर वे एकदूसरे को किस करने लगे और थोड़ी ही देर में वे दोनों एकदूसरे के कपड़े उतार कर  जिस्मानी संबंध बनाने में मस्त होने लगे. वे इस बात से अनजान थे कि कई जोड़ी आंखें और एक कैमरा उन्हें लगातार देखे जा रहा है.

अभी उन प्रेमियों की काम यात्रा बीच में ही थी कि खंडहर की दीवार के पीछे से अचानक से दिलावर और उस के साथी निकल पड़े. वे चारों पुलिस की वरदी में थे और कोई भी उन्हें  देख कर यह साबित नहीं कर सकता था कि वे असली पुलिस वाले नहीं हैं.

दिलावर उन प्रेमियों पर अपनी वरदी का रोब दिखाते हुए बोला, ‘‘तुम दोनों जो कर रहे हो, वह बाद में निबटाते रहना… अभी जो हम लोग कह रहे हैं, उस को सुनो… इस कैमरे में तुम लोगों की सारी करतूतें कैद हो गई हैं. अगर हम लोग चाहें तो एक मिनट में यह वीडियो इंटरनैट पर वायरल हो जाएगा और तुम लोग किसी को भी मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे.’’

वह प्रेमी जोड़ा बिना कपड़ों में था और अपने सामने पुलिस देख कर इतना घबरा गया था कि असली पुलिस और नकली पुलिस के बारे में फर्क कर पाने की बात तो उन के दिमाग में दूरदूर तक नहीं आ रही थी. हालांकि, आम जनता को भी असली और नकली पुलिस या असली और नकली वरदी का भेद करना आना चाहिए, पर भला जब मन में ही चोर हो तो ऐसी बातें दिमाग में नहीं आतीं.

‘‘चलो… थाने ले कर चलो इन्हें… वहीं इन के मांबाप को बुलाएंगे और इन की करतूत बताएंगे. और यह वीडियो भी दिखाएंगे,’’ जीत सिंह बोला. ‘‘नहीं भैयाजी, ऐसा मत करना… नहीं तो हमारी बहुत बदनामी हो जाएगी,’’ लड़के ने कपड़े पहनते हुए कहा.

‘‘तो ठीक है… अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारे मांबाप तक यह बात न पहुंचे और यह वीडियो इंटरनैट पर लीक न हो, तो आज शाम तक 2 लाख रुपए हमें दे दो नहीं तो यह वीडियो वायरल तो होगा ही, साथ में इस लड़की के घर वालों को भी भेज दे देंगे.

‘‘ठीक है… भैयाजी… हमें जाने दो… हम शाम तक पैसे ले आ कर आप को दे देंगे,’’ प्रेमी हाथ जोड़ कर बोला. ‘‘ओह हो… लड़का तो बड़ा सयाना लग रहा है… तुम क्या हमें बेवकूफ सम झते हो. तुम दोनों में से यह लड़की जा कर पैसे का इंतजाम करेगी और तुम हमारे पास ही रुकना. अगर शाम को

6 बजे तक पैसा नहीं आया, तो इस लड़के की लाश मिलेगी तुम को… सम झ गई?’’ दिलावर बोला. यह कह कर उन लोगों ने लड़के को बांध दिया और लड़की को जाने दिया. ‘‘तुम्हें क्या लगता है दिलावर, क्या यह लड़की वापस आएगी?’’ रमेश ने शक जाहिर किया.

‘‘अबे भाई… आई तो ठीक है… नहीं आई… तो कोई और शिकार देखा जाएगा,’’ दिलावर ने अपनी आंखों को सिकोड़ते हुए कहा.

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September 30, 2021 at 10:00AM

पंजाब के सीएम चन्नी का एलान: ओलंपिक पदक विजेता हॉकी टीम का हिस्सा रहे पंजाब के खिलाड़ियों को ...

इस दौरान उन्होंने सभी खिलाड़ियों को मनपसंद की नौकरी देने का एलान किया।

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इस दौरान उन्होंने सभी खिलाड़ियों को मनपसंद की नौकरी देने का एलान किया।

बाराबंकी के एक हजार युवाओं को नौकरी देगा ब्रिटानिया कंपनी का प्लांट: CM योगी - India TV Hindi

इसके अलावा विकास की धुरी से जोड़ने के लिए 500 करोड़ की परियोजनाओं की सौगत दी। बाराबंकी के ...

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इसके अलावा विकास की धुरी से जोड़ने के लिए 500 करोड़ की परियोजनाओं की सौगत दी। बाराबंकी के ...

UP 10 th Pass Sarkari Naukri 2021 | यूपी 10 वीं पास सरकारी नौकरी 2021

उत्तर प्रदेश दसवीं पास नौकरी के लिए ऐसे अभ्यर्थी जो UP 10th Pass Govt Job रोजगार में आवेदन करना ...

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उत्तर प्रदेश दसवीं पास नौकरी के लिए ऐसे अभ्यर्थी जो UP 10th Pass Govt Job रोजगार में आवेदन करना ...

Career After 12th: क्‍या है हाइड्रोथेरेपी? आसानी से मिलती है नौकरी, इतनी सैलरी - - सीबीएसई

आसानी से मिलती है नौकरी, इतनी सैलरी. September 29, 2021. Hydrotherapy Careers: प्रकृति कई रोग का खुद ही ...

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आसानी से मिलती है नौकरी, इतनी सैलरी. September 29, 2021. Hydrotherapy Careers: प्रकृति कई रोग का खुद ही ...

नौकरी दिलाने वाला जालसाज गिरफ्तार - Mau News - Amar Ujala

मऊ। नौकरी दिलाने के नाम पर 22 लोगों से पैसा लेने के मामले में पुलिस ने बुधवार को जालसाज ...

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मऊ। नौकरी दिलाने के नाम पर 22 लोगों से पैसा लेने के मामले में पुलिस ने बुधवार को जालसाज ...

कानपुर: अंतिम संस्कार पर वार्ता फेल, परिजनों ने मांगी सरकारी नौकरी और 50 लाख का मुआवजा - Hindustan

परिजनों ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को सरकारी नौकरी, परिवार को 50 लाख मुआवजा तथा घटना की ...

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परिजनों ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी को सरकारी नौकरी, परिवार को 50 लाख मुआवजा तथा घटना की ...

57 लाख की ठगी मामले में इंजीनियर गिरफ्तार - Shimla News - Amar Ujala

नौकरी का झांसा देकर शिमला में लाखों रुपये की ठगी करने वाले इंजीनियर को पुलिस ने राजस्थान ...

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एक की करनी से 70 की नौकरी पर आफत - Bihar Banka Crime News

बांका। चेन्नई में एक घर में नौकरी कर रहे बबलू पंडित पर 70 लाख से अधिक के जेवरात चोरी ...

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बांका। चेन्नई में एक घर में नौकरी कर रहे बबलू पंडित पर 70 लाख से अधिक के जेवरात चोरी ...

रेलवे में नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर देख युवक और 3 युवतियों के चेहरे पर आ गई थी चमक, जब पता चली ... - Patrika

मनेंद्रगढ़. Job in Railway: रेलवे टीसी (टिकट कलक्टर) व सुपरवाइजर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर ...

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मनेंद्रगढ़. Job in Railway: रेलवे टीसी (टिकट कलक्टर) व सुपरवाइजर के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर ...

कोरोना वारियर्स ने डा. राज कुमार वेरका के आवास को घेरा

कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों में लगाए गए कर्मचारियों को पक्की नौकरी के लिए घेरा।

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कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों में लगाए गए कर्मचारियों को पक्की नौकरी के लिए घेरा।

गोभी तोड़ने की नौकरी, सैलरी मिलेगी 63 लाख रुपए - Webdunia

एक कंपनी को नौकरी के लिए ऐसे व्यक्ति की तलाश है, जो खेत में से गोभी तोड़ सके। बड़ी बात यह ...

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एक कंपनी को नौकरी के लिए ऐसे व्यक्ति की तलाश है, जो खेत में से गोभी तोड़ सके। बड़ी बात यह ...

सहारनपुर: कनाडा में नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से लाखों की ठगी, अब मिल रही

यदि वह कनाड़ा में नौकरी करेगा तो उसे प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे। जिसके बाद जमाल ...

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यदि वह कनाड़ा में नौकरी करेगा तो उसे प्रतिमाह डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे। जिसके बाद जमाल ...

मो. जावेद ऋषभ के नाम पर कर रहा था ठगी, पत्नी भी गिरफ्तार - Jharkhand Hazaribagh General News

उसके गिरोह में एक दर्जन से अधिक लोग है, इनमें चार हजारीबाग के हैं। उसने नौकरी लगाने के ...

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उसके गिरोह में एक दर्जन से अधिक लोग है, इनमें चार हजारीबाग के हैं। उसने नौकरी लगाने के ...

Dhar News: अतिथि शिक्षक की नौकरी के लिए पहली बार दिया साक्षात्कार - Naidunia

डही (नईदुनिया न्यूज)। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में वर्ग-एक व दो के रिक्त 10 पदों के ...

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डही (नईदुनिया न्यूज)। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में वर्ग-एक व दो के रिक्त 10 पदों के ...

प्रदेश के बेरोजगारों को नौकरी नहीं बाहर वालों पर मेहरबानी क्यों

जागरण संवाददाता, ऊना : हिमाचल के बेरोजगारों को नौकरी के लाले पड़े हुए हैं जबकि प्रदेश ...

