Sunday 29 March 2020

देरसबेर पर खुशी घनेर

क्या करे वह. पिछली बार पंजाब गया था तो पक्का सोच कर गया था कि सब बताएगा पर हिम्मत नहीं जुटा पाया और अब फिर जाना पड़ेगा. बहन, गुरमीत की शादी जो है. शेरीपोवा व डेढ़ वर्षीय बेटे माइकल को ले जाए तो क्या बताए वहां कि बिना बताए रशियन लड़की से कोर्ट मैरिज कर ली थी और अब उन का एक बेटा भी है. उन को न ले जाए, न बताए तो जब उस के मातापिता उस की शादी की इंडिया में बात चलाएंगे तो क्या करेगा, क्या कहेगा. पति जीत की चिंता जान शेरी ने सुझाया कि शादी में वह भी जाएगी. वह जीत के परिवार से मिलना चाहती है और जैसा उस ने सुन रखा है, इंडियन मैरिजज आर अ ग्रेट फन, वह भी देखना चाहती है.

उस ने जीत को साथ ले जा अपने लिए सुंदर से 4 सलवार सूट खरीदे. रंग गोरा और तीखे नैननक्श वाली शेरीपोवा ने जब वे पहने तो सच में भारतीय दिखने लगी. लंबे बालों में चोटी गूंथ, थोड़ा शृंगार कर गोदी में माइकल को ले और जीत को जबरदस्ती साथ खड़ा कर शेरी ने कैमरे से फोटो खींच ली. फोटो देख जीत हंसा, ‘‘नकली इंडियन.’’ शेरी ने जवाब दिया, ‘‘मीत की शादी पर जाऊंगी तो तुम्हें असली इंडियन बन कर बताऊंगी.’’

शेरी ने एक फोटो अपने मातापिता को भेज दी और दूसरी फ्रेम में सजा दी. तय हुआ सब चलेंगे तो शेरी ने अपनी मरजी से मीत के लिए सुंदरसुंदर चीजें व शृंगार का सामान खरीदा और एक सुंदर महंगी सी घड़ी मीत के होने वाले पति के लिए ली. जीत ने घर में विशेष रूप से फोन कर बता दिया कि एअरपोर्ट केवल छोटा भाई हरदीप ही आए. जीत को डर था कि घर के बाकी सदस्य शेरी और बच्चे को उस के साथ देख पता नहीं कैसा व्यवहार करें. फ्लाइट समय पर पहुंची. छोटा भाई हरदीप पहले तो नहीं समझा पर फिर उस के दिमाग का शक ठीक निकला. जीत ने जब सब बताया कि कैसे एक ही जगह नौकरी करते, बाद में साथ रहते, उन्होंने शादी कर ली पर डर के कारण घर में नहीं बताया. हरदीप ने शेरी के कंधे पर हाथ रख कहा, ‘‘डोंट वरी, एवरीथिंग विल बी फाइन.’’

बेबी माइकल को जीत की गोद से ले कार में बिठाया. घर पहुंच योजना के अनुसार, पहले जीत माइकल को गोद लिए कार से निकला. सब घर के दरवाजे पर खडे़ इंतजार कर रहे थे. हरदीप ने कार से सामान निकाल भाभी को बाहर आने को कहा. सब हैरान पर मीत भाग कर कार के पास आई और हाथ बढ़ा भाभी का हाथ थाम उसे दरवाजे तक लाई. शेरी ने झुक कर पहले जीत के पिता, फिर मां के पैर छुए. जब कोई कुछ न बोला तो हरदीप ने माइकल को गोदी उठा नाचना शुरू किया, ‘‘बधाई जी बधाई भाभी आई भाभी आई.’’

