Friday 15 April 2022

साउथ इंडियन: माधवन किसे देखकर ठहर गया?

लेखिका-अर्विना

तरंगिणी एक बिल्डर के आफिस में रिसेप्शन पर काम करती  थी . आज रविवार का दिन होने की वजह से फ्लेट देखने और बुक करने वालों की भीड़ थी .

एक्सक्यूजमी …..

…क्या  आप बता सकती हैं मि. चड्डा कहां मिलेंगे ?

तरंगिणी ने ऊपर देखा तो देखती ही रह गई सांवला रंग तीखे नाक नक्श छः फिट लगभग हाईट हेंडसम लग रहा था . बिना पलकें झपकाए उसकी और देखने अलपक निहारने लगी .

मेडम ! सुनिये चड्डा जी कहां मिलेंगे में यहां बतोर एकाउंट आफीसर की पोस्ट पर ज्वाइन करने आया हूं .

तरंगिणी झेप गई  .. जी  वो .. आप दाहिने हाथ की तरफ बने रुम नंबर तीन  में चले जाईये वहीं चड्डा जी अपने केबिन में बैठे हैं.

धन्यवाद मेडम .

आप मुझे तरंगिणी कह सकते हैं .

माधवन मुस्कुराते हुए आगे की ओर बढ़ गया .

आई कम इन सर . आओ माधवन ! और कोई परेशानी तो नहीं हुई पहुंचने में , ओह ! नो ..नो सर , बैठो माधवन .

माधवन तुमहारे रहने के लिए  वन बीएचके का फ्लेट मिलेगा उसकी चाबी तरंगिणी से ले लेना अभी तुम सफर से आए हो जाकर आराम करो  , किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो तरंगिणी तुम्हें हेल्प कर देगी .

ओके ….सर धन्यवाद .

माधवन केबिन से बाहर निकल कर रिसेप्शन की

बढ़ा गया देखा तरंगिणी अभी बैठी हुई थी .

तरंगिणी मेडम !  मेडम ..वेडम नहीं आप… मुझे  तरंगिणी कह सकते हैं .

ओके !   आज से बल्की  अभी से  तरंगिणी … अच्छा ये बताओ की फलेट नंबर तीन किधर है और इस नाचीज़ को भूख भी बहुत जोर से लगी है .आस पास कोई रेस्टोरेंट है क्या?

माधवन जी यहाँ केंटीन है वहां आप जो भी खाना  चाहे  मिल जायेगा यहां की काफी बहुत अच्छी बनती है जरुर पीजिए .

तरंगिणी जी बताने‌ के लिए शुक्रिया .

माधवन बाहर आया तो वहां कोई दिखाई नहीं दिया कुछ देर इंतजार के ‌बाद वाचमेन आता दिखाई दिया .

वाचमेन ये फ्लेट नंबर तीन किधर है ?

सर  साईड में अनारा अपार्टमेंट है इसी में चले जाईये नीचे गोरखा बैठा होगा वो आप को बता देगा .

माधवन अनारा अपार्टमेंट के सामने पहुंचा वहां बैठे गोरखे ने माधवन को सलाम ठोका

सालाम शाब

साहब आपको कहां जाना है ?

फ्लेट नंबर तीन में

शाबजी सामने से बायी ओर लिफ्ट है उसी के बगल से सीढ़ियां भी गई है उपर की ओर आप जैसे चाहे वैसे जा  सकते हैं फस्ट फ्लोर पर  आगे जाकर फ्लेट नंबर तीन है .

धन्यवाद गोरखा भाई .

माधवन सामान लेकर लिफ्ट से बाहर आया तो दाहिने हाथ पर बना फ्लेट नंबर तीन दिखाई दिया उसने ताला खोल कर स्विच ऑन कर लाईट जला दी . कमरे का निरिक्षण किया तो देखा जरुरत का सारा सामान मोजूद था .

माधवन ने‌ फ्रिज खोलकर पानी की बोतल निकाली और सोफे पर धस गया माधवन को बहुत थकान महसूस हो रही थी‌ , लेकिन भूख भी जोर से लगी थी इसलिए कपड़े निकाल कर वाशरुम की तरफ बढ़ गया .

 

शावर बाथ  लेकर निकला तो कुछ तरोताजा महसूस किया .

तैयार होने के बाद आईने में माधवन ने एक बार खुद को निहारा तो अचानक से जहन में तरंगिणी हुई छोटी सी मुलाकात उसके चेहरे पर मुस्कान ले‌आई लगा अंजान शहर में कोई अपना मिल गया हो .

फ्लेट से उतर कर सीधे रिसेप्शन पर पहुंचा तो देखा कोई ओर रिसेप्शन पर बैठी थी‌.माधवन ने पूछा तरंगिणी घर चली गई क्या ?

सर वो … तरंगिणी अभी अभी केंटीन की तरफ चली गई हैं  .

ओके .. धन्यवाद

माधवन केंटीन की तरफ चला गया वहां पहुंच कर देखा सामने की टेबल पर दो आदमी बैठे ड्रींक कर रहे थे

माधवन ने बगल से निकलते हुए बेरे‌ को बुलाया और खाने का आर्डर दिया .