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जागरण संवाददाता, ऊना : हिमाचल के बेरोजगारों को नौकरी के लाले पड़े हुए हैं जबकि प्रदेश ...

Tuesday 28 September 2021

दो बड़ी मस्जिदों में 600 महिलाओं को मिलेगी नौकरी - divya himachal

दो बड़ी मस्जिदों में 600 महिलाओं को मिलेगी नौकरी. By: divyahimachal Sep 29th, 2021 12:02 am.

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दो बड़ी मस्जिदों में 600 महिलाओं को मिलेगी नौकरी. By: divyahimachal Sep 29th, 2021 12:02 am.

एक महीना कोई नई नौकरी नहीं - divya himachal

एक महीना कोई नई नौकरी नहीं. By: divyahimachal Sep 29th, 2021 12:01 am. राज्य ब्यूरो प्रमुख – शिमला.

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एक महीना कोई नई नौकरी नहीं. By: divyahimachal Sep 29th, 2021 12:01 am. राज्य ब्यूरो प्रमुख – शिमला.

बाहर निकाले जेई को नौकरी पर रखे सरकार, प्रदेश कनिष्ठ अभियंता संघ ने सीएम से मांगी राहत - divya himachal

बाहर निकाले जेई को नौकरी पर रखे सरकार, प्रदेश कनिष्ठ अभियंता संघ ने सीएम से मांगी राहत.

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बाहर निकाले जेई को नौकरी पर रखे सरकार, प्रदेश कनिष्ठ अभियंता संघ ने सीएम से मांगी राहत.

जहानाबाद के राजेश रंजन ने UPSC में लहराया परचम, इंजीनियर की नौकरी छोड़कर शुरू की थी तैयारी - Ek ...

Tech) की डिग्री हासिल. छोड़ दी थी इंजीनियर की नौकरी. बीटेक की डिग्री लेने के बाद राजेश ने दो ...

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Tech) की डिग्री हासिल. छोड़ दी थी इंजीनियर की नौकरी. बीटेक की डिग्री लेने के बाद राजेश ने दो ...

राशिफल 29 सितंबर: मेष और धनु समेत इन राशि वालों की बनेगी नौकरी में अच्छी स्थिति, ये हो सकते हैं ...

हरी वस्‍तु का दान करें। धनु-रोजी-रोजगार में तरक्‍की करेंगे। व्‍यापारिक लाभ होगा। नौकरी ...

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हरी वस्‍तु का दान करें। धनु-रोजी-रोजगार में तरक्‍की करेंगे। व्‍यापारिक लाभ होगा। नौकरी ...

सुप्रीम कोर्ट: नौकरी से पहले की तारीख से वरिष्ठता का दावा नहीं कर सकता कर्मचारी - अमर उजाला

पीठ ने कहा, वरिष्ठता का लाभ केवल किसी आदमी को नौकरी ज्वॉइन कर लेने के बाद ही मिल सकता है ...

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पीठ ने कहा, वरिष्ठता का लाभ केवल किसी आदमी को नौकरी ज्वॉइन कर लेने के बाद ही मिल सकता है ...

महाराष्ट्र सरकार : ए और बी श्रेणी के सरकारी कर्मियों के परिजनों को भी मृतक आश्रित कोटे के तहत ...

राहत नीति के तहत यह कोटा उन्हीं मामलों में दिया जाएगा, जिनमें कर्मचारी का निधन नौकरी ...

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राहत नीति के तहत यह कोटा उन्हीं मामलों में दिया जाएगा, जिनमें कर्मचारी का निधन नौकरी ...

फर्जी दस्तावेज बनाकर कलेक्ट्रेट में की नौकरी, 27 साल बाद हाईकोर्ट ने चपरासी, जिलाधीश से मांगा जवाब

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench of High Court) ने ग्वालियर कलेक्ट्रेट में नौकरी कर रहे ...

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हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench of High Court) ने ग्वालियर कलेक्ट्रेट में नौकरी कर रहे ...

बुधवार के दिन इन राशि वालों को मिलेंगे नौकरी में तरक्की के अवसर, पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक का ...

पारिवारिक जीवन कष्टमय रह सकता है। नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं। मन में निराशा ...

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पारिवारिक जीवन कष्टमय रह सकता है। नौकरी में परिवर्तन के अवसर मिल सकते हैं। मन में निराशा ...

Kota सरकारी शिक्षक नौकरी दांव पर लगाकर खुद बैठा परीक्षा में, भाई से वसूले 7 लाख - Samacharnama

मगर लाखों रुपये के फेर में आकर उसने ऐसा कदम उठा लिया कि अब उसकी खुद की नौकरी पर बन आई है.

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मगर लाखों रुपये के फेर में आकर उसने ऐसा कदम उठा लिया कि अब उसकी खुद की नौकरी पर बन आई है.

Girls came to Lucknow for job became call girl - नौकरी के लिए लखनऊ आईुं युवतियां, बन गईं काल गर्ल

उसकी ही तरह कई अन्य लड़कियां भी नौकरी के लिए घर छोड़ कर लखनऊ आईं थीं। इसके बाद वह लोग ...

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उसकी ही तरह कई अन्य लड़कियां भी नौकरी के लिए घर छोड़ कर लखनऊ आईं थीं। इसके बाद वह लोग ...

नौकरी का झांसा देकर महिला से दुष्कर्म - Amar Ujala

महिला को नौकरी का झांसा देकर होटल में बुलाकर आरोपी ने उसे कोल्ड ड्रिंक्स में नशीला ...

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महिला को नौकरी का झांसा देकर होटल में बुलाकर आरोपी ने उसे कोल्ड ड्रिंक्स में नशीला ...

शाहपुर आईटीआई में 103 युवाओं को नौकरी - divya himachal

शाहपुर आईटीआई में 103 युवाओं को नौकरी. By: Divyahimachal Sep 29th, 2021 12:23 am. कैंपस इंटरव्यू में हीरो ...

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शाहपुर आईटीआई में 103 युवाओं को नौकरी. By: Divyahimachal Sep 29th, 2021 12:23 am. कैंपस इंटरव्यू में हीरो ...

कानपुर: नई नौकरी पर पितृ पक्ष का साया; नियुक्त पत्र नहीं ले रहे पंचायत - News18 हिंदी

अधिकारियों के निर्देश के बाद भी वह नौकरी ज्वाइन करने नहीं पहुंच रहे हैं.

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अधिकारियों के निर्देश के बाद भी वह नौकरी ज्वाइन करने नहीं पहुंच रहे हैं.

आंगनबाड़ी की नौकरी दिलाने के नाम पर 32 लाख की ठगी - अमर उजाला

रामानंद ने उसे बताया कि बाल एवं पुष्टाहार विभाग में इन दिनों नौकरी के लिए चयन प्रकिया चल ...

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रामानंद ने उसे बताया कि बाल एवं पुष्टाहार विभाग में इन दिनों नौकरी के लिए चयन प्रकिया चल ...

Dehradun: नौकरी के लिए रोजगार मेले में उमड़ी बेरोजगारों की भीड़, देखें वीडियो... - अमर उजाला

देहरादून सेवायोजन कार्यालय में मंगलवार को आयोजित रोजगार मेले में बेरोजगारों युवकों ...

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देहरादून सेवायोजन कार्यालय में मंगलवार को आयोजित रोजगार मेले में बेरोजगारों युवकों ...

गोभी तोड़ने की नौकरी का पैकेज 63 लाख रुपये… जानिए ऐसी अजीबोगरीब नौकरियां

दरअसल, एक कंपनी को नौकरी के लिए ऐसे व्यक्ति की तलाश है, जो खेत में से गोभी तोड़ सके. खास ...

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दरअसल, एक कंपनी को नौकरी के लिए ऐसे व्यक्ति की तलाश है, जो खेत में से गोभी तोड़ सके. खास ...

अनपढ़ के लिए सरकारी नौकरी - Apsole

अनपढ़ के लिए सरकारी नौकरी यदि आप अनपढ़ है और आप सोंच रहे है की मेरे लिए कौन सी नौकरी है ...

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अनपढ़ के लिए सरकारी नौकरी यदि आप अनपढ़ है और आप सोंच रहे है की मेरे लिए कौन सी नौकरी है ...

टेढ़ी खीर बनी बर्खास्त शिक्षकों से वेतन-भत्तों की वसूली

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करते पाए गए और बर्खास्त ...

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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करते पाए गए और बर्खास्त ...

जींद में सरकारी नौकरी के नाम पर चार युवकों से लाखों की ठगी, मामला दर्ज - GARIMA TIMES

बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों की ठगी को अंजाम दे ...

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बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों की ठगी को अंजाम दे ...

बिहार में कई नियोजित शिक्षकों की जाएगी नौकरी, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला। - Bihar Teacher

बिहार में अलग-अलग स्कूलों के कई शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी. उनका नियोजन रद्द होगा.

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बिहार में अलग-अलग स्कूलों के कई शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी. उनका नियोजन रद्द होगा.

नाहन में कांग्रेस ने किया प्रदर्शन - Himachal Pradesh Sirmaur Common Man Issues News

जिला कांग्रेस कमेटी ने बढ़ती महंगाई और अन्य राज्यों के युवाओं को नौकरी देने के विरोध ...