मां को जब समझ आया तो आगे बढ़ शेरी को गले लगाया. सब अंदर आए पर जीत एकदम चुप था. पिता ने माइकल के सिर पर हाथ रखा तो जीत ने समझ लिया कि सब ठीक है. पिता के सामने हाथ जोड़ माफी मांगते उसे अफसोस हुआ कि उसे पहले ही बता देना चाहिए था, जैसा शेरी ने किया था. उस ने जब शादी के निर्णय को अपने मातापिता को बताया था तो वे खुश तो नहीं थे पर कहा था, ‘तुम्हारी मरजी.’

घर में शादी की सब तैयारी हो चुकी थी. हरदीप ने जीत को अपने साथ लगाया और शादी में लेनदेन, रीतिरिवाज के बारे में समझाया. लड़की की शादी है, सब ठीकठाक होना चाहिए. माइकल को सब उठाए फिरते थे. जीत व्यस्त था, शेरी अकेली सी पड़ गई थी. बस, मीत ही शेरी के आसपास रहती. वह उसे सब अंगरेजी में बता रही थी. घर में कुछ औरतें काम में हाथ बंटा रही थीं. उन में से एक मीत की सहेली वीरा की मां थीं जो शेरी का विशेष ध्यान रख रही थीं. मीत के कहने पर वीरा भी अपने कपड़े आदि ले 4 दिन पहले ही आ गई थी. मीत ने सहेली को समझाते हुए कहा कि भाभी शेरी को अंगरेजी में बात कर हर रीतिरिवाज व शादी में होने वाली रस्मों के बारे में बताए. जो कुछ भी वे जानना चाहें, उन्हें बताए. शेरी के लिए शादी के मौके पर पहनने वाले कपड़े सलवार सूट, लहंगा, चोली कुरती आदि मंगवा लिए गए और अब वीरा उन्हें उसे पहना कर साइज देख रही थी. शेरी, जो स्कर्ट पहनने की आदी थी, के लिए ये सब कुछ ज्यादा ही था पर वह खुश थी.

शुरू हुआ मेहमानों का आना, खातिरदारी, रस्में, जिन में शेरी भी संकोच से ही सही, भाग ले रही थी. मिलने वालों से वह बस, मुसकरा कर ही अभिनंदन कर पा रही थी. जीत का तो कुछ पता ही नहीं, बस रात को ही देख पाती थी. शादी के घर में इतने काम जो होते हैं. और फिर बड़ा भाई होने के नाते उस की जिम्मेदारी भी ज्यादा थी. माइकल तो सब से बहुत हिलमिल गया था, जैसे उसे मां की जरूरत ही नहीं. आज मेहंदी की रात थी. महिलाएं मेहंदी लगवा रही थीं. गानाबजाना, नाचना, हंसीमजाक चल रहा था. शेरी के लिए सब नया था. पर वह अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही थी सब का साथ देने की. वीरा ने हाथ पकड़ शेरी को नाचने के लिए उकसाया. शेरी भी सब की देखादेखी पैर थिरकाने व हाथ मटकाने लगी. सब ने जोरदार गाने के साथ ताली बजा कर उस की सराहना की. जीत भी अब रुक न सका. माइकल को गोद में उठा कर शेरी के साथ नाचने लगा. हरदीप तो कभी इधर तो कभी उधर घूम कैमरे से सब की फोटो खींचने में लगा रहा.

सुबह से ही हलदी लगाने, चूड़ा चढ़ाने, कलीरे बांधने की रस्में शुरू हो गई थीं. शेरी अपना कैमरा निकाल सब की फोटो खींचने लगी. उसे ये सब देख उत्सुकता हो रही थी. दोपहर के खाने के बाद मीत को दुलहन के रूप में शृंगार के लिए पार्लर जाना था. उस ने भाभी और वीरा को भी साथ लिया. माइकल को जीत ने संभाला. शेरी को भी दुलहन की तरह  सजाया गया. सुंदर मेकअप, हेयरस्टाइल, हरेपीले रंग का भारीभरकम, अति सुंदर लहंगाचोली, ओढ़नी और आभूषणों से सज्जित शेरी का तो जैसे रूप ही बदल गया. वीरा की सज्जा दूसरी तरह की थी, सुंदर सलवारकमीज व लंबी वेणी हेयरस्टाइल में वह पक्की पंजाबन दिखना चाहती थी. जब दुलहन मीत सजसंवर कर बाहर आई तो शेरी अचंभित थी, इतना बदलाव, इतनी सुंदर. उस ने मीत का हाथ थाम कहा, ‘‘वैरी ब्यूटीफुल.’’