माधवन ने केंटीन का नजरों ही नज़रों में मुआयना किया साफ सुथरा अच्छा बना हुआ था तभी कोर्नर टेबिल पर तरंगिणी को लेपटाप में व्यस्त बैठे देखा , माधवन उठा और तरंगिणी की टेबल के नजदीक पहुंच गया तंरंगिणी जी आप हमें छोड़कर यहां अकेले अकेले काफी पीने चली आई.

अरे ….रे.. नहीं,  अचानक बांस ने मीटिंग में बुला   लिया अभी मीटिंग खत्म हुई है .

चलो मेरी टेबल पर मेने खाना आर्डर किया वहीं बैठ कर खाते हैं और बाद में काफी पीयेगे

माधवन जी आप खाना खाईये  मुझे घर जाने के लिए देर होगी .

आज यहीं खाना खा लीजिए फिर चली जाइयेगा .

प्लीज फिर कभी …अभी मुझे मीटिंग रिपोर्ट देकर घर जाना है इसलिए में लैपटॉप पर अपना काम कर रही थी .

माधवन अपनी टेबल पर लोट आया कुछ ही देर में डोसा परोस दिया गया वह खाने लगा बीच बीच में तरंगिणी की तरफ देख लेता था उसकी उंगलियां की बोर्ड पर थिरक रही थी तभी अचानक से दो आदमियों में से एक उठा और तरंगिणी की तरफ बढ़ा माधवन कुछ समझ पाता तब तक उस आदमी ने तरंगिणि के कंधे पर हाथ रखा और और एक घटिया जुमला उछाला तरंगिणी उसे धकियाते हुए उठ खड़ी हुई .

नशे में चूर आदमी तरंगिणी को धमकाने लगा बतादे छमिया किस का टेंडर खुल रहा है . तुझे मालामाल कर देंगे  कह कर जैसे ही आदमी ने हाथ तरंगिणी की तरफ बढ़ाया माधवन ने पीछे पे कालर पकड़ कर तमाचा रसीद कर दिया . तरंगिणी तुम चलो और तरंगिणी का हाथ पकड़ कर बाहर की और निकल आया .

बाहर आकर सीकियोरिटी वाले को तरंगिणी ने फोन किया .

थोड़ी ही देर में उन आदमियों को सीकियोरिटी वाले बाहर ले गए.

तरंगिणी ये कौन लोग हैं?   और क्या  जानकारी चाहते थे ?

माधवन कल एक टेंडर खुलने वाला हैं उसमें इन्होंने भी कोटेशन डाले है. उसी के लिए धमका रहे हैं.

 

ओह ..माधवन मेरी वजह से तुम भूखे ही  रह गए .

कोई बात नहीं तुम ठीक हो ना , , तरंगिणी चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ .

माधवन ! मैं चली जाऊंगी

तुम परेशान मत हो इनका कोई भरोसा नहीं ये तुम्हारा पीछा भी कर सकते हैं.

तरंगिणी ने बास से फोन पर सारी घटना बताई

तरंगिणी तुम आफिस की गाड़ी में घर चली जाओ बहुत देर हो गई है घर पहुंच कर मीटिंग फाईल मेल में सम्मीट कर देना.

माधवन और तरंगिणी साथ साथ चलते हुए पार्किंग एरिया में आ गए गाड़ी के ड्राइवर ने हार्न  दिया. तरंगिणी गाड़ी में बैठ गई

.माधवन से रहा नहीं गया तरंगिणी मैं भी चलता हूँ .

अरे! नहीं ड्राईवर परिचित हैं मैं चली जाऊंगी .

टेक केयर  तरंगिणी ओके गुडनाईट माधवन .

तरंगिणी चली गई माधवन वापस अपने फ्लेट में आगया कपड़े बदल कर   बेड पर निढाल हो कर लेट गया कुछ देर तक तरंगिणी का चेहरा उसकी आंखों में नाचता  रहा तरंगिणी की खुबसूरती  तीखे नैन-नक्श का आकर्षण माधवन को  रोमांचित कर रहा  था   .

माधवन थकावट महसूस करने लगा तो‌आंखें बंद कर ली ना जाने कब नींद के आगोश में चला गया.

सुबह दरवाजे की घंटी की आवाज़ से नींद  खुली दरवाजा खोला तो गोरखा वाचमेन खड़ा था साहब जी !   ये दूध वाला है आप दूध लेंगे क्या ?

