Monday 7 February 2022

Valentine’s Special: स्टैच्यू- उन दो दीवाने को देखकर लोगों को क्या याद आया

थौमस रावेली और टियारा, लंदन के बकिंघम पैलेस के एरिया में एकदूसरे को आलिंगन में भर कर ‘दो दीवाने शहर में…’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे थे. कभीकभी ‘किस’ का दौर भी होता. चलतेचलते रुक जाते और रोमांस की नई पराकाष्ठा पार कर जाते. इस जोड़े को मैं ने हैरी स्ट्रीट मैट्रो स्टेशन से नोटिस में लेना शुरू किया था. वे दोनों मैट्रो की परपल लाइन क्रौस कर बाहर निकले थे.

उस शहर में नई होने के कारण बकिंघम पैलेस घूमने जाने के लिए उसी मैट्रो की परपल लाइन क्रौस करने के दौरान उन से ही मैं ने रास्ता पूछा था. उन्होंने बताया था कि इस के लिए ग्रीन पार्क स्टेशन उतरना ठीक होगा. और कहा कि वे लोग भी उसी पैलेस को देखने जा रहे हैं.

सो, इधरउधर पूछने से छुटकारा मिल गया और एकटक उन के पीछेपीछे चलती चल रही थी. कहां टिकट लेना, किस गेट से ऐंट्री करना, किस लेन की ओर चलनामुड़ना सबकुछ सहज हो गया. एकदम फिट कपल, अंगरेजी मूवी ‘टाईटैनिक’ के हीरोहीरोइन के जोड़े जैसा लग रहा था.

ये भी पढ़ें- हीरोइन : आखिर कमला ने इतनी कम उम्र में क्यों शादी की ?

18-20 साल का यह जोड़ा बीचबीच में कुछ टिकट आदि के दाम के बारे में भी पूछने पर बिलकुल भी खफा नहीं हो रहा था. बल्कि मेरे ‘बैग टू बी एक्सक्यूस्ड’ कहने पर उलटे कह देते ‘इट्स अवर प्लेजर’ और विस्तार से जानकारी देते. वहां की संस्कृति के अनुरूप, मेरे पूछने पर उन के रोमांस में कोई कमी नहीं आती. मानो प्यार किया तो डरना क्या.

उसी एरिया के बीचोंबीच एक शाही गार्डन था. गार्डन के बीचोंबीच मैटल की बड़ी सी सोल्जर यूनिफौर्म में एक आदमकद की मूर्ति थी. एक साइड म्यूज गैलरी थी जहां किस्मकिस्म के घोड़े थे. उन्हें विभिन्न राजा और रानियों के शौक के हिसाब से सजासंवार कर रखा गया था. एक तरफ बड़ा सा ग्रीन पार्क था. बकिंघम पैलेस का सोने का बड़ा सा शानदार शाही गेट था, जहां भीड़ देखने के लिए जमा थी. सुबहसुबह महारानी के शाही सैनिकों की घोड़ों की सवारी देखने के लिए भी रास्ते के दोनों तरफ पब्लिक का जमावड़ा बच्चेबड़ों सहित अपना स्थान निश्चित कर के कतारबद्ध था.

इन विभिन्न जमावड़ों पर भी कितनी बार मैं इस जोड़े से टकराई और हर बार दूर से हम एकदूसरे को देख कर स्माइल जरूर पास करते थे. लड़का तो कुछ ज्यादा ही सोशल लग रहा था. उस की दरियादिली तब पता चली जब उस ने मुझे अपने वैफर्स भी औफर किए थे. न जाने क्यों इतनी भीड़ में वह कपल मुझे आकर्षित करता रहा. उन के प्रति मेरी जिज्ञासा बढ़ने लगी. उन लोगों ने बीचबीच में 1-2 बार अपना कैमरा मुझे दिया ताकि उन की फोटो कैमरे में कैप्चर हो सके. मैं भी उसे अपना कैमरा देती रही ताकि मेरे भी स्नैप्स उन्हें में कैद हो सकें.

सुबह 9 बजे फ्रिट्सजय स्क्वायर से, बीबीसी टावर के ठीक सामने बने वाईडब्लूसीएम के होस्टल से निकली थी. मशहूर औक्सफोर्ड शौपिंग स्ट्रीट से घूमतीघूमती हैरी स्ट्रीट पहुंची थी, जहां से बकिंघम पैलेस के लिए मैट्रो ली थी. तब जा कर 10 बजे बकिंघम पैलेस पहुंची थी. मैट्रो टिकट लेने के दौरान ही दोनों का नाम पूछा था. इस बार इंगलैंड की रानी को अधिक वित्त जुटाने के मद्देनजर पैलेस को जनता के लिए भारी टिकट पर कुछ दिनों के लिए खोला गया था. इसलिए हजारों की भीड़ उस एरिया में एकत्रित थी. पैलेस के टिकट खरीदने की क्यू में भी वह कपल मेरे आगे खड़ा था. अथाह भीड़ के बीच भी रौयल सिस्टम सिस्टमैटिक था, जिस कारण उन से मित्रता बढ़ने लगी थी. वही समझा रहे थे कि पहले क्वीन गैलरी देखेंगे फिर म्यूज हाउस यानी अस्तबल जाएंगे.