मीत का उत्तर था, ‘‘यू टू.’’

पार्लर में काम करती एक लड़की ने तीनों की फोटो खींची. जब तीनों को कार से घर लाया गया तो सब ने उन की बलाएं लीं. सासूजी ने शेरी को सोने के जड़ाऊ कंगन पहना, उस की कलाइयां चूमीं. उन के पीछे खड़े जीत से जब शेरी की आंख मिली तो एक के चेहरे पर अचरज था और दूसरे के चेहरे पर शर्म के भाव. सब तैयार हो पंडाल में इकट्ठे हुए. जीत और दीप इधरउधर इंतजाम देख रहे थे. शेरी ने जीत के साथ कई हिंदी फिल्में देखी थीं पर यह कभी नहीं सोचा था कि उसे यह सब वास्तव में देखने को मिलेगा. शोरशराबे, गानेबजाने, नाचने का जोरदार दौर चल रहा था. बरात द्वार पर थी. जयमाला, मिलनी आदि की रीति के बाद मीत और दूल्हे पुनीत को सजे स्टेज पर बैठाया गया. खाने का दौर शुरू हुआ तो मां ने जीत को समझाया कि माइकल को गोदी में ले शेरी को बारीबारी से सभी रिश्तेदारों से मिलवाओ. कौन कहेगा, यह रूसी लड़की है, एकदम भारतीय वेश में सब के पास जा चरणस्पर्श करती, गले मिलती, हाथ मिलाती मुसकराती शेरी सब की सराहना का केंद्र बनी रही.

माइकल थक कर सो गया था. रात को फेरों और फिर विदाई का समय होते लगभग सुबह होने वाली थी. मीत सब के गले मिल रो रही थी. शेरी ने भी आगे बढ़ इस रस्म को पूरा करना चाहा तो मीत ने भाभी का माथा चूमा और गाल सहलाया. मीत के पति पुनीत ने जीत और शेरी से गले मिल विदा ली. सब बहुत थके हुए थे. कुछ लोग सो गए थे पर जीत और दीप अभी भी सब समेटने में लगे हुए थे. सबकुछ ठीकठाक देख जीत कमरे में आया और पाया कि शेरी माइकल को लिए, सो रही है. आज उसे देख उस में एक नया रूप दिखा. कैसे वह उन की भाषा न जानते हुए भी सब से घुलमिल गई थी. कैसे उस के परिवार ने उसे सहज स्वीकार कर लिया था. माइकल तो सब का दुलारा बच्चा बन गया था. जीत ने झुक कर शेरी का माथा चूमा. स्पर्श पाते ही शेरी ने आंखें खोल जीत को आलिंगनबद्ध किया और दोनों असीमित सुख के संसार में डूब गए.

अब जीत वापस जाने की तैयारी में था. 2 दिन बाद उन की फ्लाइट थी. मीत और  उस के पति पुनीत भी आ गए थे. जाने वाले दिन सब ने साथ बैठ चाय पी. सब उदास थे. कार में सामान रखा जा रहा था. माइकल तो चाचा दीप की गोदी से उतरना ही नहीं चाहता था. गले मिलते शेरी की आंखें गीली थीं. ससुरजी के पैर छुए तो उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा, ‘‘जल्दी आना.’’ फ्लाइट समय पर थी. सारे रास्ते सो कर थकावट उतारी. शनिवार रात काफी देर से घर पहुंचे. इतवार सुबह उठ दोनों ने मिल कर घर को व्यवस्थित किया. शेरी ने अपनी मां को फोन पर शादी का हाल बताया और जीत के परिवार की बहुत प्रशंसा की. पिता से भी बात हुई. उन्होंने भी एक अच्छा समाचार सुनाया कि शेरी की छोटी बहन के लिए अमेरिका से एक लड़के का विवाह प्रस्ताव आया है. रशियन लड़का सिनयोन वहां काफी समय से कार्यरत है. और उस के मातापिता सिनयोन के मातापिता से वहां मिल चुके हैं.