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जिला कांग्रेस कमेटी ने बढ़ती महंगाई और अन्य राज्यों के युवाओं को नौकरी देने के विरोध ...

Monday 27 September 2021

Aaj Tak - हरियाणा में आप मंत्री जी को जानते हैं तभी मिलेगी पुलिस की नौकरी! | Facebook

हरियाणा में आप मंत्री जी को जानते हैं तभी मिलेगी पुलिस की नौकरी! देखें रिपोर्ट #10Tak Sayeed ...

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हरियाणा में आप मंत्री जी को जानते हैं तभी मिलेगी पुलिस की नौकरी! देखें रिपोर्ट #10Tak Sayeed ...

शिक्षा अलंकार की डिग्री पर जिले में दो शिक्षक कर रहे थे नौकरी - Amar Ujala

हमारे यहां शिक्षा विशारद की डिग्री पर एक भी शिक्षक नौकरी नहीं कर रहे हैं। शिक्षा अलंकार ...

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हमारे यहां शिक्षा विशारद की डिग्री पर एक भी शिक्षक नौकरी नहीं कर रहे हैं। शिक्षा अलंकार ...

रिजर्व बैंक में 36 साल नौकरी कर चुके अधिकारी भी फंसे साइबर अपराधियों के जाल में - Crime Tak

अब आप सोचिए कि ये साइबर अपराधी कितने शातिर हैं जिन्होंने रिजर्व बैंक में 36 साल नौकरी ...

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अब आप सोचिए कि ये साइबर अपराधी कितने शातिर हैं जिन्होंने रिजर्व बैंक में 36 साल नौकरी ...

नौकरी लगते ही प्रेमिका से शादी से इन्कार

बीएसएफ में नौकरी लगते ही युवक ने प्रेमिका से शादी करने से इन्कार कर दिया। JagranMon, 27 Sep 2021 10: ...

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बीएसएफ में नौकरी लगते ही युवक ने प्रेमिका से शादी करने से इन्कार कर दिया। JagranMon, 27 Sep 2021 10: ...

CMO Haryana on Twitter: "नौकरी के 'पेपर लीक' करने वालों पर नकेल कसने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ी ...

नौकरी के 'पेपर लीक' करने वालों पर नकेल कसने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ी पहल की है।

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नौकरी के 'पेपर लीक' करने वालों पर नकेल कसने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ी पहल की है।

नौकरी से निकालने पर गुस्साए कर्मचारी ने चुराई मालिक की कार, पुलिस ने किया गिरफ्तार - Sanjeevni Today

जनपद की जूही पुलिस ने नौकरी से निकालने से नाराज कर्मचारी ने मालिक को सबक सिखाने की ठान ...

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जनपद की जूही पुलिस ने नौकरी से निकालने से नाराज कर्मचारी ने मालिक को सबक सिखाने की ठान ...

नौकरी का डब्बा गोल, बिहार के युवा बजाएं ढोल? - Quint Hindi

नौकरी का डब्बा गोल, बिहार के युवा बजाएं ढोल? बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ...

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नौकरी का डब्बा गोल, बिहार के युवा बजाएं ढोल? बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ...

नहीं दिखा कोरोना का असर: आईआईएमए पीजीपीएक्स प्लेसमेंट में अब तक का रिकॉर्ड 82 लाख का ऑफर - Patrika

कुल मिलाकर 137 को नौकरी मिली है। 82 लाख रुपए का सालाना पैकेज आईटी सेक्टर की कंपनी की ओर से ...

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कुल मिलाकर 137 को नौकरी मिली है। 82 लाख रुपए का सालाना पैकेज आईटी सेक्टर की कंपनी की ओर से ...

Fake certificate/मध्‍य प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी कर रहे 29 पुलिसकर्मी निलंबित E Khabar Today

भोपाल,27 सितंबर(इ खबर टुडे)। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर पुलिस विभाग में नौकरी पाने ...

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भोपाल,27 सितंबर(इ खबर टुडे)। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर पुलिस विभाग में नौकरी पाने ...

मालिक ने युवक को नौकरी से निकाला तो सबक सिखाने के लिए कर डाली यह करतूत - Hindustan

नौकरी से निकाले जाने से नाराज युवक ने मालिक को ... उर्फ सौरभ उनके यहां नौकरी करता था।

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नौकरी से निकाले जाने से नाराज युवक ने मालिक को ... उर्फ सौरभ उनके यहां नौकरी करता था।

मुख्यमंत्री ने मृतक किसानों के पारिवारिक सदस्यों के साथ हमदर्दी और एकजुटता प्रकट करते हुए ...

नत्था सिंह को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। बताने योग्य है कि सुखपाल सिंह जो ...

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नत्था सिंह को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा। बताने योग्य है कि सुखपाल सिंह जो ...

पाकिस्‍तान में बेरोजगारी दर सबसे उच्‍चतम स्‍तर पर, चपरासी के 1 पद के लिए 15 लाख

अधिकारियों ने कहा कि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल डिग्री धारक भी शामिल रहे।

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अधिकारियों ने कहा कि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल डिग्री धारक भी शामिल रहे।

नौकरी से निकालना Meaning in English नौकरी से निकालना का अंग्रेजी मतलब – Translation of नौकरी ...

नौकरी से निकालना का अंग्रेजी में मतलब.Know the meaning of any word using myhindienglish.com find the meaning of the Hindi word ...

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नौकरी से निकालना का अंग्रेजी में मतलब.Know the meaning of any word using myhindienglish.com find the meaning of the Hindi word ...

सोलन: 335 युवाओं को नौकरी देगी निजी कंपनी - Amar Ujala Hindi News Live - अमर उजाला

मेसर्स पायनियर एंब्रोयाड्रिज लिमिटेड में ऑपरेटर्स के 300 पद भरे जाएंगे। विज्ञापन. युवाओं ...

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मेसर्स पायनियर एंब्रोयाड्रिज लिमिटेड में ऑपरेटर्स के 300 पद भरे जाएंगे। विज्ञापन. युवाओं ...

क्या आपको 'एक्साइज मंत्रालय' में मिला है सरकारी नौकरी का लेटर? जानें इस दावे की पूरी सच्चाई | Fact ...

आजकल 'एक्साइज मंत्रालय' द्वारा जारी एक अप्वॉइंटमेंट लेटर काफी दिखने में आ रहा है.

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आजकल 'एक्साइज मंत्रालय' द्वारा जारी एक अप्वॉइंटमेंट लेटर काफी दिखने में आ रहा है.

Naidunia Exclusive: मध्‍य प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी कर रहे 29 पुलिसकर्मी निलंबित

Naidunia Exclusive: मोहम्मद रफीक, भोपाल। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर पुलिस विभाग में नौकरी ...

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Naidunia Exclusive: मोहम्मद रफीक, भोपाल। फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर पुलिस विभाग में नौकरी ...

बिना परीक्षा सरकारी नौकरी पाने का शानदार मौका, यहां निकली है वैकेंसी, जानें डीटेल्स - Zee Business

ONGC Recruitment 2021 latest news in hindi: अच्छी नौकरी आज हर किसी का सपना है. खासतौर पर सरकारी नौकरी पाने ...

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ONGC Recruitment 2021 latest news in hindi: अच्छी नौकरी आज हर किसी का सपना है. खासतौर पर सरकारी नौकरी पाने ...

30 तक करें आवेदन, मिलेगी प्रशिक्षक की नौकरी

जासं, फतेहपुर : क्रीड़ा विभाग में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, नेटबाल, टेबल टेनिस, तलवार बाजी, ...

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जासं, फतेहपुर : क्रीड़ा विभाग में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, नेटबाल, टेबल टेनिस, तलवार बाजी, ...

रेलवे में टीसी की नौकरी का झांसा देकर साढ़े सात लाख ठगे

संवाद सूत्र, खनौरी (संगरूर) : खनौरी पुलिस ने रेलवे में टीसी की नौकरी दिलाने का झांसा ...

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संवाद सूत्र, खनौरी (संगरूर) : खनौरी पुलिस ने रेलवे में टीसी की नौकरी दिलाने का झांसा ...

सरकारी नौकरी:छत्तीसगढ़ राज्य पावर विद्युत होल्डिंग कंपनी में 707 पदों पर निकली भर्ती, 29 सितंबर ...

CSPDCL RECRUITMENT 2021 ( data entry operator & junior engineer : छत्तीसगढ़ राज्य बिजली विभाग डाटा एंट्री ऑपरेटर ...

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CSPDCL RECRUITMENT 2021 ( data entry operator & junior engineer : छत्तीसगढ़ राज्य बिजली विभाग डाटा एंट्री ऑपरेटर ...

Sunday 26 September 2021

चहेतों को लाभ देने के लिए लीगल भ्रष्टाचार पर उतरी भाजपा, राजेश धर्माणी ने लगाया आरोप - अमर उजाला

एक मंत्री की पत्नी की नौकरी के लिए भाजपा सरकार की कैबिनेट ने भर्ती नियमों में ही बदलाव कर ...

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एक मंत्री की पत्नी की नौकरी के लिए भाजपा सरकार की कैबिनेट ने भर्ती नियमों में ही बदलाव कर ...

Punjab Police Constable Recruitment 2021: पुलिस में नौकरी पाने का सुनहरा मौका, जल्द करें अप्लाई

Punjab Police Recruitment 2021: पुलिस विभाग (Police Department) में नौकरी तलाश रहे युवाओं के लिए एक अच्छा ...