ये भी पढ़ें- येलो और्किड : भाग 4

टिकट खरीदने के बाद सीधे क्वीन गैलरी गए जहां उन्होंने कुछ वौलपेपर्स खरीदे. मैं ने एक एशियन सिविलाइजेशन टाइम का सिक्का, एक गोल्ड चेन खरीदी.
अब बकिंघम पैलेस के गेट पर पहुंचने पर उन की देखादेखी जब मैं ने अपना टिकट फोल्डर खोल कर देखा तो हमारे बकिंघम पैलेस में प्रवेश का टाइम रौयल पुलिस ने ढाई बजे तक अंकित कर रखा था. अभी दोपहर का 1 बजा था. बकिंघम पैलेस के पास कई गोल्ड स्टैच्यूस, पानी के फौआरे, पार्क आदि देखने लायक स्पौट्स थे. पास ही में गोल्डन लौयन (शेर) वाली सफेद दूधिया बिल्ंिडग के सफेद संगमरमरी फर्श पर कोई लेटा था तो कोई समूचे नजारे को निहार कर अपनी आंखें सेंक रहा था. कोई टूरिस्ट फोटो क्लिक कर रहा था तो कोई वीडियो शूट कर रहा था. उस समय वौकमैन ज्यादा प्रचलित था सो हर एक के पास वौकमैन ही था. टियारा की जीन्सपैंट की जेब में वौकमैन था और थौमस अपने दाहिने हाथ से उस का कंधा थामे धीरेधीरे चहलकदमी कर रहा था.

बकिंघम पैलेस स्क्वायर से 50 गज की दूरी पर तेज गति से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसें, टैक्सियां, रंगबिरंगी प्राइवेट कारें चल रही थीं. सड़क के दोनों ओर पगडंडियों पर जो हजारों की भीड़ चल रही थी वह आकाश से बरसती बूंदाबांदी से अपनी रफ्तार तेज कर उस दूधिया इमारत में कैसे भी घुस कर बारिश से बचना चाहती थी. सुबह से चलतेचलते पैरों ने पहले ही जवाब दे दिया था पर फिर भी चल रहे थे. चूंकि सब बकिंघम पैलेस देखने वाले थे इसलिए 2.30 बजे टाइम वाले सभी टूरिस्ट वहीं इमारत में पसरने लगे थे. कुछ दूरी पर टियारा और थौमस भी लेटेलेटे गप करते रहे.

पता नहीं क्यों जिज्ञासा हुई के ये दोनों मैरिड हैं या अनमैरिड. अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए जैसे ही हम लोग उठ कर चलने लगे, मैं ने कौंप्लीमैंट दिया, ‘‘क्यूट कपल.’’
दोनों एकसाथ बोले, ‘‘थैंक्स अ लोट.’’
मैं ने कहा, ‘‘ह्वेन आर यू गोइंग टू गैट मैरिड?’’
उन का उत्तर ही स्वयं सवाल था, ‘‘आर वी नौट लुकिंग मैरिड?’’

मैं सोच में पड़ गई कि हमारे यहां तो शादीशुदा कपल को पहचानना कठिन नहीं होता पर इंगलैंड में ऐसे कपल को पहचानना तो सच में मुश्किल है. यहां न विवाह की अनिवार्यताएं होती हैं और न ही लिवइन रिलेशनशिप को बुरा माना जाता है. टियारा ने बताया कि उस की मां इटैलियन हैं और पिता ब्रिटिश हैं. दोनों डाक्टर हैं और एक मैडिकल कौन्फ्रैंस में मिले. यह मुलाकात दोनों के लिए अच्छी रही. अब वे अच्छे दोस्त बन गए. फिर धीरेधीरे वे करीब आ गए. दोनों की कमाई भी अच्छी थी. इसलिए साथसाथ रहने लगे पर अब तक शादी नहीं की. लेकिन हम दोनों की तो उतनी कमाई नहीं है. टियारा ने वाक्य पूरा करने से पहले सिगरेट का कश लगाना शुरू किया. थौमस को सिगरेट की आदत नहीं थी.

मैं ने कहा, ‘‘इस का मतलब तुम लोग बिना शादी के साथ जीवन बिताओगे?’’
थौमस ने कहा, ‘‘नहीं, अभीअभी हमारा विवाह बड़ी मुश्किल से हुआ है,’’ आगे कहने लगा, ‘‘टियारा का बाप तो सख्त मिलिट्री रूल वाला मार्शल है. कहता था ‘तुम जब तक अच्छा कमा कर अच्छा घर, फर्नीचर का जुगाड़ नहीं कर लेते तब तक एकसाथ नहीं रह सकते.’ सो मैं ने इतना कमाने और टियारा का जीवनसाथी बनने का सपना देखना ही बंद कर दिया था. लेकिन बहुत उतारचढ़ाव के बाद मैं इस के लायक बना और हमारा विवाह हुआ.’’

एक बार बातों ही बातों में पता चला कि थौमस एक साधारण ट्रैवलिंग एजेंट है उस की उतनी कमाई नहीं थी कि घर खरीद कर ऐशोआराम से रह सके. ऊपर से उस की मानवीय संवेदनाएं भी आधी कमाई की हिस्सेदार थीं. जितना कमाता  उस से ज्यादा दूसरों की मदद में लगा देता. उस से किसी का दुख देखा नहीं जाता. उस की जेब में जब भी पैसा होता और सामने वाला भूखा होता तो पहले उस की मदद करता और खुद पैदल भी घर चल पड़ता. बीचबीच में टियारा कमैंट्स कर के ऐसी बातें कह रही थी.