मां ने कहा कि यदि जीत ठीक समझे तो दोनों जा कर सिनयोन से मिल आएं. अगले हफ्ते समय तय कर दोनों एक अच्छे रैस्टोरैंट में उस से मिले. जीत को सिनयोन बहुत अच्छा लड़का लगा. शेरी को भी सिनयोन सलीकेदार और बुद्धिमत्ता में बहुत आगे लगा. सिनयोन ने बताया कि मलवीना की इंटर्नशिप 6 माह में पूरी हो जाएगी. शादी अमेरिका में होगी और इसी बीच पासपोर्ट वीजा आदि का प्रबंध भी हो जाएगा. शेरी खुश थी कि उस की बहन भी अमेरिका में रहेगी तो मिलना होता रहेगा  शादी का पूरा प्रबंध सिनयोन ने अपने हाथ में लिया. 6 माह का समय बीतने से पहले ही वीजा मिल जाने से शेरी के मातापिता आ गए. सिनयोन के मातापिता को वीजा न मिल पाया. मलवीना शादी की तारीख से एक सप्ताह पहले आ गई और उस के लिए वैडिंग गाउन और बाकी की शौपिंग पूरी हो गई. शादी बहुत ही शानदार ढंग से हुई. सिनयोन के मातापिता वहां बैठे ही पूरी शादी का आनंद वीडियो से देख खुश थे.

3 महीने का समय बीता और शेरी के मातापिता के वापस लौटने का समय हो गया. इस दौरान सब से अच्छी बात यह रही कि उन्हें जीत व शेरी को खुश देख बहुत खुशी हुई. अब दोनों बेटियां यहां होने से उन का भी आनाजाना लगा रहेगा. शेरी के मातापिता अपनी भाषा में ही बातचीत करते थे पर जरूरी बात को शेरी अंगरेजी में जीत को बता देती. शेरी जीत की भाषा जानती नहीं, इसलिए उस ने माइकल को रशियन भाषा सिखाने की कोशिश की पर विफल रही. जब कभी जीत या शेरी के घर से फोन पर बात होती तो कुछ समय के लिए फोन माइकल को भी दिया जाता. वह कुछ समझता तो नहीं पर अपनी हंसी से सब को खुश कर देता. फेसबुक पर फोटो देख वह अपने नानानानी, दादादादी को पहचान लेता था. जीत ने फिर सोचा कि शेरी को सब से मिलाने में देरी अवश्य हुई पर सब को खुश देख उसे भी ढेरों खुशियां मिलीं. यह तो और भी अच्छा हुआ कि शेरी का परिवार भी उस से बहुत खुश है क्योंकि वह उन की बेटी को जो खुश रखता है. उन की बेटी थी ही इतनी अच्छी कि खुशी उस के पास स्वयं आ जाती है. इस बार जब शेरी की बहन मलवीना के ससुराल वालों का आना और मिलना हुआ तो लगा जैसे वे सब अपने ही हैं. अब उन के परिवार का दायरा बढ़ गया है. मन ही मन सोचा कि सब का प्यार और मेलजोल बना रहे तो सब का फायदा है. हमारा तो सब से ज्यादा क्योंकि शेरी अब प्रैगनैंट है और डिलीवरी के समय उस की मां आ कर सब संभाल लेंगी.