वाह बढ़िया मैं तो सोच ही रहा था कि उठने के बाद दूध लेने के लिए जाना पड़ेगा .  अभी आया कह कर माधवन  किचिन से भगोना लिए वापस बाहर आया वाचमेन‌   को धन्यवाद कर  दूध लेकर अंदर आ गया . इंडक्शन पर दूध चढ़ाकर बालकनी में आकर खड़ा हुआ तो बाहर का नजारा बड़ा ही सुन्दर था सूरज‌ की किरणों से दूब घास पर पड़ी ओस की बूंदें हीरे सी चमक रही थी .कल तरंगिणी से हुई मुलाकात माधवन के जहन में तैर गई . माधवन को एक खिंचाव सा महसूस हुआ दिल में उठे इस ख्याल को झटक कर किचिन में जा कर देखा दूध उबल चुका था . माधवन ने काफ़ी मेकर में काफी बनाई तब तक अखबार आ गया एक हाथ में अखबार  लेकर बालकनी में पड़ी चेयर पर बैठ कर काफी पीने लगा .  घड़ी पर नजर डाली तो आफिस का समय हो रहा माधवन उठा और बाथरूम में नहाने चला गया.

तरंगिणी देर रात तक आफिस का काम करती रही सुबह देर से आंख खुली .. उठी तो सीधे बाथरूम में नहाने के लिए चली गई. नहा धो कर तैयार हुई .

मां ने नाश्ता लगाते हुए तरंगिणी को आवाज लगाई.

तरंगिणी ! बेटा नाश्ता लगा दिया है.

तरंगिणी कंधे पर दुपट्टा ठीक करती हुई चप्पल में पैर डाल कर कंधे पर बैठ टांगा और बाहर को भागी मां मुझे पहले ही देर हो गई है मैं केंटीन में नाश्ता कर लूंगी जा रही हूँ आज मीटिंग है .

तरंगिणी बाहर निकल कर चौराहे कि ओर बढ़ गई सामने से आती हुई सिटी बस में सवार होकर चल दी अगले स्टाप पर उतर कर जल्दी जल्दी कदम बढ़ाती हुई आफिस पहुंच कर मीटिंग रुम में जा कर  वहां की व्यवस्था देखने लगी तभी मीटिंग रुम में चढ्ढा जी और माधवन‌ ने एक साथ प्रवेश किया  सभी लोग आचुके थे कुछ ही देर में टेंडर जारी कर दिया गया था इस बार कान्ट्रैक्ट किसी रधुराज की जगह मेघराज  को दे दिया गया था . जैसे ही बाहर लगे मानिटर  पर डिस्प्ले किया गया बाहर एक शोर उठा तरंगिणी से रघुराज ने अभद्रता करने की कोशिश की थी वह  ठेका ना मिलने की वजह से नारेबाजी कर विरोध प्रर्दशन करने लगा उसके साथियों ने सभी का घेराव कर लिया माधवन ने  आफिस के गेट पर खड़े  पुलिस वालों को फोन कर अंदर फंसे होने की जानकारी दी  उन्हें वहां से हटाया गया तब जाकर मीटिंग हाल से सभी लोग बाहर आये .

तरंगिणी और माधवन‌ साथ -साथ चलते हुए  बाहर आये .

तरंगिणी  काफी पीने का मन कर रहा है तुम भी चलो न मेरे साथ  काफी पीने के लिए.

माधवन इस रघुराज कोई भरोसा नहीं है कब क्या कर बैठे ?

तरंगिणी फिलहाल तो पुलिस ले गई

तुम चिंता मत करो सोचते हैं  क्या करना है?

चलो माधवन ! आप पिलाओगे तो हम जरुर काफी पीने चलेंगे

श्योर तरंगिणी चलो .

केंटीन में काफी पीते  हुए तरंगिणी को थोड़ा रिलेक्स महसूस हुआ वर्ना कुछ देर पहले का नजारा थोड़ा भयावह था . काफी खत्म करने पर तरंगिणी उठ खड़ी हुई .

माधवन मुझे घर तक छोड़ दो

चलों तरंगिणी बाइक की चाबी उठाते हुए माधवन बोला . दौनो बाइक पर सवार होकर घर तक पहुंच गए. तरंगिणी ने  मम्मी को सामने से आते हुए देख लिया था .पास में पहुंची तब तक अंदर पापा भी निकल कर बाहर आ गए  थे .  तरंगिणी ने माधवन का परिचय  दिया  मम्मी पापा ये माधवन है  हमारे यहां एकाउंट आफीसर के पद पर ज्वाइन किया है .

सभी लोग ड्राइंग रूम में आकर बैठ गए  .

माधवन बेटा चाय काफी क्या लोगे ? अरे मां इनको खाना खिलाओ आज मेरी वजह से भूखे ही रह गए .

मम्मी-पापा एकसाथ बोल पड़े वो कैसे ?

तरंगिणी ने विस्तार से उसके साथ घटी घटना और माधवन ने किस तरह एक ढाल बन कर उसकी रक्षा की ..सभी  को जब बताया तो पापा के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई .

ओह !  अगर माधवन‌ वहां  ना होता तो आज पता नहीं क्या होता .

अंकल आप निश्चित रहे तरंगिणी को मेने  सकुशल घर पहुंचा दिया.

आंटी  लेकिन मेरे तो  पेट में चूहे कूद रहे सभी लोग ठहाका लगा कर हंस दिए .

दादीजी के चेहरे पर चिंता के भाव आ जा रहे थे , वे इस बीच चुपचाप बैठी थी उनकी खामोशी किसी तुफान के आने की सुगबुगाहट दे रही थी‌.