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Punjab Police Recruitment 2021: पुलिस विभाग (Police Department) में नौकरी तलाश रहे युवाओं के लिए एक अच्छा ...

IOCL JEA Recruitment 2021: इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर चुके युवाओं के पास इंडियन ऑयल ...

... ऑयल कॉर्पोरेशन में नौकरी का अच्छा मौका ... Recruitment 2021: यूपी में सरकारी नौकरी पाने का ...

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... ऑयल कॉर्पोरेशन में नौकरी का अच्छा मौका ... Recruitment 2021: यूपी में सरकारी नौकरी पाने का ...

सरकारी नौकरी Archives

मोहम्मद शमी, रवि बिश्नोई ने पंजाब किंग्स को कम स्कोर वाले खेल में SRH को हराने में मदद की.

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मोहम्मद शमी, रवि बिश्नोई ने पंजाब किंग्स को कम स्कोर वाले खेल में SRH को हराने में मदद की.

नौकरी से निकालने की घोषणा से आहत दर्जा चार कर्मियों ने जताया रोष

जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों में तैनात किए गए दर्जा चार ...

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जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों में तैनात किए गए दर्जा चार ...

Success Story : मजबूरी में शुरू की नौकरी, फिर मिला बिजनेस आइडिया, अब 7 करोड़ रु है कमाई ...

... तुरंत बाद एक बेकरी में नौकरी की शुरुआत की। मगर आज वे हर साल 7 करोड़ रु तक कमाते हैं।

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... तुरंत बाद एक बेकरी में नौकरी की शुरुआत की। मगर आज वे हर साल 7 करोड़ रु तक कमाते हैं।

आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मिली नौकरी, पंजाब के नए सीएम ने सौंपे नियुक्ति पत्र ...

जिन किसानों ने आंदोलन में जान गँवाई उनके परिजनों को नौकरी मिल गई है. Updated: September 26, 2021 9:23 ...

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जिन किसानों ने आंदोलन में जान गँवाई उनके परिजनों को नौकरी मिल गई है. Updated: September 26, 2021 9:23 ...

नौकरी छोड़ ऋतुराज ने जैविक खेती को बनाया जीवन का लक्ष्य, बिजनौर के किसान को ऐसे

बिजनौर, जागरण संवाददाता। गांव ऊमरी निवासी ऋतुराज सिंह चौहान इंजीनियर की नौकरी छोड़कर दो ...

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बिजनौर, जागरण संवाददाता। गांव ऊमरी निवासी ऋतुराज सिंह चौहान इंजीनियर की नौकरी छोड़कर दो ...

चन्नी ने कृषि आंदोलन में जान गंवाने वालों के परिवारों को दिए नौकरी के पत्र - News Nation

... सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे। ... को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा।

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... सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे। ... को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा।

नौकरी पाने को उमड़ी युवाओं की भीड़, 400 हुए चयनित - Haryana Faridabad Local News

इस वजह से अब वे नौकरी के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। इनमें एमए एमबीए बीटेक बीएड ...

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इस वजह से अब वे नौकरी के लिए दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। इनमें एमए एमबीए बीटेक बीएड ...

कबूतर फ़ोटो खींचता है, चूहा नौकरी करता है, जासूसी की दुनिया के बेताज बादशाह हैं ये जीव - NDTV.in

हम इंसानों (Humans) को लगता है कि हमलोग ही इस दुनिया के सबसे बुद्धिमान जीव (Intelligent Animal) हैं, ...

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हम इंसानों (Humans) को लगता है कि हमलोग ही इस दुनिया के सबसे बुद्धिमान जीव (Intelligent Animal) हैं, ...

नौकरी चाहिए तो कीजिए आवेदन

यदि आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आपके लिए अछी खबर है। जिला सेवा योजना विभाग रोजगार मेला ...

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यदि आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आपके लिए अछी खबर है। जिला सेवा योजना विभाग रोजगार मेला ...

रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगे 3.80 लाख, रिपोर्ट दर्ज - अमर उजाला

पुत्री की नौकरी नहीं लगी तब ठगी का एहसास हुआ। रुपये मांगने पर बहाने करने लगे। अब दोनों ने ...

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पुत्री की नौकरी नहीं लगी तब ठगी का एहसास हुआ। रुपये मांगने पर बहाने करने लगे। अब दोनों ने ...

TNPSC Direct Recruitment 2021: आर्किटेक्ट की नौकरी करने का मिल सकता है मौका, इन पदों पर ...

तमिलनाडु लोक सेवा आयोग (TNPSC) ने आर्किटेक्चरल असिस्टेंट/प्लानिंग असिस्टेंट के पदों पर ...

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तमिलनाडु लोक सेवा आयोग (TNPSC) ने आर्किटेक्चरल असिस्टेंट/प्लानिंग असिस्टेंट के पदों पर ...

मुख्यमंत्री ने मृतक किसानों के पारिवारिक सदस्यों को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे - वार्ता

... सिंह (30) के घर गए और उसके बड़े भाई नत्था सिंह को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा।

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... सिंह (30) के घर गए और उसके बड़े भाई नत्था सिंह को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपा।

सरकारी नौकरी को अब यह शर्त - divya himachal

सरकारी नौकरी को अब यह शर्त. By: divyahimachal Sep 26th, 2021 7:13 pm ...

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सरकारी नौकरी को अब यह शर्त. By: divyahimachal Sep 26th, 2021 7:13 pm ...

RAIPUR: रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 2 लाख रुपयों की धोखाधड़ी, GRP रायपुर की टीम ने 1 वर्ष बाद ...

आपको बता दे की गिरफ़्तार आरोपी ने एम्स में इलाज़ कराने आए मरीज़ से उसके वापस जाने के ...

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आपको बता दे की गिरफ़्तार आरोपी ने एम्स में इलाज़ कराने आए मरीज़ से उसके वापस जाने के ...

नौकरी का जुनून, डिलीवरी के बाद एम्बुलेंस से परीक्षा देने पहुंची मह‍िला - Janta Se Rishta

नौकरी का जुनून ऐसा कि एक प्रसूता प्रसव के तीसरे दिन रीट (Rajasthan Eligibility Examination for Teacher) की ...

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नौकरी का जुनून ऐसा कि एक प्रसूता प्रसव के तीसरे दिन रीट (Rajasthan Eligibility Examination for Teacher) की ...

नौकरी

... रादौर में ठेकेदार के माध्यम से कार्यरत 24 ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों को नौकरी से हटा.

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... रादौर में ठेकेदार के माध्यम से कार्यरत 24 ग्रामीण ट्यूबवेल ऑपरेटरों को नौकरी से हटा.

इंफोसिस भर्ती: कई नौकरी पदों के लिए कंपनी भर्ती, आवेदन कैसे करें check - Bharat Times Hindi News

नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को कंपनी के साथ पीडीएफ या वर्ड फॉर्मेट में ...

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नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को कंपनी के साथ पीडीएफ या वर्ड फॉर्मेट में ...

Saturday 25 September 2021

बहुत कोशिश के बाद भी नहीं मिल रही नौकरी तो करें ज्योतिष के ये आसान उपाय - Asianet News Hindi

ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिनको करने से आप नौकरी पाने की ...

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ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिनको करने से आप नौकरी पाने की ...

गोसाई खेड़ा की बेटी ने 22 लाख का पैकेज छोड़ पास की यूपीएससी परीक्षा - दैनिक जागरण

नौकरी के साथ तैयारी नहीं हो रही थी, ऐसे में नौकरी छोड़कर घर बैठकर सेल्फ स्टडी की। टीवी व ...

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नौकरी के साथ तैयारी नहीं हो रही थी, ऐसे में नौकरी छोड़कर घर बैठकर सेल्फ स्टडी की। टीवी व ...

अफगानिस्तानी छात्र भारत में पीएचडी की कर रहे मांग, परिवार भी यहीं लाना चाहते हैं

-हिसार के एचएयू और लुवास में पढ़ने वाले विद्यार्थी अफगानिस्तान में सरकारी नौकरी में ...

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-हिसार के एचएयू और लुवास में पढ़ने वाले विद्यार्थी अफगानिस्तान में सरकारी नौकरी में ...

Multi Task Attendant - हिंदी रोजगार – सरकारी नौकरी

नौकरी स्थान: New Delhi, Delhi. Central Council for Research in Yoga & Naturopathy (CCRYN) invites applications for recruitment of Multi Task ...

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नौकरी स्थान: New Delhi, Delhi. Central Council for Research in Yoga & Naturopathy (CCRYN) invites applications for recruitment of Multi Task ...

एनसीओ नौकरी भूमिकाएँ - सभी आइटम - NCS

अनुमोदन स्थिति मेनू (नई विंडो) खोलने के लिए SHIFT+ENTER का उपयोग करें. एनसीओ संहिता.

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अनुमोदन स्थिति मेनू (नई विंडो) खोलने के लिए SHIFT+ENTER का उपयोग करें. एनसीओ संहिता.

युवती ने दोस्त को फोन कर मांगी थी मदद

मंगलवार को नौकरी का तीसरा दिन था। शाम को अचानक उसका फोन आया। वह रो रही थी। कह रही थी बास ...

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मंगलवार को नौकरी का तीसरा दिन था। शाम को अचानक उसका फोन आया। वह रो रही थी। कह रही थी बास ...