ये भी पढ़ें- मेरी डोर कोई खींचे

मेरी जिज्ञासा बढ़ रही थी कि थौमस ने टियारा को जीवनसाथी बनाने का सपना देखना बंद कर दिया था फिर उस ने ऐसा क्या किया कि दोनों आज दो जिस्म एक जान बन गए. हालांकि शादी से पहले टियारा उसे प्यार से, डांट से, रूठ कर सचेत करती कि ये सब दरियादिली वाली बातें, पैसा हो तभी किया करो, पर थौमस इन बातों को कहां सुनने वाला था. उस का सिद्धांत था, सुनो सब की करो मन की. जब उस ने अपनी कथा बताई तो मैं अवाक् हो कर उसे एकटक निहारती रही.

उस ने बताया कि एक बार टियारा से इसी बात से डांट खा कर तनावग्रस्त वातावरण को हलका करने के लिए वह चित्रपेंटिंग बनाने वाले अपने एक दोस्त के पास गया जिसे वह पिकासो कहता था. वह अकसर किसी न किसी महंगी पेंटिंग पर काम करता रहता था. उस दिन भी वह एक पेंटिंग बनाने में मशगूल था. पिकासो को दोस्त की आने की आहट तो हुई पर उस के हावभाव देखने की फुरसत नहीं थी क्योंकि ऐसा करने पर उस की पेंटिंग बिगड़ सकती थी. उस समय वह सामने बैठे एक स्टैच्यू बने फकीर की पेंटिंग बना रहा था. फकीर वाकई फटेहाल था. उस के कपड़ों पर अनगिनत पैबंद लगे थे,  जूते फटे, बाल बिखरे हुए थे, चेहरे पर अनेक चोटों के निशान थे और उस के पैबंद वाले चोगे की एक बांह नदारद थी.

उस ने पिकासो से पूछा, ‘‘कितने बजे से पेंटिंग बना रहा है?’’
‘‘सुबह 7 बजे से,’’ पिकासो ने जवाब दिया.
‘‘मालूम है अभी कितना टाइम हुआ है?’’ थौमस का अगला तीर था.
‘‘शाम के 5 बजे होंगे.’’
‘‘कितना कमाएगा इस पेंटिंग के बन जाने पर?’’ उस ने पूछा.
‘‘कोई 1 हजार पौंड.’’
‘‘और इस फकीर को कितना देगा?’’
‘‘50 पौंड.’’
‘‘कब देगा?’’
‘‘पेंटिंग बिक्री हो जाने के बाद.’’

थौमस को बहुत बुरा लगा कि यह फकीर सुबह से बिना खाएपिए, बिना हिलेडुले स्टैच्यू बना बैठा है और इसे मिलेंगे सिर्फ 50 पौंड जबकि पिकासो को मिलेंगे 1 हजार पौंड. उसे टियारा के बाप की याद आई कि अमीर लोग कैसे अपनी शर्तों पर गरीबों को अपने इशारों पर नचाते हैं. उसे उस फकीर पर बड़ी दया आ रही थी पर वह अपने दोस्त की कमाई में कुछ भी नहीं कर सकता था. वह बीचबीच में अपने दोस्त को जरूर बोल रहा था, ‘‘इट इज नौट फेयर.’’

अभी पिकासो ब्रश और रंगों का कौंबिनेशन बना ही रहा था कि घर की कौल बैल बजी. ट्रिन…ट्रिन…ट्रिन…

पिकासो ‘‘जस्ट अ मिनट’’ कह कर लिविंगरूम को छोड़ कर ड्राइंगरूम में आया और दरवाजे की नौब घुमा कर दरवाजा खोला. पता लगा कि कोई क्लाइंट और्डर के लिए आया है. उन की बातें प्रोफैशनल होने के कारण 20-25 मिनट तक चलती रहीं.

मौडल बना फकीर थौमस की बातों से काफी प्रभावित सा लगा. उस ने थौमस का ठौरठिकाना पूछा कि कभी जरूरत होने पर क्या वह उस के पास आ सकता है? थौमस ने उसे अपना विजिटिंग कार्ड दिया और कहा, ‘‘आई शैल बी हैप्पी टू डू समथिंग फौर यू.’’

ये भी पढ़ें- कितने रूप-भाग 1: सुलभा जगदीश से अचानक घृणा क्यों करने लगी

उस ने जेब में हाथ डाला तो 5 पौंड का नोट निकला. उस ने वह नोट उस फकीर को दे कर गुडबाय कर के उस से अलविदा ली.
टियारा ने घर देर से आने का कारण पूछा तो उस ने सारी बात बता कर कहा कि पैसे कम पड़ गए सो एक स्टेशन पैदल चल कर आने में देर तो लगेगी. इस पर वह नाराज हुई कि ऐसे तो उस के पापा उन की शादी ही नहीं होने देंगे. पर अगले ही पल थौमस की मासूम मुसकान के सामने टियारा के सब बाण बेकार जाते.