मम्मी ने खाना लगा दिया सभी लोग खाने के टेबल पर बैठ गए .

खाना खाते हुए माधवन‌ ने खामोशी तोड़ी आंटी‌ आप खाना बहुत बढ़िया बनाती हैं .

अरे वा ! इडली डोसा छोड़कर सब्जी रोटी पसंद आई .

माधवन ने झेंपते हुए कहां आंटी नोर्थ में पढ़ाई की है तो इधर का खाना भी अब अच्छा लगता है .

खाना खत्म कर माधवन ने तरंगिणी के मम्मी पापा से जाने  इजाजत मांगी .

तरंगिणी ने माधवन  को कार तक छोड़ कर जब अंदर आई दादी जो अब तक चुप बैठी थी बम की तरह फट पड़ी और पापा से कहने लगी  . पवन मैं कई बार कह चुकी हूं तरंगिणी का ब्याह करदो पर तुम हो की सुनते ही नहीं मेरी  बात एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देते हो .

माँ तुम परेशान मत हुआ करो तरंगिणी बहुत समझदार है.

पवन तुम्हें तो अहिन्दी भाषी पसंद ही नहीं हैं‌.इस लड़के को भी ज्यादा घर में आने की  लिफ्ट मत  देना.

माँ रात बहुत हो चुकी है आप आराम करें और भाषा को लेकर  परेशान ना हों   बात चीत से  तो लड़का मुझे सुलझा हुआ लगा .

पवन उस मद्रासी  लड़के ने जरा हिंदी में बात क्या  करली तुम तो मोम की तरह पिघलने लगे .

ओह ! मां ऐसा‌ कुछ नहीं है . आप तो खामखां मेरे पीछे पड़ गई हैं .

इस घटना को तीन महीने बीत चुके थे एक दिन तरंगिणी को स्कूटी पर बैठा कर बजार जा रहे थे . लौटते हुए अंधेरा घिर गया था एक मोड़ पर आते ही सामने से आ रही एक कार में से एक हाथ पिस्टल लिए हवा में लहराया‌और फायर कर दिया गोली सीने जाकर पवन जी की जांघ में धंस गई स्कूटी डगमगाई तो तरंगिणी  स्कूटी से गिर पड़े . तरंगिणी ने  पापाकी जांघ से खून बहते हुए देखा तो घबरा गई . स्तकूटी रोककर रनगिणी ने माधवन को फोन मिलाया …. हलो…. माधवन पापा को किसी ने गोली मारी  है एंबूलेंस लेकर जल्दी आ जाओ .

एंबुलेंस लाने के लिए कहां इस बीच मां को भी फोन पर बस इतना कहा कि पापा स्कूटी से गिर गए में अस्पताल लेकर जा रही हूँ .

माधवन कुछ ही देर में एबूलेंस लेकर पहुंच गया

इस बीच तरंगिणी ने अपना दुपट्टा पापा के पैर में बांध दिया था ताकी खूनका बहाव कम हो .

तरंगिणी और माधवन पापा को एबूलेंस से  सीधा पास के अस्पताल में पहुंच कर  दाखिल कराया लेकिन इस बीच ब्लड लास अधिक होगया था  उन्हें आपरेशन के समय रक्त चढ़ाना पड़ेगा डाॅ .ने कहा तरंगिणी और माधवन दौनों ब्लड देने केलिए तैयार हो गए लेकिन  माधवन से रक्त ग्रुप मेंच  कर गया माधवन का ब्लड  पवन जी को  चढ़ा दिया गया तरंगिणी की मम्मी और दादी जब तक आई तो पवन जी को आपररेशन थियेटर में लेजाया जा चुका था .

तरंगिणी बेटा पापा को क्या  हुआ ? मां बाजार में मोड़ पर एक चल्ती गाड़ी में बैठे आदमी ने गोली मारी थी जो  पापा‌के पैर में धंस गई .ना जाने कौन लोग थे और उनकी क्या   मंशा थी .

तरंगिणी ने रोते हुए सारी बात मां को बताई .

माधवन ब्लड देकर लौटा तो  तरंगिणी की माँ को दिलासा दी आंटी भगवान पर भरोसा रखें सब ठीक हो जायेगा .दादी की आंखें आंसू से भीगी हुई थी और वे लगातार   ईश्वर  से प्रार्थना कर रही थी‌. तरंगिणी दादी के साथ बैठकर कर बार बार आपरेशन थियेटर के दरवाजे को देख रही थी .चार घंटे बीत गए थे माधवन भी बैचेनी से इधर उधर घूम रहा था .

सभी को डाॅक्टर के बाहर आने का इंतजार था .

माधवन रह रह कर घड़ी देख रहा था तभी डाॅक्टर बाहर निकले माधवन ने लपककर पास पहुंच गया . मिस्टर माधवन पेशेंट का आपरेशन हो गया गोली निकाल दी गई है आपका धन्यवाद जो समय पर आपने रक्त देकर मरीज की जान बचाई  .