नौकरी के अंदर | आधिकारिक ट्रेलर | नेटफ्लिक्स

नौकरी के अंदर | आधिकारिक ट्रेलर | NetflixNetflix . अंदर का कामइनसाइड जॉब ट्रेलर 1इनसाइड जॉब सीजन 1 ...

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नौकरी के अंदर | आधिकारिक ट्रेलर | NetflixNetflix . अंदर का कामइनसाइड जॉब ट्रेलर 1इनसाइड जॉब सीजन 1 ...

BECIL Recruitment 2021: 8वीं से स्नातक पास नौकरी के लिए यहां करें आवेदन, जानें क्या है ... - Hindi News

BECIL Recruitment 2021: नौकरी की तलाश कर रहे 8वीं से स्नातक पास युवाओं के लिए सुनहरा मौका है.

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BECIL Recruitment 2021: नौकरी की तलाश कर रहे 8वीं से स्नातक पास युवाओं के लिए सुनहरा मौका है.

पक्की नौकरी के लिए कर्मियों ने घेरा मंडलायुक्त कार्यालय - Jammu News - अमर उजाला

जम्मू। ऑल जम्मू कैजुअल लेवर यूनाइटेड फ्रंट के पदाधिकारियों ने सभी विभागों में ...

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जम्मू। ऑल जम्मू कैजुअल लेवर यूनाइटेड फ्रंट के पदाधिकारियों ने सभी विभागों में ...

नौकरी लगवाने के नाम पर युवती से तीन लाख की ठगी, पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज - Antim Vikalp News

उनकी मुलाकात शाहजहांपुर में बेटू त्रिपाठी से हुई। जिसने बताया कि वह पुलिस में नौकरी ...

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उनकी मुलाकात शाहजहांपुर में बेटू त्रिपाठी से हुई। जिसने बताया कि वह पुलिस में नौकरी ...

छात्रों को रोजगार के बेहतर मौके दे रहा आईईसी विश्वविद्यालय

डाक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में जहां कई युवाओं की नौकरी चली गई, ...

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डाक्टर जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में जहां कई युवाओं की नौकरी चली गई, ...

IIAB भर्ती 2021 iiab.icar.gov.in नई नौकरी के उद्घाटन

IIAB भर्ती 2021 iiab.icar.gov.in नई नौकरी के उद्घाटन. 1 min read. 10 mins ago admin. Spread the love ...

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IIAB भर्ती 2021 iiab.icar.gov.in नई नौकरी के उद्घाटन. 1 min read. 10 mins ago admin. Spread the love ...

दलालों के चंगुल में फंसने से बची दो बांग्लादेशी महिलाएं - West Bengal Darjeeling Crime News

-बीएसएफ जवानों ने दोनों को बचाया, नौकरी के नाम पर रेड लाइट क्षेत्र में बेचने की थी ...

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-बीएसएफ जवानों ने दोनों को बचाया, नौकरी के नाम पर रेड लाइट क्षेत्र में बेचने की थी ...

इंडियन बैंक नौकरी अधिसूचना2021 Latest News, - Hindian

के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी की है सलाहकार चेन्नई में नौकरी रिक्ति। अब, इंडियन बैंक ...

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के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी की है सलाहकार चेन्नई में नौकरी रिक्ति। अब, इंडियन बैंक ...

अमर उजाला फाउंडेशन: छात्रवृत्ति ने दिव्यांग विमल की जिंदगी को किया रोशन, अब बैंक में कर रहे नौकरी

अब वह बैंक में नौकरी कर रहे हैं। उनका कहना है कि श्री डोरीलाल अग्रवाल राष्ट्रीय मेधावी ...

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अब वह बैंक में नौकरी कर रहे हैं। उनका कहना है कि श्री डोरीलाल अग्रवाल राष्ट्रीय मेधावी ...

ITI छात्रो के लिए सरकारी नौकरी - updategadh

आईटीआई छात्रों के लिए एक बहुत बड़ी परमानेंट नौकरी निकाली गई है जिसके बारे में आज मैं ...

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आईटीआई छात्रों के लिए एक बहुत बड़ी परमानेंट नौकरी निकाली गई है जिसके बारे में आज मैं ...

फर्जी कॉल सेंटर खोलकर 500 से अधिक को ठगा, पांच गिरफ्तार - Amar Ujala

आरोपियों ने नौकरी का झांसा देकर 500 से अधिक युवकों को ठगा है। आरोपी साइन डॉट कॉम वेबसाइट ...

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आरोपियों ने नौकरी का झांसा देकर 500 से अधिक युवकों को ठगा है। आरोपी साइन डॉट कॉम वेबसाइट ...

Social Media Officer के लिए नौकरी - MediaJob

Social Media Officer के लिए नौकरी · Develop and maintain a comprehensive social media strategy · Monitor trends in Social Media tools, applications, and ...

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Social Media Officer के लिए नौकरी · Develop and maintain a comprehensive social media strategy · Monitor trends in Social Media tools, applications, and ...

फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल करने की कोशिश - Sant Kabir Nagar News - AmarUjala

ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/ डाट इंट्री ऑपरेटर पद पर नौकरी हासिल करने के लिए सात ...

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ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक/ डाट इंट्री ऑपरेटर पद पर नौकरी हासिल करने के लिए सात ...

3 आवेदकों को मिली सरकारी नौकरी, कलेक्टर ने प्रदान किये नियुक्ति पत्र - Janta Se Rishta

जशपुर। जशपुर विधायक विनय भगत एवं कलेक्टर महादेव कावरे ने आज कलेक्टोरट के सभाकक्ष में ...

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जशपुर। जशपुर विधायक विनय भगत एवं कलेक्टर महादेव कावरे ने आज कलेक्टोरट के सभाकक्ष में ...

UPSC के लिए खुद नौकरी छोड़़ी और घर वालों ने टीवी देखना, जानिए क्या है IAS सेेकंड टॉपर जागृति के ...

इसके बावजूद उनका सफलता का रास्ता नहीं रुका। आईएएस बनने का सपना संजोए रखा और नौकरी से ...

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इसके बावजूद उनका सफलता का रास्ता नहीं रुका। आईएएस बनने का सपना संजोए रखा और नौकरी से ...

नौकरी छोड़ने के बाद बचपन के सपने को गंभीरता से लिया, जागृति अवस्थी ने दूसरी कोशिश में ही लहराया परचम

बचपन से ही एक कलेक्टर शब्द सुनते आये, लेकिन कभी उसे गंभीरता से नहीं लिया, हालांकि नौकरी ...

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बचपन से ही एक कलेक्टर शब्द सुनते आये, लेकिन कभी उसे गंभीरता से नहीं लिया, हालांकि नौकरी ...

Friday 24 September 2021

मैसेज भेजकर ऑनलाइन नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले को पुलिस ने किया काबू - Amar Ujala

जालसाजों ने पीड़ित के साथ ऑनलाइन नौकरी देने का झांसा देकर पीड़ित से पैसे ठगने की घटना को ...

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जालसाजों ने पीड़ित के साथ ऑनलाइन नौकरी देने का झांसा देकर पीड़ित से पैसे ठगने की घटना को ...

UPSC Result: देश में दूसरे और महिलाओं में पहले स्थान पर रहीं जाग्रति अवस्थी, गेट में 51वीं रैंक ...

नौकरी छोड़ कर यूपीएससी की तरफ मुड़ने को लेकर पूछने पर जागृति ने कहा कि पहले नौकरी करते ...

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नौकरी छोड़ कर यूपीएससी की तरफ मुड़ने को लेकर पूछने पर जागृति ने कहा कि पहले नौकरी करते ...

Civil Services Topper: जागृति ने महारत्न कंपनी की नौकरी छोड़ किया सिविल सर्विसेज में जाने का

उन्होंने एक झटके में नौकरी छोड़ दी और फिर सिविल सर्विसेस परीक्षा की तैयारी में लग गईं।

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उन्होंने एक झटके में नौकरी छोड़ दी और फिर सिविल सर्विसेस परीक्षा की तैयारी में लग गईं।

शिक्षकों को नौकरी से हटाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी

रांची: झारखंड हाई कोर्ट द्वारा नियोजन नीति को रद्द किए जाने के खिलाफ दाखिल एसएलपी पर ...

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रांची: झारखंड हाई कोर्ट द्वारा नियोजन नीति को रद्द किए जाने के खिलाफ दाखिल एसएलपी पर ...

कोरोना संकट काल में छिना हाथ से रोजगार, 110 को मिली नौकरी - Patrika

कोरोना संकट काल में छिना हाथ से रोजगार, 110 को मिली नौकरी. कन्या कॉलेज में करियर मेले में ...

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कोरोना संकट काल में छिना हाथ से रोजगार, 110 को मिली नौकरी. कन्या कॉलेज में करियर मेले में ...

UPSC 2020 Result: BHEL की नौकरी छोड़ जागृति ने हासिल किया UPSC में दूसरा स्थान, मां को नहीं थी ...

वह भेल (BHEL) में नौकरी करती थीं। लेकिन भेल में क्लास वन की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की ...

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वह भेल (BHEL) में नौकरी करती थीं। लेकिन भेल में क्लास वन की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की ...

UPSC Civil Services 2020 Results: मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ IAS बनने के जुनून ने ...

उत्कर्ष ने कहा कि के नौकरी छोड़ कर UPSC तैयारी का निर्णय कोई छोटा रेस नहीं था, लेकिन मेरी ...