बैचलर थौमस के कोई अधिक ठिकाने तो थे नहीं, सो ऐसे ही एक दिन फिर पिकासो के पास गया. इधरउधर की बातों के बाद अचानक पिकासो को एक बात याद आई और कह बैठा, ‘‘अरे थौमस, उस दिन तुम ने उस फकीर पर बड़ा जादू कर दिया?’’
‘‘क्यों, क्या हुआ?’’ थौमस ने अर्थभरी भावमुद्रा में पूछा.
‘‘रात को जातेजाते वह केवल तुम्हारी ही बातें कर रहा था. तुम्हारी कहानी सुनने को बेकरार था. तुम्हारी कहानी सुन कर वह दुखी हो गया और कहने लगा, बहुत ही भला इंसान है थौमस. तुम ने उस को क्या दिया? जो उठतेबैठते तुम्हारा ही गुणगान कर रहा था.’’
‘‘धत, मेरे पास रहता ही क्या है? मात्र 5 पौंड थे, सो दे दिए ताकि जा कर कुछ खा ले.’’
‘‘सच?’’ पिकासो ने आश्चर्यचकित हो कर कहा.
थौमस ने विस्मय से पूछा, ‘‘बात क्या है, मेरे दोस्त?’’
पिकासो बोला, ‘‘तुम सच में बहुत बड़े बुद्धू हो. अरे तुम यूरोप के सब से बड़े नामी रईस गैलीलियो को नहीं जानते? क्या तुम ने उस का नाम भी नहीं सुना? अरे, वह चाहे तो पूरा यूरोप खरीद सकता है. और तुम ने उस को 5 पौंड दिए?’’

थौमस स्तब्ध रह गया कि उस ने नासमझी में यह क्या कर दिया. इस एक पल की बेवकूफी ने उसे घोर पश्चात्तापी बना दिया. सोचने लगा, टियारा ठीक कहती है. ऐसे थोड़े जिंदगी चलती है. आज से वह सोचसमझ कर ही काम करेगा. अपने दोस्त को भी भलाबुरा कहने लगा कि उस ने उस को पहले क्यों नहीं बताया? उस ने तो पूछा भी कि यह कौन है? पर उस ने तो बात मजाक में ही उड़ा दी. उसी समय कहता कि कोई अमीर, अपनी फटेहाली की शौकिया पेंटिंग बनवा रहा है? पर अब पछताए होत क्या जब चिडि़यां चुग गईं खेत? वह अपनी जिंदगी एकांत में गुजारने लगा. एक घटना ने उस का जीवन ही बदल डाला. उसे अपने मित्र पर गुस्सा भी बहुत आया पर तरकश से तीर निकल चुका था. बेबस हो कर अपने दोस्त को ‘आई बैग टू बी ऐक्सक्यूस्ड’ कह कर वहां से चल दिया.

ये भी पढ़ें- यह मेरी मंजिल नहीं

अब वह पहले से अधिक अपने काम में मशगूल रहने लगा. डट कर जिंदगी का मुकाबला करने लगा. कई और एअरलाइंस की टिकट बुकिंग का जिम्मा ले लिया. डेल्टा एअरलाइंस, ब्रिटिश एअरवेज, लुफथांसा एअरलाइंस, केएलएम, एअर इंडिया, गल्फ एअरलाइंस, सिंगापुर एअरलाइंस और न जाने कितनी एअरलाइंस के टिकट बुक कर के पैसा कमाने लगा. अब तो उसे अपने मित्र के पास जाने का न तो समय था न ही कुछ सुधबुध. पर कभी अतीत की घटना याद आने पर वह परेशान जरूर हो जाता.

पर इतनी मेहनत करने पर भी घर खरीदना उस के लिए दूर गगन की छांव थी. कुछ एअरलाइंस ने अपने सौफ्टवेयर यूज करने के लिए कुछ कंप्यूटर अवश्य मुहैया कराए थे. एक दिन ऐसे ही अपनी उंगलियां कंप्यूटर पर चला रहा था कि एक मर्सिडीज आ कर उस के औफिस के बाहर रुकी. कार से बाहर निकला रईस अपने कपड़ों से पहचाना जा सकता था. थौमस को समझने में बिलकुल देर नहीं लगी कि यह तो वही रईसजादा है जो फकीर बना था. थौमस के मुंह से निकल पड़ा, ‘‘सर, आई बैग टू बी ऐक्सक्यूस्ड फार माई ब्लंडर.’’ पर उस धनवान के चेहरे पर शिकवा के कोई भाव नहीं थे. उस धनवान ने एक लिफाफा उसे थमाते हुए कहा, ‘‘कौंगरैट्स फौर वैंडिंग?’’

थौमस कुछ समझ पाता, उस से पहले उस ने लिफाफा खोलने का इशारा किया. लिफाफे में 1 मिलियन पौंड का एक चैक था. थौमस स्तब्ध रह गया. वह मेहनत की कमाई में विश्वास करता था. साथ ही खैरात में मिली दौलत से टियारा को अपनी जिंदगी में नहीं लाना चाहता था. सो, उस ने थैंक्स कह कर कहा, ‘‘बट आई डोंट बिलीव इन चैरिटीज.’’

धनवान ने कहा, ‘‘नो, इट्स नाट एट आल चैरिटी? इट्स योर हार्डअर्न्ड मनी.’’ थौमस को और अधिक कन्फ्यूजन में न डाल कर उस ने स्पष्ट किया कि उस दिन तुम ने जो 5 पौंड करेंसी दी थी, उस से मैं ने तुम्हारे लिए एक लौटरी का टिकट खरीद लिया. आज उस लौटरी का ड्रा हुआ और तुम्हारे टिकट पर 1 मिलियन पौंड की लौटरी खुली है. सो, तुम्हारा पैसा मैं कैसे रख सकता हूं. इस तरह थौमस ने अपनी पूरी कहानी बता कर मुझ से विदा ली.