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क्या करे वह. पिछली बार पंजाब गया था तो पक्का सोच कर गया था कि सब बताएगा पर हिम्मत नहीं जुटा पाया और अब फिर जाना पड़ेगा. बहन, गुरमीत की शादी जो है. शेरीपोवा व डेढ़ वर्षीय बेटे माइकल को ले जाए तो क्या बताए वहां कि बिना बताए रशियन लड़की से कोर्ट मैरिज कर ली थी और अब उन का एक बेटा भी है. उन को न ले जाए, न बताए तो जब उस के मातापिता उस की शादी की इंडिया में बात चलाएंगे तो क्या करेगा, क्या कहेगा. पति जीत की चिंता जान शेरी ने सुझाया कि शादी में वह भी जाएगी. वह जीत के परिवार से मिलना चाहती है और जैसा उस ने सुन रखा है, इंडियन मैरिजज आर अ ग्रेट फन, वह भी देखना चाहती है.

उस ने जीत को साथ ले जा अपने लिए सुंदर से 4 सलवार सूट खरीदे. रंग गोरा और तीखे नैननक्श वाली शेरीपोवा ने जब वे पहने तो सच में भारतीय दिखने लगी. लंबे बालों में चोटी गूंथ, थोड़ा शृंगार कर गोदी में माइकल को ले और जीत को जबरदस्ती साथ खड़ा कर शेरी ने कैमरे से फोटो खींच ली. फोटो देख जीत हंसा, ‘‘नकली इंडियन.’’ शेरी ने जवाब दिया, ‘‘मीत की शादी पर जाऊंगी तो तुम्हें असली इंडियन बन कर बताऊंगी.’’

शेरी ने एक फोटो अपने मातापिता को भेज दी और दूसरी फ्रेम में सजा दी. तय हुआ सब चलेंगे तो शेरी ने अपनी मरजी से मीत के लिए सुंदरसुंदर चीजें व शृंगार का सामान खरीदा और एक सुंदर महंगी सी घड़ी मीत के होने वाले पति के लिए ली. जीत ने घर में विशेष रूप से फोन कर बता दिया कि एअरपोर्ट केवल छोटा भाई हरदीप ही आए. जीत को डर था कि घर के बाकी सदस्य शेरी और बच्चे को उस के साथ देख पता नहीं कैसा व्यवहार करें. फ्लाइट समय पर पहुंची. छोटा भाई हरदीप पहले तो नहीं समझा पर फिर उस के दिमाग का शक ठीक निकला. जीत ने जब सब बताया कि कैसे एक ही जगह नौकरी करते, बाद में साथ रहते, उन्होंने शादी कर ली पर डर के कारण घर में नहीं बताया. हरदीप ने शेरी के कंधे पर हाथ रख कहा, ‘‘डोंट वरी, एवरीथिंग विल बी फाइन.’’

बेबी माइकल को जीत की गोद से ले कार में बिठाया. घर पहुंच योजना के अनुसार, पहले जीत माइकल को गोद लिए कार से निकला. सब घर के दरवाजे पर खडे़ इंतजार कर रहे थे. हरदीप ने कार से सामान निकाल भाभी को बाहर आने को कहा. सब हैरान पर मीत भाग कर कार के पास आई और हाथ बढ़ा भाभी का हाथ थाम उसे दरवाजे तक लाई. शेरी ने झुक कर पहले जीत के पिता, फिर मां के पैर छुए. जब कोई कुछ न बोला तो हरदीप ने माइकल को गोदी उठा नाचना शुरू किया, ‘‘बधाई जी बधाई भाभी आई भाभी आई.’’