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उत्कर्ष ने कहा कि के नौकरी छोड़ कर UPSC तैयारी का निर्णय कोई छोटा रेस नहीं था, लेकिन मेरी ...

हाथरस कांड: हाईकोर्ट ने दिए निर्देश, पीड़िता के परिवार को राहत की योजना पेश करे राज्य सरकार - Amar Ujala

मगर मकान, नौकरी अथवा पेंशन का लाभ परिवार को अब तक नहीं दिया गया है। विज्ञापन. इलाहबाद ...

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मगर मकान, नौकरी अथवा पेंशन का लाभ परिवार को अब तक नहीं दिया गया है। विज्ञापन. इलाहबाद ...

सरकारी नौकरी के साथ कम नहीं होने दिया सिंगिंग का टैलेंट, स्टील अथॉरिटी के संजय सिंह ने ... - Navbharat Times

शादी के बाद परिवार की जिम्मेदारी कंधों पर आई तो नौकरी के साथ सिंगिंग का शौक कम नहीं ...

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शादी के बाद परिवार की जिम्मेदारी कंधों पर आई तो नौकरी के साथ सिंगिंग का शौक कम नहीं ...

11 got job in employment fair - रोजगार मेला में 11 को मिली नौकरी

... वर्ष का अप्रेंटिस पूरी कर चुके युवाओं को नौकरी दी। यह मेला शनिवार को भी जारी रहेगा।

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... वर्ष का अप्रेंटिस पूरी कर चुके युवाओं को नौकरी दी। यह मेला शनिवार को भी जारी रहेगा।

आप का आरोप: उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 687 अध्यापकों को नौकरी से निकाला, छात्रों के भविष्य के ...

टीचर्स को नौकरी से निकाल देन से बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ेगा जिसकी भरपाई कभी ...

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टीचर्स को नौकरी से निकाल देन से बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक असर पड़ेगा जिसकी भरपाई कभी ...

विदेश में नौकरी - Lolipop News

नई दिल्ली. ये लो, विदेश में नौकरी देने के बहाने ठगी का एक और केस सामने आया है. इस बार.

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नई दिल्ली. ये लो, विदेश में नौकरी देने के बहाने ठगी का एक और केस सामने आया है. इस बार.

Explained: युवाओं के लिए मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी पाना मुश्किल क्यों है? - News18 हिंदी

मध्यप्रदेश में नौकरी की तलाश कर रहे युवा दोहरी मार झेल रहे हैं. यदि भर्ती परीक्षा दे दी ...

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मध्यप्रदेश में नौकरी की तलाश कर रहे युवा दोहरी मार झेल रहे हैं. यदि भर्ती परीक्षा दे दी ...

केंद्रीय मंत्री से बताई पहचान और नौकरी लगवाने के नाम पर ठग ली इतनी बड़ी रकम - Hindustan

मंत्री कोटे से सेना और एफसीआई में आसानी से नौकरी लगवाई जा सकती है। झांसे में आए प्रवीन ने ...

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मंत्री कोटे से सेना और एफसीआई में आसानी से नौकरी लगवाई जा सकती है। झांसे में आए प्रवीन ने ...

AAP on Twitter: "BJP की MCD ने 687 अध्यापकों को नौकरी से निकालकर छात्रों को प्राथमिक शिक्षा देना बंद ...

BJP की MCD ने 687 अध्यापकों को नौकरी से निकालकर छात्रों को प्राथमिक शिक्षा देना बंद कर दिया ...

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BJP की MCD ने 687 अध्यापकों को नौकरी से निकालकर छात्रों को प्राथमिक शिक्षा देना बंद कर दिया ...

पोलैंड में नौकरी करेंगे क्या? हसीन सपने दिखाए और प्रोफेशनल तरीके से लूटा - News18 हिंदी

ये लो, विदेश में नौकरी देने के बहाने ठगी का एक और केस सामने आया है. इस बार नोएडा (Noida) के ...

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सरकारी नौकरी के नाम पर दो नर्सो से एक लाख की ठगी

जासं, गाजियाबाद : कविनगर थानाक्षेत्र के पांडव नगर में शातिरों ने नामी अस्पताल की दो ...

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जासं, गाजियाबाद : कविनगर थानाक्षेत्र के पांडव नगर में शातिरों ने नामी अस्पताल की दो ...

'ड्रैगन' जैसा दिखने शख्स ने छोड़ दी बैंक की नौकरी, ट्रांसफॉर्मेशन में खर्च कर डाले 61 लाख - TV9 Bharatvarsh

इस शख्स ने अपने इस अजीब शौक को पूरा करने लिए बैंक की अच्छी-खासी नौकरी तक छोड़ दी.

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इस शख्स ने अपने इस अजीब शौक को पूरा करने लिए बैंक की अच्छी-खासी नौकरी तक छोड़ दी.

राजस्थान: पेपर लीक में हुए शामिल तो धो बैठेंगे नौकरी से हाथ, सरकारी कर्मचारियों के लिए कड़ा कानून - Hindustan

... परीक्षा के पेपर लीक में शामिल पाया गया तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

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... परीक्षा के पेपर लीक में शामिल पाया गया तो उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा।

हरियाणा में सरकारी नौकरी - Jobs Haryana

... 2021September 24, 2021 | Mukesh GusaianaMukesh Gusaiana | 0 Comment | 4:07 pm. हरियाणा में सरकारी नौकरी post thumbnail image ...

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Thursday 23 September 2021

TheStruggleForTruth इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व उसके बाद दिन ...

Sep 3, 2021 - #TheStruggleForTruth इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व ...

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Sep 3, 2021 - #TheStruggleForTruth इसी कड़ी में उन्होंने सर्वप्रथम अपनी नौकरी से त्यागपत्र दिया व ...

मोक्ष : हरीरी और केशव के प्यार का क्या अंजाम हुआ

लेखक-नीरज कुमार मिश्रा

‘‘सुना है, तेरा बापू तेरा ब्याह रचाने की तैयारी में है…’’ केशव ने 16 साल की हरीरी से पूछा. ‘‘पता नहीं… पर एक दिन अम्मां और बापू कुछ बात कर रहे थे और जब मैं पहुंची तो वे चुप हो गए,’’ हरीरी ने भोलेपन से जवाब दिया. ‘‘हां, पर तुझे कुछ पता भी है कि तेरा मरद कौन होने वाला है,’’ केशव ने कहा. ‘‘कोई भी हो, क्या फर्क पड़ता है… अब तुम तो ऊंची जाति वाले हो, इसलिए तुम से ब्याह कर पाना तो मेरे करम में नहीं है,’’ मन भर आया था हरीरी का. उस के इस सवाल के बदले में कोई भी जवाब नहीं था केशव के पास, बस उस ने आगे बढ़ कर हरीरी के गाल को चूम लिया था. केशव की बांहों में अपनेआप सीमटती चली गई हरीरी.

‘‘तेरा बापू… असल में तेरा सौदा कर रहा है. वह तुझे मोहनलाल, जो गांव के बाहर देशी शराब का ठेका चलाता है और अंडे बेचता है, को तुझे बेच रहा है पूरे 10,000 रुपए में,’’ केशव ने बताया. ‘‘पर केशव, मैं तो इस में कुछ नहीं कर सकती. अभी बापू के घर में हूं तो जहां वे काम के लिए भेजते हैं, वहां चली जाती हूं, कल को जहां ब्याह दी जाऊंगी… वहीं चली जाऊंगी, ’’ हरीरी बोली. ‘‘पर यह ब्याह नहीं है. वे तो तुझे उस 40 साल के बूढ़े के हाथों पैसा ले कर बेच रहे हैं,’’ केशव गुस्से में था. ‘‘ठीक तो है… जब मेरा ब्याह मोहनलाल के साथ हो जाएगा, तब मेरे ठेके पर आना… मुफ्त में दारू पिलाएंगे तुझे,’’ कहते हुए ठहाका लगाया था हरीरी ने. केशव ओर हरीरी एक ही गांव में रहते और एकदूसरे से प्यार भी करते थे. यह अलग बात है कि एक ऊंची जाति के लड़के को एससी लड़की से प्यार करने में क्याक्या परेशानियां आ सकती हैं,

ये भी पढ़ें- ऐस्कौर्ट और साधु

इस से वे दोनों अनजान नहीं थे, और बिना अपने प्यार का नतीजा जाने वे एकदूसरे से छिप कर मिलते रहे थे. फिर एक दिन हरीरी के बाप ने उस का और मोहनलाल का ब्याह करा दिया. या यों कह लीजिए कि हरीरी को एक आदमी के हाथों बेच दिया. मोहनलाल की पहली बीवी मर चुकी थी, इसलिए उसे अपने दारू के धंधे में हाथ बंटाने के लिए एक औरत चाहिए थी. हरीरी के बाप को पैसा चाहिए था, इसलिए दोनों ने मिल कर एकदूसरे की समस्या का हल कर दिया था. अपनी शादी के दिन, गांव के एक हिस्से से गांव के ही दूसरे घर में पहुंच गई थी हरीरी. न बैंडबाजा, न बरात, बस मोहनलाल को चायपानी जरूर करा दिया गया था और मोहनलाल ने पूरे 10,000 रुपए गिन कर दे दिए थे हरीरी के बापू को. रात हुई तो हरीरी ने खाना बनाया और दोनों ने साथ में मिल कर खाया. बिस्तर पर लेटते ही मोहनलाल हरीरी को चूमने लगा था और फिर पीठ घुमा कर खर्राटे भरने लगा, क्योंकि उस के शरीर को औरत की जरूरत सिर्फ अपने धंधे के लिए थी, किसी औरत को संतुष्ट कर पाने की ताकत नहीं थी उस में. अगली सुबह से ही दुलहन बनी हरीरी ने घर का सारा काम संभाल लिया और मोहनलाल के धंधे में उस का हाथ भी बंटाने लगी.