The post Valentine’s Special: स्टैच्यू- उन दो दीवाने को देखकर लोगों को क्या याद आया appeared first on Sarita Magazine.



from कहानी – Sarita Magazine https://ift.tt/B5fVOp8

थौमस रावेली और टियारा, लंदन के बकिंघम पैलेस के एरिया में एकदूसरे को आलिंगन में भर कर ‘दो दीवाने शहर में…’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे थे. कभीकभी ‘किस’ का दौर भी होता. चलतेचलते रुक जाते और रोमांस की नई पराकाष्ठा पार कर जाते. इस जोड़े को मैं ने हैरी स्ट्रीट मैट्रो स्टेशन से नोटिस में लेना शुरू किया था. वे दोनों मैट्रो की परपल लाइन क्रौस कर बाहर निकले थे.

उस शहर में नई होने के कारण बकिंघम पैलेस घूमने जाने के लिए उसी मैट्रो की परपल लाइन क्रौस करने के दौरान उन से ही मैं ने रास्ता पूछा था. उन्होंने बताया था कि इस के लिए ग्रीन पार्क स्टेशन उतरना ठीक होगा. और कहा कि वे लोग भी उसी पैलेस को देखने जा रहे हैं.

सो, इधरउधर पूछने से छुटकारा मिल गया और एकटक उन के पीछेपीछे चलती चल रही थी. कहां टिकट लेना, किस गेट से ऐंट्री करना, किस लेन की ओर चलनामुड़ना सबकुछ सहज हो गया. एकदम फिट कपल, अंगरेजी मूवी ‘टाईटैनिक’ के हीरोहीरोइन के जोड़े जैसा लग रहा था.

ये भी पढ़ें- हीरोइन : आखिर कमला ने इतनी कम उम्र में क्यों शादी की ?

18-20 साल का यह जोड़ा बीचबीच में कुछ टिकट आदि के दाम के बारे में भी पूछने पर बिलकुल भी खफा नहीं हो रहा था. बल्कि मेरे ‘बैग टू बी एक्सक्यूस्ड’ कहने पर उलटे कह देते ‘इट्स अवर प्लेजर’ और विस्तार से जानकारी देते. वहां की संस्कृति के अनुरूप, मेरे पूछने पर उन के रोमांस में कोई कमी नहीं आती. मानो प्यार किया तो डरना क्या.

उसी एरिया के बीचोंबीच एक शाही गार्डन था. गार्डन के बीचोंबीच मैटल की बड़ी सी सोल्जर यूनिफौर्म में एक आदमकद की मूर्ति थी. एक साइड म्यूज गैलरी थी जहां किस्मकिस्म के घोड़े थे. उन्हें विभिन्न राजा और रानियों के शौक के हिसाब से सजासंवार कर रखा गया था. एक तरफ बड़ा सा ग्रीन पार्क था. बकिंघम पैलेस का सोने का बड़ा सा शानदार शाही गेट था, जहां भीड़ देखने के लिए जमा थी. सुबहसुबह महारानी के शाही सैनिकों की घोड़ों की सवारी देखने के लिए भी रास्ते के दोनों तरफ पब्लिक का जमावड़ा बच्चेबड़ों सहित अपना स्थान निश्चित कर के कतारबद्ध था.

इन विभिन्न जमावड़ों पर भी कितनी बार मैं इस जोड़े से टकराई और हर बार दूर से हम एकदूसरे को देख कर स्माइल जरूर पास करते थे. लड़का तो कुछ ज्यादा ही सोशल लग रहा था. उस की दरियादिली तब पता चली जब उस ने मुझे अपने वैफर्स भी औफर किए थे. न जाने क्यों इतनी भीड़ में वह कपल मुझे आकर्षित करता रहा. उन के प्रति मेरी जिज्ञासा बढ़ने लगी. उन लोगों ने बीचबीच में 1-2 बार अपना कैमरा मुझे दिया ताकि उन की फोटो कैमरे में कैप्चर हो सके. मैं भी उसे अपना कैमरा देती रही ताकि मेरे भी स्नैप्स उन्हें में कैद हो सकें.

सुबह 9 बजे फ्रिट्सजय स्क्वायर से, बीबीसी टावर के ठीक सामने बने वाईडब्लूसीएम के होस्टल से निकली थी. मशहूर औक्सफोर्ड शौपिंग स्ट्रीट से घूमतीघूमती हैरी स्ट्रीट पहुंची थी, जहां से बकिंघम पैलेस के लिए मैट्रो ली थी. तब जा कर 10 बजे बकिंघम पैलेस पहुंची थी. मैट्रो टिकट लेने के दौरान ही दोनों का नाम पूछा था. इस बार इंगलैंड की रानी को अधिक वित्त जुटाने के मद्देनजर पैलेस को जनता के लिए भारी टिकट पर कुछ दिनों के लिए खोला गया था. इसलिए हजारों की भीड़ उस एरिया में एकत्रित थी. पैलेस के टिकट खरीदने की क्यू में भी वह कपल मेरे आगे खड़ा था. अथाह भीड़ के बीच भी रौयल सिस्टम सिस्टमैटिक था, जिस कारण उन से मित्रता बढ़ने लगी थी. वही समझा रहे थे कि पहले क्वीन गैलरी देखेंगे फिर म्यूज हाउस यानी अस्तबल जाएंगे.