मां को जब समझ आया तो आगे बढ़ शेरी को गले लगाया. सब अंदर आए पर जीत एकदम चुप था. पिता ने माइकल के सिर पर हाथ रखा तो जीत ने समझ लिया कि सब ठीक है. पिता के सामने हाथ जोड़ माफी मांगते उसे अफसोस हुआ कि उसे पहले ही बता देना चाहिए था, जैसा शेरी ने किया था. उस ने जब शादी के निर्णय को अपने मातापिता को बताया था तो वे खुश तो नहीं थे पर कहा था, ‘तुम्हारी मरजी.’

घर में शादी की सब तैयारी हो चुकी थी. हरदीप ने जीत को अपने साथ लगाया और शादी में लेनदेन, रीतिरिवाज के बारे में समझाया. लड़की की शादी है, सब ठीकठाक होना चाहिए. माइकल को सब उठाए फिरते थे. जीत व्यस्त था, शेरी अकेली सी पड़ गई थी. बस, मीत ही शेरी के आसपास रहती. वह उसे सब अंगरेजी में बता रही थी. घर में कुछ औरतें काम में हाथ बंटा रही थीं. उन में से एक मीत की सहेली वीरा की मां थीं जो शेरी का विशेष ध्यान रख रही थीं. मीत के कहने पर वीरा भी अपने कपड़े आदि ले 4 दिन पहले ही आ गई थी. मीत ने सहेली को समझाते हुए कहा कि भाभी शेरी को अंगरेजी में बात कर हर रीतिरिवाज व शादी में होने वाली रस्मों के बारे में बताए. जो कुछ भी वे जानना चाहें, उन्हें बताए. शेरी के लिए शादी के मौके पर पहनने वाले कपड़े सलवार सूट, लहंगा, चोली कुरती आदि मंगवा लिए गए और अब वीरा उन्हें उसे पहना कर साइज देख रही थी. शेरी, जो स्कर्ट पहनने की आदी थी, के लिए ये सब कुछ ज्यादा ही था पर वह खुश थी.

शुरू हुआ मेहमानों का आना, खातिरदारी, रस्में, जिन में शेरी भी संकोच से ही सही, भाग ले रही थी. मिलने वालों से वह बस, मुसकरा कर ही अभिनंदन कर पा रही थी. जीत का तो कुछ पता ही नहीं, बस रात को ही देख पाती थी. शादी के घर में इतने काम जो होते हैं. और फिर बड़ा भाई होने के नाते उस की जिम्मेदारी भी ज्यादा थी. माइकल तो सब से बहुत हिलमिल गया था, जैसे उसे मां की जरूरत ही नहीं. आज मेहंदी की रात थी. महिलाएं मेहंदी लगवा रही थीं. गानाबजाना, नाचना, हंसीमजाक चल रहा था. शेरी के लिए सब नया था. पर वह अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही थी सब का साथ देने की. वीरा ने हाथ पकड़ शेरी को नाचने के लिए उकसाया. शेरी भी सब की देखादेखी पैर थिरकाने व हाथ मटकाने लगी. सब ने जोरदार गाने के साथ ताली बजा कर उस की सराहना की. जीत भी अब रुक न सका. माइकल को गोद में उठा कर शेरी के साथ नाचने लगा. हरदीप तो कभी इधर तो कभी उधर घूम कैमरे से सब की फोटो खींचने में लगा रहा.

सुबह से ही हलदी लगाने, चूड़ा चढ़ाने, कलीरे बांधने की रस्में शुरू हो गई थीं. शेरी अपना कैमरा निकाल सब की फोटो खींचने लगी. उसे ये सब देख उत्सुकता हो रही थी. दोपहर के खाने के बाद मीत को दुलहन के रूप में शृंगार के लिए पार्लर जाना था. उस ने भाभी और वीरा को भी साथ लिया. माइकल को जीत ने संभाला. शेरी को भी दुलहन की तरह  सजाया गया. सुंदर मेकअप, हेयरस्टाइल, हरेपीले रंग का भारीभरकम, अति सुंदर लहंगाचोली, ओढ़नी और आभूषणों से सज्जित शेरी का तो जैसे रूप ही बदल गया. वीरा की सज्जा दूसरी तरह की थी, सुंदर सलवारकमीज व लंबी वेणी हेयरस्टाइल में वह पक्की पंजाबन दिखना चाहती थी. जब दुलहन मीत सजसंवर कर बाहर आई तो शेरी अचंभित थी, इतना बदलाव, इतनी सुंदर. उस ने मीत का हाथ थाम कहा, ‘‘वैरी ब्यूटीफुल.’’