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लेखिका-अर्विना

तरंगिणी एक बिल्डर के आफिस में रिसेप्शन पर काम करती  थी . आज रविवार का दिन होने की वजह से फ्लेट देखने और बुक करने वालों की भीड़ थी .

एक्सक्यूजमी …..

…क्या  आप बता सकती हैं मि. चड्डा कहां मिलेंगे ?

तरंगिणी ने ऊपर देखा तो देखती ही रह गई सांवला रंग तीखे नाक नक्श छः फिट लगभग हाईट हेंडसम लग रहा था . बिना पलकें झपकाए उसकी और देखने अलपक निहारने लगी .

मेडम ! सुनिये चड्डा जी कहां मिलेंगे में यहां बतोर एकाउंट आफीसर की पोस्ट पर ज्वाइन करने आया हूं .

तरंगिणी झेप गई  .. जी  वो .. आप दाहिने हाथ की तरफ बने रुम नंबर तीन  में चले जाईये वहीं चड्डा जी अपने केबिन में बैठे हैं.

धन्यवाद मेडम .

आप मुझे तरंगिणी कह सकते हैं .

माधवन मुस्कुराते हुए आगे की ओर बढ़ गया .

आई कम इन सर . आओ माधवन ! और कोई परेशानी तो नहीं हुई पहुंचने में , ओह ! नो ..नो सर , बैठो माधवन .

माधवन तुमहारे रहने के लिए  वन बीएचके का फ्लेट मिलेगा उसकी चाबी तरंगिणी से ले लेना अभी तुम सफर से आए हो जाकर आराम करो  , किसी भी तरह की जानकारी चाहिए तो तरंगिणी तुम्हें हेल्प कर देगी .

ओके ….सर धन्यवाद .

माधवन केबिन से बाहर निकल कर रिसेप्शन की

बढ़ा गया देखा तरंगिणी अभी बैठी हुई थी .

तरंगिणी मेडम !  मेडम ..वेडम नहीं आप… मुझे  तरंगिणी कह सकते हैं .

ओके !   आज से बल्की  अभी से  तरंगिणी … अच्छा ये बताओ की फलेट नंबर तीन किधर है और इस नाचीज़ को भूख भी बहुत जोर से लगी है .आस पास कोई रेस्टोरेंट है क्या?

माधवन जी यहाँ केंटीन है वहां आप जो भी खाना  चाहे  मिल जायेगा यहां की काफी बहुत अच्छी बनती है जरुर पीजिए .

तरंगिणी जी बताने‌ के लिए शुक्रिया .

माधवन बाहर आया तो वहां कोई दिखाई नहीं दिया कुछ देर इंतजार के ‌बाद वाचमेन आता दिखाई दिया .

वाचमेन ये फ्लेट नंबर तीन किधर है ?

सर  साईड में अनारा अपार्टमेंट है इसी में चले जाईये नीचे गोरखा बैठा होगा वो आप को बता देगा .

माधवन अनारा अपार्टमेंट के सामने पहुंचा वहां बैठे गोरखे ने माधवन को सलाम ठोका

सालाम शाब

साहब आपको कहां जाना है ?

फ्लेट नंबर तीन में

शाबजी सामने से बायी ओर लिफ्ट है उसी के बगल से सीढ़ियां भी गई है उपर की ओर आप जैसे चाहे वैसे जा  सकते हैं फस्ट फ्लोर पर  आगे जाकर फ्लेट नंबर तीन है .

धन्यवाद गोरखा भाई .

माधवन सामान लेकर लिफ्ट से बाहर आया तो दाहिने हाथ पर बना फ्लेट नंबर तीन दिखाई दिया उसने ताला खोल कर स्विच ऑन कर लाईट जला दी . कमरे का निरिक्षण किया तो देखा जरुरत का सारा सामान मोजूद था .

माधवन ने‌ फ्रिज खोलकर पानी की बोतल निकाली और सोफे पर धस गया माधवन को बहुत थकान महसूस हो रही थी‌ , लेकिन भूख भी जोर से लगी थी इसलिए कपड़े निकाल कर वाशरुम की तरफ बढ़ गया .

 

शावर बाथ  लेकर निकला तो कुछ तरोताजा महसूस किया .

तैयार होने के बाद आईने में माधवन ने एक बार खुद को निहारा तो अचानक से जहन में तरंगिणी हुई छोटी सी मुलाकात उसके चेहरे पर मुस्कान ले‌आई लगा अंजान शहर में कोई अपना मिल गया हो .

फ्लेट से उतर कर सीधे रिसेप्शन पर पहुंचा तो देखा कोई ओर रिसेप्शन पर बैठी थी‌.माधवन ने पूछा तरंगिणी घर चली गई क्या ?

सर वो … तरंगिणी अभी अभी केंटीन की तरफ चली गई हैं  .

ओके .. धन्यवाद

माधवन केंटीन की तरफ चला गया वहां पहुंच कर देखा सामने की टेबल पर दो आदमी बैठे ड्रींक कर रहे थे

माधवन ने बगल से निकलते हुए बेरे‌ को बुलाया और खाने का आर्डर दिया .