ये भी पढ़ें- येलो और्किड : भाग 4

टिकट खरीदने के बाद सीधे क्वीन गैलरी गए जहां उन्होंने कुछ वौलपेपर्स खरीदे. मैं ने एक एशियन सिविलाइजेशन टाइम का सिक्का, एक गोल्ड चेन खरीदी.
अब बकिंघम पैलेस के गेट पर पहुंचने पर उन की देखादेखी जब मैं ने अपना टिकट फोल्डर खोल कर देखा तो हमारे बकिंघम पैलेस में प्रवेश का टाइम रौयल पुलिस ने ढाई बजे तक अंकित कर रखा था. अभी दोपहर का 1 बजा था. बकिंघम पैलेस के पास कई गोल्ड स्टैच्यूस, पानी के फौआरे, पार्क आदि देखने लायक स्पौट्स थे. पास ही में गोल्डन लौयन (शेर) वाली सफेद दूधिया बिल्ंिडग के सफेद संगमरमरी फर्श पर कोई लेटा था तो कोई समूचे नजारे को निहार कर अपनी आंखें सेंक रहा था. कोई टूरिस्ट फोटो क्लिक कर रहा था तो कोई वीडियो शूट कर रहा था. उस समय वौकमैन ज्यादा प्रचलित था सो हर एक के पास वौकमैन ही था. टियारा की जीन्सपैंट की जेब में वौकमैन था और थौमस अपने दाहिने हाथ से उस का कंधा थामे धीरेधीरे चहलकदमी कर रहा था.

बकिंघम पैलेस स्क्वायर से 50 गज की दूरी पर तेज गति से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसें, टैक्सियां, रंगबिरंगी प्राइवेट कारें चल रही थीं. सड़क के दोनों ओर पगडंडियों पर जो हजारों की भीड़ चल रही थी वह आकाश से बरसती बूंदाबांदी से अपनी रफ्तार तेज कर उस दूधिया इमारत में कैसे भी घुस कर बारिश से बचना चाहती थी. सुबह से चलतेचलते पैरों ने पहले ही जवाब दे दिया था पर फिर भी चल रहे थे. चूंकि सब बकिंघम पैलेस देखने वाले थे इसलिए 2.30 बजे टाइम वाले सभी टूरिस्ट वहीं इमारत में पसरने लगे थे. कुछ दूरी पर टियारा और थौमस भी लेटेलेटे गप करते रहे.

पता नहीं क्यों जिज्ञासा हुई के ये दोनों मैरिड हैं या अनमैरिड. अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए जैसे ही हम लोग उठ कर चलने लगे, मैं ने कौंप्लीमैंट दिया, ‘‘क्यूट कपल.’’
दोनों एकसाथ बोले, ‘‘थैंक्स अ लोट.’’
मैं ने कहा, ‘‘ह्वेन आर यू गोइंग टू गैट मैरिड?’’
उन का उत्तर ही स्वयं सवाल था, ‘‘आर वी नौट लुकिंग मैरिड?’’

मैं सोच में पड़ गई कि हमारे यहां तो शादीशुदा कपल को पहचानना कठिन नहीं होता पर इंगलैंड में ऐसे कपल को पहचानना तो सच में मुश्किल है. यहां न विवाह की अनिवार्यताएं होती हैं और न ही लिवइन रिलेशनशिप को बुरा माना जाता है. टियारा ने बताया कि उस की मां इटैलियन हैं और पिता ब्रिटिश हैं. दोनों डाक्टर हैं और एक मैडिकल कौन्फ्रैंस में मिले. यह मुलाकात दोनों के लिए अच्छी रही. अब वे अच्छे दोस्त बन गए. फिर धीरेधीरे वे करीब आ गए. दोनों की कमाई भी अच्छी थी. इसलिए साथसाथ रहने लगे पर अब तक शादी नहीं की. लेकिन हम दोनों की तो उतनी कमाई नहीं है. टियारा ने वाक्य पूरा करने से पहले सिगरेट का कश लगाना शुरू किया. थौमस को सिगरेट की आदत नहीं थी.

मैं ने कहा, ‘‘इस का मतलब तुम लोग बिना शादी के साथ जीवन बिताओगे?’’
थौमस ने कहा, ‘‘नहीं, अभीअभी हमारा विवाह बड़ी मुश्किल से हुआ है,’’ आगे कहने लगा, ‘‘टियारा का बाप तो सख्त मिलिट्री रूल वाला मार्शल है. कहता था ‘तुम जब तक अच्छा कमा कर अच्छा घर, फर्नीचर का जुगाड़ नहीं कर लेते तब तक एकसाथ नहीं रह सकते.’ सो मैं ने इतना कमाने और टियारा का जीवनसाथी बनने का सपना देखना ही बंद कर दिया था. लेकिन बहुत उतारचढ़ाव के बाद मैं इस के लायक बना और हमारा विवाह हुआ.’’

एक बार बातों ही बातों में पता चला कि थौमस एक साधारण ट्रैवलिंग एजेंट है उस की उतनी कमाई नहीं थी कि घर खरीद कर ऐशोआराम से रह सके. ऊपर से उस की मानवीय संवेदनाएं भी आधी कमाई की हिस्सेदार थीं. जितना कमाता  उस से ज्यादा दूसरों की मदद में लगा देता. उस से किसी का दुख देखा नहीं जाता. उस की जेब में जब भी पैसा होता और सामने वाला भूखा होता तो पहले उस की मदद करता और खुद पैदल भी घर चल पड़ता. बीचबीच में टियारा कमैंट्स कर के ऐसी बातें कह रही थी.