मीत का उत्तर था, ‘‘यू टू.’’

पार्लर में काम करती एक लड़की ने तीनों की फोटो खींची. जब तीनों को कार से घर लाया गया तो सब ने उन की बलाएं लीं. सासूजी ने शेरी को सोने के जड़ाऊ कंगन पहना, उस की कलाइयां चूमीं. उन के पीछे खड़े जीत से जब शेरी की आंख मिली तो एक के चेहरे पर अचरज था और दूसरे के चेहरे पर शर्म के भाव. सब तैयार हो पंडाल में इकट्ठे हुए. जीत और दीप इधरउधर इंतजाम देख रहे थे. शेरी ने जीत के साथ कई हिंदी फिल्में देखी थीं पर यह कभी नहीं सोचा था कि उसे यह सब वास्तव में देखने को मिलेगा. शोरशराबे, गानेबजाने, नाचने का जोरदार दौर चल रहा था. बरात द्वार पर थी. जयमाला, मिलनी आदि की रीति के बाद मीत और दूल्हे पुनीत को सजे स्टेज पर बैठाया गया. खाने का दौर शुरू हुआ तो मां ने जीत को समझाया कि माइकल को गोदी में ले शेरी को बारीबारी से सभी रिश्तेदारों से मिलवाओ. कौन कहेगा, यह रूसी लड़की है, एकदम भारतीय वेश में सब के पास जा चरणस्पर्श करती, गले मिलती, हाथ मिलाती मुसकराती शेरी सब की सराहना का केंद्र बनी रही.

माइकल थक कर सो गया था. रात को फेरों और फिर विदाई का समय होते लगभग सुबह होने वाली थी. मीत सब के गले मिल रो रही थी. शेरी ने भी आगे बढ़ इस रस्म को पूरा करना चाहा तो मीत ने भाभी का माथा चूमा और गाल सहलाया. मीत के पति पुनीत ने जीत और शेरी से गले मिल विदा ली. सब बहुत थके हुए थे. कुछ लोग सो गए थे पर जीत और दीप अभी भी सब समेटने में लगे हुए थे. सबकुछ ठीकठाक देख जीत कमरे में आया और पाया कि शेरी माइकल को लिए, सो रही है. आज उसे देख उस में एक नया रूप दिखा. कैसे वह उन की भाषा न जानते हुए भी सब से घुलमिल गई थी. कैसे उस के परिवार ने उसे सहज स्वीकार कर लिया था. माइकल तो सब का दुलारा बच्चा बन गया था. जीत ने झुक कर शेरी का माथा चूमा. स्पर्श पाते ही शेरी ने आंखें खोल जीत को आलिंगनबद्ध किया और दोनों असीमित सुख के संसार में डूब गए.

अब जीत वापस जाने की तैयारी में था. 2 दिन बाद उन की फ्लाइट थी. मीत और  उस के पति पुनीत भी आ गए थे. जाने वाले दिन सब ने साथ बैठ चाय पी. सब उदास थे. कार में सामान रखा जा रहा था. माइकल तो चाचा दीप की गोदी से उतरना ही नहीं चाहता था. गले मिलते शेरी की आंखें गीली थीं. ससुरजी के पैर छुए तो उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा, ‘‘जल्दी आना.’’ फ्लाइट समय पर थी. सारे रास्ते सो कर थकावट उतारी. शनिवार रात काफी देर से घर पहुंचे. इतवार सुबह उठ दोनों ने मिल कर घर को व्यवस्थित किया. शेरी ने अपनी मां को फोन पर शादी का हाल बताया और जीत के परिवार की बहुत प्रशंसा की. पिता से भी बात हुई. उन्होंने भी एक अच्छा समाचार सुनाया कि शेरी की छोटी बहन के लिए अमेरिका से एक लड़के का विवाह प्रस्ताव आया है. रशियन लड़का सिनयोन वहां काफी समय से कार्यरत है. और उस के मातापिता सिनयोन के मातापिता से वहां मिल चुके हैं.