माधवन ने केंटीन का नजरों ही नज़रों में मुआयना किया साफ सुथरा अच्छा बना हुआ था तभी कोर्नर टेबिल पर तरंगिणी को लेपटाप में व्यस्त बैठे देखा , माधवन उठा और तरंगिणी की टेबल के नजदीक पहुंच गया तंरंगिणी जी आप हमें छोड़कर यहां अकेले अकेले काफी पीने चली आई.

अरे ….रे.. नहीं,  अचानक बांस ने मीटिंग में बुला   लिया अभी मीटिंग खत्म हुई है .

चलो मेरी टेबल पर मेने खाना आर्डर किया वहीं बैठ कर खाते हैं और बाद में काफी पीयेगे

माधवन जी आप खाना खाईये  मुझे घर जाने के लिए देर होगी .

आज यहीं खाना खा लीजिए फिर चली जाइयेगा .

प्लीज फिर कभी …अभी मुझे मीटिंग रिपोर्ट देकर घर जाना है इसलिए में लैपटॉप पर अपना काम कर रही थी .

माधवन अपनी टेबल पर लोट आया कुछ ही देर में डोसा परोस दिया गया वह खाने लगा बीच बीच में तरंगिणी की तरफ देख लेता था उसकी उंगलियां की बोर्ड पर थिरक रही थी तभी अचानक से दो आदमियों में से एक उठा और तरंगिणी की तरफ बढ़ा माधवन कुछ समझ पाता तब तक उस आदमी ने तरंगिणि के कंधे पर हाथ रखा और और एक घटिया जुमला उछाला तरंगिणी उसे धकियाते हुए उठ खड़ी हुई .

नशे में चूर आदमी तरंगिणी को धमकाने लगा बतादे छमिया किस का टेंडर खुल रहा है . तुझे मालामाल कर देंगे  कह कर जैसे ही आदमी ने हाथ तरंगिणी की तरफ बढ़ाया माधवन ने पीछे पे कालर पकड़ कर तमाचा रसीद कर दिया . तरंगिणी तुम चलो और तरंगिणी का हाथ पकड़ कर बाहर की और निकल आया .

बाहर आकर सीकियोरिटी वाले को तरंगिणी ने फोन किया .

थोड़ी ही देर में उन आदमियों को सीकियोरिटी वाले बाहर ले गए.

तरंगिणी ये कौन लोग हैं?   और क्या  जानकारी चाहते थे ?

माधवन कल एक टेंडर खुलने वाला हैं उसमें इन्होंने भी कोटेशन डाले है. उसी के लिए धमका रहे हैं.

 

ओह ..माधवन मेरी वजह से तुम भूखे ही  रह गए .

कोई बात नहीं तुम ठीक हो ना , , तरंगिणी चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ .

माधवन ! मैं चली जाऊंगी

तुम परेशान मत हो इनका कोई भरोसा नहीं ये तुम्हारा पीछा भी कर सकते हैं.

तरंगिणी ने बास से फोन पर सारी घटना बताई

तरंगिणी तुम आफिस की गाड़ी में घर चली जाओ बहुत देर हो गई है घर पहुंच कर मीटिंग फाईल मेल में सम्मीट कर देना.

माधवन और तरंगिणी साथ साथ चलते हुए पार्किंग एरिया में आ गए गाड़ी के ड्राइवर ने हार्न  दिया. तरंगिणी गाड़ी में बैठ गई

.माधवन से रहा नहीं गया तरंगिणी मैं भी चलता हूँ .

अरे! नहीं ड्राईवर परिचित हैं मैं चली जाऊंगी .

टेक केयर  तरंगिणी ओके गुडनाईट माधवन .

तरंगिणी चली गई माधवन वापस अपने फ्लेट में आगया कपड़े बदल कर   बेड पर निढाल हो कर लेट गया कुछ देर तक तरंगिणी का चेहरा उसकी आंखों में नाचता  रहा तरंगिणी की खुबसूरती  तीखे नैन-नक्श का आकर्षण माधवन को  रोमांचित कर रहा  था   .

माधवन थकावट महसूस करने लगा तो‌आंखें बंद कर ली ना जाने कब नींद के आगोश में चला गया.

सुबह दरवाजे की घंटी की आवाज़ से नींद  खुली दरवाजा खोला तो गोरखा वाचमेन खड़ा था साहब जी !   ये दूध वाला है आप दूध लेंगे क्या ?

वाह बढ़िया मैं तो सोच ही रहा था कि उठने के बाद दूध लेने के लिए जाना पड़ेगा .  अभी आया कह कर माधवन  किचिन से भगोना लिए वापस बाहर आया वाचमेन‌   को धन्यवाद कर  दूध लेकर अंदर आ गया . इंडक्शन पर दूध चढ़ाकर बालकनी में आकर खड़ा हुआ तो बाहर का नजारा बड़ा ही सुन्दर था सूरज‌ की किरणों से दूब घास पर पड़ी ओस की बूंदें हीरे सी चमक रही थी .कल तरंगिणी से हुई मुलाकात माधवन के जहन में तैर गई . माधवन को एक खिंचाव सा महसूस हुआ दिल में उठे इस ख्याल को झटक कर किचिन में जा कर देखा दूध उबल चुका था . माधवन ने काफ़ी मेकर में काफी बनाई तब तक अखबार आ गया एक हाथ में अखबार  लेकर बालकनी में पड़ी चेयर पर बैठ कर काफी पीने लगा .  घड़ी पर नजर डाली तो आफिस का समय हो रहा माधवन उठा और बाथरूम में नहाने चला गया.