ये भी पढ़ें- मेरी डोर कोई खींचे

मेरी जिज्ञासा बढ़ रही थी कि थौमस ने टियारा को जीवनसाथी बनाने का सपना देखना बंद कर दिया था फिर उस ने ऐसा क्या किया कि दोनों आज दो जिस्म एक जान बन गए. हालांकि शादी से पहले टियारा उसे प्यार से, डांट से, रूठ कर सचेत करती कि ये सब दरियादिली वाली बातें, पैसा हो तभी किया करो, पर थौमस इन बातों को कहां सुनने वाला था. उस का सिद्धांत था, सुनो सब की करो मन की. जब उस ने अपनी कथा बताई तो मैं अवाक् हो कर उसे एकटक निहारती रही.

उस ने बताया कि एक बार टियारा से इसी बात से डांट खा कर तनावग्रस्त वातावरण को हलका करने के लिए वह चित्रपेंटिंग बनाने वाले अपने एक दोस्त के पास गया जिसे वह पिकासो कहता था. वह अकसर किसी न किसी महंगी पेंटिंग पर काम करता रहता था. उस दिन भी वह एक पेंटिंग बनाने में मशगूल था. पिकासो को दोस्त की आने की आहट तो हुई पर उस के हावभाव देखने की फुरसत नहीं थी क्योंकि ऐसा करने पर उस की पेंटिंग बिगड़ सकती थी. उस समय वह सामने बैठे एक स्टैच्यू बने फकीर की पेंटिंग बना रहा था. फकीर वाकई फटेहाल था. उस के कपड़ों पर अनगिनत पैबंद लगे थे,  जूते फटे, बाल बिखरे हुए थे, चेहरे पर अनेक चोटों के निशान थे और उस के पैबंद वाले चोगे की एक बांह नदारद थी.

उस ने पिकासो से पूछा, ‘‘कितने बजे से पेंटिंग बना रहा है?’’
‘‘सुबह 7 बजे से,’’ पिकासो ने जवाब दिया.
‘‘मालूम है अभी कितना टाइम हुआ है?’’ थौमस का अगला तीर था.
‘‘शाम के 5 बजे होंगे.’’
‘‘कितना कमाएगा इस पेंटिंग के बन जाने पर?’’ उस ने पूछा.
‘‘कोई 1 हजार पौंड.’’
‘‘और इस फकीर को कितना देगा?’’
‘‘50 पौंड.’’
‘‘कब देगा?’’
‘‘पेंटिंग बिक्री हो जाने के बाद.’’

थौमस को बहुत बुरा लगा कि यह फकीर सुबह से बिना खाएपिए, बिना हिलेडुले स्टैच्यू बना बैठा है और इसे मिलेंगे सिर्फ 50 पौंड जबकि पिकासो को मिलेंगे 1 हजार पौंड. उसे टियारा के बाप की याद आई कि अमीर लोग कैसे अपनी शर्तों पर गरीबों को अपने इशारों पर नचाते हैं. उसे उस फकीर पर बड़ी दया आ रही थी पर वह अपने दोस्त की कमाई में कुछ भी नहीं कर सकता था. वह बीचबीच में अपने दोस्त को जरूर बोल रहा था, ‘‘इट इज नौट फेयर.’’

अभी पिकासो ब्रश और रंगों का कौंबिनेशन बना ही रहा था कि घर की कौल बैल बजी. ट्रिन…ट्रिन…ट्रिन…

पिकासो ‘‘जस्ट अ मिनट’’ कह कर लिविंगरूम को छोड़ कर ड्राइंगरूम में आया और दरवाजे की नौब घुमा कर दरवाजा खोला. पता लगा कि कोई क्लाइंट और्डर के लिए आया है. उन की बातें प्रोफैशनल होने के कारण 20-25 मिनट तक चलती रहीं.

मौडल बना फकीर थौमस की बातों से काफी प्रभावित सा लगा. उस ने थौमस का ठौरठिकाना पूछा कि कभी जरूरत होने पर क्या वह उस के पास आ सकता है? थौमस ने उसे अपना विजिटिंग कार्ड दिया और कहा, ‘‘आई शैल बी हैप्पी टू डू समथिंग फौर यू.’’

ये भी पढ़ें- कितने रूप-भाग 1: सुलभा जगदीश से अचानक घृणा क्यों करने लगी

उस ने जेब में हाथ डाला तो 5 पौंड का नोट निकला. उस ने वह नोट उस फकीर को दे कर गुडबाय कर के उस से अलविदा ली.
टियारा ने घर देर से आने का कारण पूछा तो उस ने सारी बात बता कर कहा कि पैसे कम पड़ गए सो एक स्टेशन पैदल चल कर आने में देर तो लगेगी. इस पर वह नाराज हुई कि ऐसे तो उस के पापा उन की शादी ही नहीं होने देंगे. पर अगले ही पल थौमस की मासूम मुसकान के सामने टियारा के सब बाण बेकार जाते.