एक कम उम्र की लड़की दारू के ठेके पर बैठ कर अंडा, नमकीन बेचेगी तो दारू की बिक्री में इजाफा होना तो तय ही था. लोग दारू पीते, अंडानमकीन खाते, हरीरी को देखदेख कर आहें भरते और भद्दे मजाक करते हुए चले जाते, पर मोहनलाल को इस सब से कोई दिक्कत नहीं थी. एक शाम ठेके पर केशव आया. उसी समय मोहनलाल कहीं बाहर गया हुआ था. केशव द्वारा दारू मांगने पर हरीरी बोली, ‘‘तुम कब से दारू पीने लगे?’’ ‘‘जब से तुम जिंदगी से दूर चली गई हो,’’ केशव ने कहा. हरीरी के बुलाने पर केशव अंदर बैठ कर दारू पीने लगा. तभी बाहर तेज बारिश शुरू हो गई थी. अंदर 2 जवां प्रेमी के दिल तेजी से धड़क रहे थे. केशव ने हरीरी का हाथ पकड़ लिया और हरीरी ने भी बिना कोई विरोध किए केशव को सौंप दिया. दोनों के मन तो पहले से एक थे, आज तन भी एक हो गए. मोहनलाल का धंधा दोगुना फायदा दे रहा था. अब तो वह देर शाम को घर आता तो पैसों की एक थैली उस के हाथ में होती, जिन को कई बार वह गिन कर ही अलमारी में रखता था. केशव के मन में हरीरी के लिए प्यार की आग और भी भड़क उठी थी. उसे लगने लगा था कि अब वह हरीरी के बिना नहीं रह सकेगा. उधर हरीरी भी ठेके पर लोगों के गलत बरताव से दुखी हो चुकी थी. हरीरी ने कई बार मोहनलाल से शिकायत भी की थी, मैं काम से नहीं मना करती

ये भी पढ़ें- साथ वाली सीट

, पर यहां लोग दारू पीने के बाद मुझ से छेड़छाड़ करते हैं, जो मुझे अच्छा नहीं लगता. इस पर मोहनलाल ने उसे जवाब दिया, ‘‘इसी के लिए तुझे ब्याह कर लाया हूं कि मेरे काम में एक औरत के होने से और रौनक आए और निचली जाति में पैदा होने के बाद इतने नखरे मत झाड़ा कर. कभीकभार कोई कुछ बोल भी दे, तो मुंह बनाने के बजाय मुसकरा दिया कर.’’ हरीरी ने चुपचाप मोहनलाल की बात सुन ली और अपने काम में लग गई. दोनों की शादी के 6 महीने बीत गए थे. एक सुबह जैसे ही मोहनलाल सो कर उठा, तो हरीरी ने तबीयत खराब होने की बात बताई. पहले तो मोहनलाल ने ऐसे ही टालने की कोशिश की, पर जब हरीरी को उलटियां होने लगीं, तो वह उसे गांव के अस्पताल में ले गया. अस्पताल में जब डाक्टर ने उसे बताया कि हरीरी मां बनने वाली है, तो यह बात सुन कर वह सन्न रह गया. ‘‘यह बच्चा किस का है?’’ घर आते समय मोहनलाल ने पूछा. पहले तो हरीरी खामोश रही,

पर जब उसे लगा कि मोहनलाल से सच छिपाने से क्या फायदा, इसलिए उस ने केशव और अपने संबंध के बारे में सबकुछ सचसच बता दिया. रात में खूब दारू पीने के बाद मोहनलाल ने हरीरी को बहुत पीटा और जीभर कर गालियां दीं. उस की गालियां और मार खा कर हरीरी के मन में जीने की कोई इच्छा न रही. वह घर से भाग गई और शायद खुदकुशी कर ही ली थी, अगर उसे केशव ने सही समय पर नहीं बचाया होता. सारा हाल जानने के बाद केशव ने फैसला लिया कि अब वह हरीरी को अकेला नहीं छोड़ेगा. दोनों शहर में जा कर रहेंगे. अब चाहे अंजाम कुछ भी हो, पर वह हरीरी को नहीं छोड़ेगा. केशव अपने घर से पैसे और दूसरा जरूरी सामान लाने हरीरी का हाथ पकड़ कर चल दिया. उधर जब हरीरी घर में नहीं मिली, तो मोहनलाल समझ गया कि चिडि़या फुर्र हो गई है. वह सीधा केशव के पिता के पास पहुंचा और सारी बात बताते हुए कहा कि भोलेभाले केशव को उस की पत्नी हरीरी ने डोरे डाल कर फंसा लिया है और अब वह पैसे के लालच में केशव के साथ कहीं भाग सकती है. केशव के पिताजी की आंखें गुस्से से लाल हो गई थीं.

वे क्षत्रिय थे, भला किसी निचली जाति वाली लड़की उन के लड़के पर कैसे डोरे डाल सकती है? क्या केशव की मति मारी गई है, जो उस लड़की के साथ रिश्ता बना रहा है…? अरे, पैर की जूती पैर में ही भली लगती है. ऐसा सोच कर उन्होंने अपने आदमियों को तुरंत केशव को ढूंढ़ कर लाने को कहा. तभी सामने से केशव आता दिखाई दिया. केशव ने बड़ी हिम्मत से हरीरी का हाथ पकड़ा हुआ था. मोहनलाल अपनी बीवी को गैरमर्द के साथ देख कर चीख पड़ा था, ‘‘देखिए ठाकुर साहब… यह रही डायन, आप के लड़के को फांसे हुए है.’’ मोहनलाल के शब्द सुन कर केशव के पिता की आंखें गुस्से से दहक उठीं. उन्होंने अपने आदमियों को इशारा किया, जिन्होंने केशव को तुरंत पकड़ कर अंदर कमरे में बंद कर दिया.

केशव ने छूटने की बहुत कोशिश की, पर उन मुस्टंडों की ताकत के आगे वह अकेला था और छूट नहीं पाता. तब तक केशव के घर के आगे गांव के काफी लोग भी जमा हो गए थे. केशव के पिताजी ऊंची आवाज में बोले, ‘‘गांव वालो, आज एक और शरीर को हमें डायन के आतंक से मुक्ति दिलानी होगी. यह डायन हमारे लड़के को भी खाने वाली थी और धीरेधीरे सारे गांव को ही अपना निवाला बना लेती, इसलिए इसे इतना मारो कि इस की आत्मा अभी इस शरीर को त्याग कर परलोक सिधार जाए.’’ ऐसे मौकों पर गांव वालों के पास न तो पत्थरों की कमी होती है और न ही ताकत की. गांव वालों ने इस से पहले भी कई बार कई औरतों को डायन के आतंक से मुक्ति दिलाई थी. गांव वालों ने बिना कुछ सोचेसमझे पत्थर उठा कर मारने शुरू किए और कुछ ही देर में हरीरी की आत्मा उस के शरीर को त्याग चुकी थी और उस की लाश गांव वालों के सामने पड़ी हुई थी. गांव वालों ने एक एससी लड़की को मोक्ष प्रदान कर दिया था.

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लेखक-नीरज कुमार मिश्रा

‘‘सुना है, तेरा बापू तेरा ब्याह रचाने की तैयारी में है…’’ केशव ने 16 साल की हरीरी से पूछा. ‘‘पता नहीं… पर एक दिन अम्मां और बापू कुछ बात कर रहे थे और जब मैं पहुंची तो वे चुप हो गए,’’ हरीरी ने भोलेपन से जवाब दिया. ‘‘हां, पर तुझे कुछ पता भी है कि तेरा मरद कौन होने वाला है,’’ केशव ने कहा. ‘‘कोई भी हो, क्या फर्क पड़ता है… अब तुम तो ऊंची जाति वाले हो, इसलिए तुम से ब्याह कर पाना तो मेरे करम में नहीं है,’’ मन भर आया था हरीरी का. उस के इस सवाल के बदले में कोई भी जवाब नहीं था केशव के पास, बस उस ने आगे बढ़ कर हरीरी के गाल को चूम लिया था. केशव की बांहों में अपनेआप सीमटती चली गई हरीरी.