तरंगिणी देर रात तक आफिस का काम करती रही सुबह देर से आंख खुली .. उठी तो सीधे बाथरूम में नहाने के लिए चली गई. नहा धो कर तैयार हुई .

मां ने नाश्ता लगाते हुए तरंगिणी को आवाज लगाई.

तरंगिणी ! बेटा नाश्ता लगा दिया है.

तरंगिणी कंधे पर दुपट्टा ठीक करती हुई चप्पल में पैर डाल कर कंधे पर बैठ टांगा और बाहर को भागी मां मुझे पहले ही देर हो गई है मैं केंटीन में नाश्ता कर लूंगी जा रही हूँ आज मीटिंग है .

तरंगिणी बाहर निकल कर चौराहे कि ओर बढ़ गई सामने से आती हुई सिटी बस में सवार होकर चल दी अगले स्टाप पर उतर कर जल्दी जल्दी कदम बढ़ाती हुई आफिस पहुंच कर मीटिंग रुम में जा कर  वहां की व्यवस्था देखने लगी तभी मीटिंग रुम में चढ्ढा जी और माधवन‌ ने एक साथ प्रवेश किया  सभी लोग आचुके थे कुछ ही देर में टेंडर जारी कर दिया गया था इस बार कान्ट्रैक्ट किसी रधुराज की जगह मेघराज  को दे दिया गया था . जैसे ही बाहर लगे मानिटर  पर डिस्प्ले किया गया बाहर एक शोर उठा तरंगिणी से रघुराज ने अभद्रता करने की कोशिश की थी वह  ठेका ना मिलने की वजह से नारेबाजी कर विरोध प्रर्दशन करने लगा उसके साथियों ने सभी का घेराव कर लिया माधवन ने  आफिस के गेट पर खड़े  पुलिस वालों को फोन कर अंदर फंसे होने की जानकारी दी  उन्हें वहां से हटाया गया तब जाकर मीटिंग हाल से सभी लोग बाहर आये .

तरंगिणी और माधवन‌ साथ -साथ चलते हुए  बाहर आये .

तरंगिणी  काफी पीने का मन कर रहा है तुम भी चलो न मेरे साथ  काफी पीने के लिए.

माधवन इस रघुराज कोई भरोसा नहीं है कब क्या कर बैठे ?

तरंगिणी फिलहाल तो पुलिस ले गई

तुम चिंता मत करो सोचते हैं  क्या करना है?

चलो माधवन ! आप पिलाओगे तो हम जरुर काफी पीने चलेंगे

श्योर तरंगिणी चलो .

केंटीन में काफी पीते  हुए तरंगिणी को थोड़ा रिलेक्स महसूस हुआ वर्ना कुछ देर पहले का नजारा थोड़ा भयावह था . काफी खत्म करने पर तरंगिणी उठ खड़ी हुई .

माधवन मुझे घर तक छोड़ दो

चलों तरंगिणी बाइक की चाबी उठाते हुए माधवन बोला . दौनो बाइक पर सवार होकर घर तक पहुंच गए. तरंगिणी ने  मम्मी को सामने से आते हुए देख लिया था .पास में पहुंची तब तक अंदर पापा भी निकल कर बाहर आ गए  थे .  तरंगिणी ने माधवन का परिचय  दिया  मम्मी पापा ये माधवन है  हमारे यहां एकाउंट आफीसर के पद पर ज्वाइन किया है .

सभी लोग ड्राइंग रूम में आकर बैठ गए  .

माधवन बेटा चाय काफी क्या लोगे ? अरे मां इनको खाना खिलाओ आज मेरी वजह से भूखे ही रह गए .

मम्मी-पापा एकसाथ बोल पड़े वो कैसे ?

तरंगिणी ने विस्तार से उसके साथ घटी घटना और माधवन ने किस तरह एक ढाल बन कर उसकी रक्षा की ..सभी  को जब बताया तो पापा के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई .

ओह !  अगर माधवन‌ वहां  ना होता तो आज पता नहीं क्या होता .

अंकल आप निश्चित रहे तरंगिणी को मेने  सकुशल घर पहुंचा दिया.

आंटी  लेकिन मेरे तो  पेट में चूहे कूद रहे सभी लोग ठहाका लगा कर हंस दिए .

दादीजी के चेहरे पर चिंता के भाव आ जा रहे थे , वे इस बीच चुपचाप बैठी थी उनकी खामोशी किसी तुफान के आने की सुगबुगाहट दे रही थी‌.

मम्मी ने खाना लगा दिया सभी लोग खाने के टेबल पर बैठ गए .