मां ने कहा कि यदि जीत ठीक समझे तो दोनों जा कर सिनयोन से मिल आएं. अगले हफ्ते समय तय कर दोनों एक अच्छे रैस्टोरैंट में उस से मिले. जीत को सिनयोन बहुत अच्छा लड़का लगा. शेरी को भी सिनयोन सलीकेदार और बुद्धिमत्ता में बहुत आगे लगा. सिनयोन ने बताया कि मलवीना की इंटर्नशिप 6 माह में पूरी हो जाएगी. शादी अमेरिका में होगी और इसी बीच पासपोर्ट वीजा आदि का प्रबंध भी हो जाएगा. शेरी खुश थी कि उस की बहन भी अमेरिका में रहेगी तो मिलना होता रहेगा  शादी का पूरा प्रबंध सिनयोन ने अपने हाथ में लिया. 6 माह का समय बीतने से पहले ही वीजा मिल जाने से शेरी के मातापिता आ गए. सिनयोन के मातापिता को वीजा न मिल पाया. मलवीना शादी की तारीख से एक सप्ताह पहले आ गई और उस के लिए वैडिंग गाउन और बाकी की शौपिंग पूरी हो गई. शादी बहुत ही शानदार ढंग से हुई. सिनयोन के मातापिता वहां बैठे ही पूरी शादी का आनंद वीडियो से देख खुश थे.

3 महीने का समय बीता और शेरी के मातापिता के वापस लौटने का समय हो गया. इस दौरान सब से अच्छी बात यह रही कि उन्हें जीत व शेरी को खुश देख बहुत खुशी हुई. अब दोनों बेटियां यहां होने से उन का भी आनाजाना लगा रहेगा. शेरी के मातापिता अपनी भाषा में ही बातचीत करते थे पर जरूरी बात को शेरी अंगरेजी में जीत को बता देती. शेरी जीत की भाषा जानती नहीं, इसलिए उस ने माइकल को रशियन भाषा सिखाने की कोशिश की पर विफल रही. जब कभी जीत या शेरी के घर से फोन पर बात होती तो कुछ समय के लिए फोन माइकल को भी दिया जाता. वह कुछ समझता तो नहीं पर अपनी हंसी से सब को खुश कर देता. फेसबुक पर फोटो देख वह अपने नानानानी, दादादादी को पहचान लेता था. जीत ने फिर सोचा कि शेरी को सब से मिलाने में देरी अवश्य हुई पर सब को खुश देख उसे भी ढेरों खुशियां मिलीं. यह तो और भी अच्छा हुआ कि शेरी का परिवार भी उस से बहुत खुश है क्योंकि वह उन की बेटी को जो खुश रखता है. उन की बेटी थी ही इतनी अच्छी कि खुशी उस के पास स्वयं आ जाती है. इस बार जब शेरी की बहन मलवीना के ससुराल वालों का आना और मिलना हुआ तो लगा जैसे वे सब अपने ही हैं. अब उन के परिवार का दायरा बढ़ गया है. मन ही मन सोचा कि सब का प्यार और मेलजोल बना रहे तो सब का फायदा है. हमारा तो सब से ज्यादा क्योंकि शेरी अब प्रैगनैंट है और डिलीवरी के समय उस की मां आ कर सब संभाल लेंगी.

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March 30, 2020 at 10:00AM

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