‘‘तेरा बापू… असल में तेरा सौदा कर रहा है. वह तुझे मोहनलाल, जो गांव के बाहर देशी शराब का ठेका चलाता है और अंडे बेचता है, को तुझे बेच रहा है पूरे 10,000 रुपए में,’’ केशव ने बताया. ‘‘पर केशव, मैं तो इस में कुछ नहीं कर सकती. अभी बापू के घर में हूं तो जहां वे काम के लिए भेजते हैं, वहां चली जाती हूं, कल को जहां ब्याह दी जाऊंगी… वहीं चली जाऊंगी, ’’ हरीरी बोली. ‘‘पर यह ब्याह नहीं है. वे तो तुझे उस 40 साल के बूढ़े के हाथों पैसा ले कर बेच रहे हैं,’’ केशव गुस्से में था. ‘‘ठीक तो है… जब मेरा ब्याह मोहनलाल के साथ हो जाएगा, तब मेरे ठेके पर आना… मुफ्त में दारू पिलाएंगे तुझे,’’ कहते हुए ठहाका लगाया था हरीरी ने. केशव ओर हरीरी एक ही गांव में रहते और एकदूसरे से प्यार भी करते थे. यह अलग बात है कि एक ऊंची जाति के लड़के को एससी लड़की से प्यार करने में क्याक्या परेशानियां आ सकती हैं,

ये भी पढ़ें- ऐस्कौर्ट और साधु

इस से वे दोनों अनजान नहीं थे, और बिना अपने प्यार का नतीजा जाने वे एकदूसरे से छिप कर मिलते रहे थे. फिर एक दिन हरीरी के बाप ने उस का और मोहनलाल का ब्याह करा दिया. या यों कह लीजिए कि हरीरी को एक आदमी के हाथों बेच दिया. मोहनलाल की पहली बीवी मर चुकी थी, इसलिए उसे अपने दारू के धंधे में हाथ बंटाने के लिए एक औरत चाहिए थी. हरीरी के बाप को पैसा चाहिए था, इसलिए दोनों ने मिल कर एकदूसरे की समस्या का हल कर दिया था. अपनी शादी के दिन, गांव के एक हिस्से से गांव के ही दूसरे घर में पहुंच गई थी हरीरी. न बैंडबाजा, न बरात, बस मोहनलाल को चायपानी जरूर करा दिया गया था और मोहनलाल ने पूरे 10,000 रुपए गिन कर दे दिए थे हरीरी के बापू को. रात हुई तो हरीरी ने खाना बनाया और दोनों ने साथ में मिल कर खाया. बिस्तर पर लेटते ही मोहनलाल हरीरी को चूमने लगा था और फिर पीठ घुमा कर खर्राटे भरने लगा, क्योंकि उस के शरीर को औरत की जरूरत सिर्फ अपने धंधे के लिए थी, किसी औरत को संतुष्ट कर पाने की ताकत नहीं थी उस में. अगली सुबह से ही दुलहन बनी हरीरी ने घर का सारा काम संभाल लिया और मोहनलाल के धंधे में उस का हाथ भी बंटाने लगी.

एक कम उम्र की लड़की दारू के ठेके पर बैठ कर अंडा, नमकीन बेचेगी तो दारू की बिक्री में इजाफा होना तो तय ही था. लोग दारू पीते, अंडानमकीन खाते, हरीरी को देखदेख कर आहें भरते और भद्दे मजाक करते हुए चले जाते, पर मोहनलाल को इस सब से कोई दिक्कत नहीं थी. एक शाम ठेके पर केशव आया. उसी समय मोहनलाल कहीं बाहर गया हुआ था. केशव द्वारा दारू मांगने पर हरीरी बोली, ‘‘तुम कब से दारू पीने लगे?’’ ‘‘जब से तुम जिंदगी से दूर चली गई हो,’’ केशव ने कहा. हरीरी के बुलाने पर केशव अंदर बैठ कर दारू पीने लगा. तभी बाहर तेज बारिश शुरू हो गई थी. अंदर 2 जवां प्रेमी के दिल तेजी से धड़क रहे थे. केशव ने हरीरी का हाथ पकड़ लिया और हरीरी ने भी बिना कोई विरोध किए केशव को सौंप दिया. दोनों के मन तो पहले से एक थे, आज तन भी एक हो गए. मोहनलाल का धंधा दोगुना फायदा दे रहा था. अब तो वह देर शाम को घर आता तो पैसों की एक थैली उस के हाथ में होती, जिन को कई बार वह गिन कर ही अलमारी में रखता था. केशव के मन में हरीरी के लिए प्यार की आग और भी भड़क उठी थी. उसे लगने लगा था कि अब वह हरीरी के बिना नहीं रह सकेगा. उधर हरीरी भी ठेके पर लोगों के गलत बरताव से दुखी हो चुकी थी. हरीरी ने कई बार मोहनलाल से शिकायत भी की थी, मैं काम से नहीं मना करती

ये भी पढ़ें- साथ वाली सीट

, पर यहां लोग दारू पीने के बाद मुझ से छेड़छाड़ करते हैं, जो मुझे अच्छा नहीं लगता. इस पर मोहनलाल ने उसे जवाब दिया, ‘‘इसी के लिए तुझे ब्याह कर लाया हूं कि मेरे काम में एक औरत के होने से और रौनक आए और निचली जाति में पैदा होने के बाद इतने नखरे मत झाड़ा कर. कभीकभार कोई कुछ बोल भी दे, तो मुंह बनाने के बजाय मुसकरा दिया कर.’’ हरीरी ने चुपचाप मोहनलाल की बात सुन ली और अपने काम में लग गई. दोनों की शादी के 6 महीने बीत गए थे. एक सुबह जैसे ही मोहनलाल सो कर उठा, तो हरीरी ने तबीयत खराब होने की बात बताई. पहले तो मोहनलाल ने ऐसे ही टालने की कोशिश की, पर जब हरीरी को उलटियां होने लगीं, तो वह उसे गांव के अस्पताल में ले गया. अस्पताल में जब डाक्टर ने उसे बताया कि हरीरी मां बनने वाली है, तो यह बात सुन कर वह सन्न रह गया. ‘‘यह बच्चा किस का है?’’ घर आते समय मोहनलाल ने पूछा. पहले तो हरीरी खामोश रही,

पर जब उसे लगा कि मोहनलाल से सच छिपाने से क्या फायदा, इसलिए उस ने केशव और अपने संबंध के बारे में सबकुछ सचसच बता दिया. रात में खूब दारू पीने के बाद मोहनलाल ने हरीरी को बहुत पीटा और जीभर कर गालियां दीं. उस की गालियां और मार खा कर हरीरी के मन में जीने की कोई इच्छा न रही. वह घर से भाग गई और शायद खुदकुशी कर ही ली थी, अगर उसे केशव ने सही समय पर नहीं बचाया होता. सारा हाल जानने के बाद केशव ने फैसला लिया कि अब वह हरीरी को अकेला नहीं छोड़ेगा. दोनों शहर में जा कर रहेंगे. अब चाहे अंजाम कुछ भी हो, पर वह हरीरी को नहीं छोड़ेगा. केशव अपने घर से पैसे और दूसरा जरूरी सामान लाने हरीरी का हाथ पकड़ कर चल दिया. उधर जब हरीरी घर में नहीं मिली, तो मोहनलाल समझ गया कि चिडि़या फुर्र हो गई है. वह सीधा केशव के पिता के पास पहुंचा और सारी बात बताते हुए कहा कि भोलेभाले केशव को उस की पत्नी हरीरी ने डोरे डाल कर फंसा लिया है और अब वह पैसे के लालच में केशव के साथ कहीं भाग सकती है. केशव के पिताजी की आंखें गुस्से से लाल हो गई थीं.

वे क्षत्रिय थे, भला किसी निचली जाति वाली लड़की उन के लड़के पर कैसे डोरे डाल सकती है? क्या केशव की मति मारी गई है, जो उस लड़की के साथ रिश्ता बना रहा है…? अरे, पैर की जूती पैर में ही भली लगती है. ऐसा सोच कर उन्होंने अपने आदमियों को तुरंत केशव को ढूंढ़ कर लाने को कहा. तभी सामने से केशव आता दिखाई दिया. केशव ने बड़ी हिम्मत से हरीरी का हाथ पकड़ा हुआ था. मोहनलाल अपनी बीवी को गैरमर्द के साथ देख कर चीख पड़ा था, ‘‘देखिए ठाकुर साहब… यह रही डायन, आप के लड़के को फांसे हुए है.’’ मोहनलाल के शब्द सुन कर केशव के पिता की आंखें गुस्से से दहक उठीं. उन्होंने अपने आदमियों को इशारा किया, जिन्होंने केशव को तुरंत पकड़ कर अंदर कमरे में बंद कर दिया.

केशव ने छूटने की बहुत कोशिश की, पर उन मुस्टंडों की ताकत के आगे वह अकेला था और छूट नहीं पाता. तब तक केशव के घर के आगे गांव के काफी लोग भी जमा हो गए थे. केशव के पिताजी ऊंची आवाज में बोले, ‘‘गांव वालो, आज एक और शरीर को हमें डायन के आतंक से मुक्ति दिलानी होगी. यह डायन हमारे लड़के को भी खाने वाली थी और धीरेधीरे सारे गांव को ही अपना निवाला बना लेती, इसलिए इसे इतना मारो कि इस की आत्मा अभी इस शरीर को त्याग कर परलोक सिधार जाए.’’ ऐसे मौकों पर गांव वालों के पास न तो पत्थरों की कमी होती है और न ही ताकत की. गांव वालों ने इस से पहले भी कई बार कई औरतों को डायन के आतंक से मुक्ति दिलाई थी. गांव वालों ने बिना कुछ सोचेसमझे पत्थर उठा कर मारने शुरू किए और कुछ ही देर में हरीरी की आत्मा उस के शरीर को त्याग चुकी थी और उस की लाश गांव वालों के सामने पड़ी हुई थी. गांव वालों ने एक एससी लड़की को मोक्ष प्रदान कर दिया था.

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September 24, 2021 at 10:00AM