खाना खाते हुए माधवन‌ ने खामोशी तोड़ी आंटी‌ आप खाना बहुत बढ़िया बनाती हैं .

अरे वा ! इडली डोसा छोड़कर सब्जी रोटी पसंद आई .

माधवन ने झेंपते हुए कहां आंटी नोर्थ में पढ़ाई की है तो इधर का खाना भी अब अच्छा लगता है .

खाना खत्म कर माधवन ने तरंगिणी के मम्मी पापा से जाने  इजाजत मांगी .

तरंगिणी ने माधवन  को कार तक छोड़ कर जब अंदर आई दादी जो अब तक चुप बैठी थी बम की तरह फट पड़ी और पापा से कहने लगी  . पवन मैं कई बार कह चुकी हूं तरंगिणी का ब्याह करदो पर तुम हो की सुनते ही नहीं मेरी  बात एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल देते हो .

माँ तुम परेशान मत हुआ करो तरंगिणी बहुत समझदार है.

पवन तुम्हें तो अहिन्दी भाषी पसंद ही नहीं हैं‌.इस लड़के को भी ज्यादा घर में आने की  लिफ्ट मत  देना.

माँ रात बहुत हो चुकी है आप आराम करें और भाषा को लेकर  परेशान ना हों   बात चीत से  तो लड़का मुझे सुलझा हुआ लगा .

पवन उस मद्रासी  लड़के ने जरा हिंदी में बात क्या  करली तुम तो मोम की तरह पिघलने लगे .

ओह ! मां ऐसा‌ कुछ नहीं है . आप तो खामखां मेरे पीछे पड़ गई हैं .

इस घटना को तीन महीने बीत चुके थे एक दिन तरंगिणी को स्कूटी पर बैठा कर बजार जा रहे थे . लौटते हुए अंधेरा घिर गया था एक मोड़ पर आते ही सामने से आ रही एक कार में से एक हाथ पिस्टल लिए हवा में लहराया‌और फायर कर दिया गोली सीने जाकर पवन जी की जांघ में धंस गई स्कूटी डगमगाई तो तरंगिणी  स्कूटी से गिर पड़े . तरंगिणी ने  पापाकी जांघ से खून बहते हुए देखा तो घबरा गई . स्तकूटी रोककर रनगिणी ने माधवन को फोन मिलाया …. हलो…. माधवन पापा को किसी ने गोली मारी  है एंबूलेंस लेकर जल्दी आ जाओ .

एंबुलेंस लाने के लिए कहां इस बीच मां को भी फोन पर बस इतना कहा कि पापा स्कूटी से गिर गए में अस्पताल लेकर जा रही हूँ .

माधवन कुछ ही देर में एबूलेंस लेकर पहुंच गया

इस बीच तरंगिणी ने अपना दुपट्टा पापा के पैर में बांध दिया था ताकी खूनका बहाव कम हो .

तरंगिणी और माधवन पापा को एबूलेंस से  सीधा पास के अस्पताल में पहुंच कर  दाखिल कराया लेकिन इस बीच ब्लड लास अधिक होगया था  उन्हें आपरेशन के समय रक्त चढ़ाना पड़ेगा डाॅ .ने कहा तरंगिणी और माधवन दौनों ब्लड देने केलिए तैयार हो गए लेकिन  माधवन से रक्त ग्रुप मेंच  कर गया माधवन का ब्लड  पवन जी को  चढ़ा दिया गया तरंगिणी की मम्मी और दादी जब तक आई तो पवन जी को आपररेशन थियेटर में लेजाया जा चुका था .

तरंगिणी बेटा पापा को क्या  हुआ ? मां बाजार में मोड़ पर एक चल्ती गाड़ी में बैठे आदमी ने गोली मारी थी जो  पापा‌के पैर में धंस गई .ना जाने कौन लोग थे और उनकी क्या   मंशा थी .

तरंगिणी ने रोते हुए सारी बात मां को बताई .

माधवन ब्लड देकर लौटा तो  तरंगिणी की माँ को दिलासा दी आंटी भगवान पर भरोसा रखें सब ठीक हो जायेगा .दादी की आंखें आंसू से भीगी हुई थी और वे लगातार   ईश्वर  से प्रार्थना कर रही थी‌. तरंगिणी दादी के साथ बैठकर कर बार बार आपरेशन थियेटर के दरवाजे को देख रही थी .चार घंटे बीत गए थे माधवन भी बैचेनी से इधर उधर घूम रहा था .

सभी को डाॅक्टर के बाहर आने का इंतजार था .

माधवन रह रह कर घड़ी देख रहा था तभी डाॅक्टर बाहर निकले माधवन ने लपककर पास पहुंच गया . मिस्टर माधवन पेशेंट का आपरेशन हो गया गोली निकाल दी गई है आपका धन्यवाद जो समय पर आपने रक्त देकर मरीज की जान बचाई  .

The post साउथ इंडियन: माधवन किसे देखकर ठहर गया? appeared first on Sarita Magazine.

April 16, 2022 at 09:00AM

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