बैचलर थौमस के कोई अधिक ठिकाने तो थे नहीं, सो ऐसे ही एक दिन फिर पिकासो के पास गया. इधरउधर की बातों के बाद अचानक पिकासो को एक बात याद आई और कह बैठा, ‘‘अरे थौमस, उस दिन तुम ने उस फकीर पर बड़ा जादू कर दिया?’’
‘‘क्यों, क्या हुआ?’’ थौमस ने अर्थभरी भावमुद्रा में पूछा.
‘‘रात को जातेजाते वह केवल तुम्हारी ही बातें कर रहा था. तुम्हारी कहानी सुनने को बेकरार था. तुम्हारी कहानी सुन कर वह दुखी हो गया और कहने लगा, बहुत ही भला इंसान है थौमस. तुम ने उस को क्या दिया? जो उठतेबैठते तुम्हारा ही गुणगान कर रहा था.’’
‘‘धत, मेरे पास रहता ही क्या है? मात्र 5 पौंड थे, सो दे दिए ताकि जा कर कुछ खा ले.’’
‘‘सच?’’ पिकासो ने आश्चर्यचकित हो कर कहा.
थौमस ने विस्मय से पूछा, ‘‘बात क्या है, मेरे दोस्त?’’
पिकासो बोला, ‘‘तुम सच में बहुत बड़े बुद्धू हो. अरे तुम यूरोप के सब से बड़े नामी रईस गैलीलियो को नहीं जानते? क्या तुम ने उस का नाम भी नहीं सुना? अरे, वह चाहे तो पूरा यूरोप खरीद सकता है. और तुम ने उस को 5 पौंड दिए?’’

थौमस स्तब्ध रह गया कि उस ने नासमझी में यह क्या कर दिया. इस एक पल की बेवकूफी ने उसे घोर पश्चात्तापी बना दिया. सोचने लगा, टियारा ठीक कहती है. ऐसे थोड़े जिंदगी चलती है. आज से वह सोचसमझ कर ही काम करेगा. अपने दोस्त को भी भलाबुरा कहने लगा कि उस ने उस को पहले क्यों नहीं बताया? उस ने तो पूछा भी कि यह कौन है? पर उस ने तो बात मजाक में ही उड़ा दी. उसी समय कहता कि कोई अमीर, अपनी फटेहाली की शौकिया पेंटिंग बनवा रहा है? पर अब पछताए होत क्या जब चिडि़यां चुग गईं खेत? वह अपनी जिंदगी एकांत में गुजारने लगा. एक घटना ने उस का जीवन ही बदल डाला. उसे अपने मित्र पर गुस्सा भी बहुत आया पर तरकश से तीर निकल चुका था. बेबस हो कर अपने दोस्त को ‘आई बैग टू बी ऐक्सक्यूस्ड’ कह कर वहां से चल दिया.

ये भी पढ़ें- यह मेरी मंजिल नहीं

अब वह पहले से अधिक अपने काम में मशगूल रहने लगा. डट कर जिंदगी का मुकाबला करने लगा. कई और एअरलाइंस की टिकट बुकिंग का जिम्मा ले लिया. डेल्टा एअरलाइंस, ब्रिटिश एअरवेज, लुफथांसा एअरलाइंस, केएलएम, एअर इंडिया, गल्फ एअरलाइंस, सिंगापुर एअरलाइंस और न जाने कितनी एअरलाइंस के टिकट बुक कर के पैसा कमाने लगा. अब तो उसे अपने मित्र के पास जाने का न तो समय था न ही कुछ सुधबुध. पर कभी अतीत की घटना याद आने पर वह परेशान जरूर हो जाता.

पर इतनी मेहनत करने पर भी घर खरीदना उस के लिए दूर गगन की छांव थी. कुछ एअरलाइंस ने अपने सौफ्टवेयर यूज करने के लिए कुछ कंप्यूटर अवश्य मुहैया कराए थे. एक दिन ऐसे ही अपनी उंगलियां कंप्यूटर पर चला रहा था कि एक मर्सिडीज आ कर उस के औफिस के बाहर रुकी. कार से बाहर निकला रईस अपने कपड़ों से पहचाना जा सकता था. थौमस को समझने में बिलकुल देर नहीं लगी कि यह तो वही रईसजादा है जो फकीर बना था. थौमस के मुंह से निकल पड़ा, ‘‘सर, आई बैग टू बी ऐक्सक्यूस्ड फार माई ब्लंडर.’’ पर उस धनवान के चेहरे पर शिकवा के कोई भाव नहीं थे. उस धनवान ने एक लिफाफा उसे थमाते हुए कहा, ‘‘कौंगरैट्स फौर वैंडिंग?’’

थौमस कुछ समझ पाता, उस से पहले उस ने लिफाफा खोलने का इशारा किया. लिफाफे में 1 मिलियन पौंड का एक चैक था. थौमस स्तब्ध रह गया. वह मेहनत की कमाई में विश्वास करता था. साथ ही खैरात में मिली दौलत से टियारा को अपनी जिंदगी में नहीं लाना चाहता था. सो, उस ने थैंक्स कह कर कहा, ‘‘बट आई डोंट बिलीव इन चैरिटीज.’’

धनवान ने कहा, ‘‘नो, इट्स नाट एट आल चैरिटी? इट्स योर हार्डअर्न्ड मनी.’’ थौमस को और अधिक कन्फ्यूजन में न डाल कर उस ने स्पष्ट किया कि उस दिन तुम ने जो 5 पौंड करेंसी दी थी, उस से मैं ने तुम्हारे लिए एक लौटरी का टिकट खरीद लिया. आज उस लौटरी का ड्रा हुआ और तुम्हारे टिकट पर 1 मिलियन पौंड की लौटरी खुली है. सो, तुम्हारा पैसा मैं कैसे रख सकता हूं. इस तरह थौमस ने अपनी पूरी कहानी बता कर मुझ से विदा ली.

The post Valentine’s Special: स्टैच्यू- उन दो दीवाने को देखकर लोगों को क्या याद आया appeared first on Sarita Magazine.

February 08, 2022 at 09:00AM

No comments:

Post a Comment