Thursday 30 April 2020

कोरोना वायरस के जाल में: भाग 2

लेखक- डा. भारत खुशालानी

वान के नाक का निचला हिस्सा लाल हो चुका था. उस ने अपनी आंखें जमीन पर गड़ा दीं, बोली, ‘‘दस्तखत करते वक्त उस को छींक आई थी. उस छींक के कण कौपी पर और पैन पर आ गए थे.’’मू को मसला समझ में आ गया. उस ने वान को सांत्वना दी और तुरंत उस ओर चल दिया जहां सिक्योरिटी कैमरा से रिकौर्डिंग रखी जाती थी. रिकौर्डिंग कमरे में पहुंच कर उस ने वहां टैक्नीशियन से 4 दिन पहले की सुबह की रिकौर्डिंग मांगी. रिकौर्डिंग पर उसे डा. वान लीजुंग के कक्ष में घटित होने वाली वही घटना दिखी जिस में बीमार से दिखने वाले, समुद्री खाद्य को ले कर जाने वाले व्यक्ति ने पैन से कौपी पर हस्ताक्षर करते हुए छींका था. रिकौर्डिंग कमरे से ही मू ने रजिस्ट्रेशन कक्ष को फोन लगाया और बाद में डाक्टरपेशेंट रिपोर्ट रूम से डा. वान लीजुंग की कौपी मंगाई. वुहान, हूबे प्रांत के अंतर्गत आने वाला शहर है.

वुहान में ही, हूबे के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में उस रोज जब पुलिसकर्मी भी थोड़ी तादाद में नजर आने लगे, तो स्वास्थ्य विभाग के बाकी कर्मचारी उन को देखने लगे. एक बड़े सम्मलेन कक्ष में स्वास्थ्य विभाग के बड़े ओहदे वाले 15-20 कर्मचारी बैठे थे और उन के पीछे पुलिसवाले खड़े हो कर आने वाले समाचार की प्रतीक्षा कर रहे थे.  सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष ने तेजी से प्रवेश किया और मुख्य कुरसी पर बैठते ही पौलीकौम का बटन दबाया और पौलीकौम में बात करना शुरू किया. पौलीकौम के दूसरे छोर पर डा. चाओ मू मौजूद थे. पौलीकौम से डा. मू की आवाज पूरे कमरे में गूंजी, ‘‘हुआनान समुद्री खाद्य मार्केट से आमतौर पर सी फूड खरीदने वाले व्यक्ति का नाम, पता और मोबाइल नंबर शेयर कर रहा हूं. तुरंत इस का पता लगा कर इस को अस्पताल ले कर आना है पूरे निरीक्षण के लिए. साथ ही, सिक्योरिटी फुटेज भी शेयर कर रहा हूं कि वह कैसा दिखता है.’’अध्यक्ष ने कहा, ‘‘डा. मू, यहां बैठे सब अधिकारी यह जानना चाहते हैं कि क्या चल रहा है? उन के हिसाब से यह संभावित फ्लू के प्रकोप का मामला है. यहां पूरे प्रांत के और शहर के अधिकारी मौजूद हैं. केंद्रीय शासन वाले अभी पहुंचे नहीं हैं.’’

डा. मू ने दूसरी ओर से चिंतापूर्ण लहजे में कहा, ‘‘इतने सारे महत्त्वपूर्ण लोगों को सिर्फ फ्लू का इंजैक्शन दिलाने के लिए नहीं बुलाया गया है. जिस व्यक्ति का फुटेज मैं भेज रहा हूं, वह व्यक्ति संक्रामक है. उस के छूने से ही रोग लगने के बेहद आसार हैं.’’अध्यक्ष ने मुख्य पुलिस अधिकारी को संबोधित किया, ‘‘चीफ, स्थानीय पुलिस की मदद ले कर इस आदमी का पता लगाओ और इस से पहले कि वह शहर में प्लेग फैला दे, इसे वुहान शहरी अस्पताल में डा. मू के पास ले कर जाओ.’’चीफ ने हामी भरी.डा. मू ने चीफ और अध्यक्ष को अधिक जानकारी देना उचित समझा, ‘‘पेशेंट उत्तेजित था, आप सिक्योरिटी फुटेज में भी देख सकते हैं. वह ग्रसनी शोथ से पीडि़त है और खांस रहा है. उस को सांस की तकलीफ हो रही है. कौपी में लिखा है कि उस ने सिरदर्द की भी शिकायत की है. ‘‘डा. वान की जांच कौपी में यह भी लिखा हुआ है कि उस के लसिका गांठ सूजे हुए हैं. उस समय राउंड पर डा. वान लीजुंग थी और वह ही पेशेंट देख रही थी. उस व्यक्ति का निरीक्षण करने के 4 दिनों के अंदर डा. लीजुंग रोगसूचक हो गई है और उस में उसी रोग के लक्षण नजर आ रहे हैं. इस से पता चलता है कि जो वायरस सी फूड वाला व्यक्ति ले कर घूम रहा है, वह वायरस चंद दिनों के भीतर ही अपनेआप को दोहरा सकता है.’’अध्यक्ष ने पूछा, ‘‘डा. मू, आप को लगता है कि सी फूड वाला यह व्यक्ति इस वायरस का पहला शिकार है? या आप की नजर में इस से पहले भी ऐसे लक्षणों वाला इस या दूसरे अस्पताल में आया था?’’चीफ ने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘‘फ्लू जैसी आम बीमारी के लिए तो कोई भी पहले पेशेंट को ढूंढ़ने की इतनी तकलीफ नहीं करता है.’’डा. मू ने दुख से कहा,

‘‘इस के बाद अस्पताल की 2 और नर्सें, और डा. लीजुंग के पति भी इस वायरस का शिकार हो गए हैं. दोनों नर्सों और उन के पतियों को यह वायरस डा. लीजुंग के संपर्क में आने की वजह से हुआ है.’’चीफ ने कहा, ‘‘इस घटना को 4 दिन हो गए, और आप हमें आज बता रहे हैं?’’ अध्यक्ष ने चीफ से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस को प्रोटोकौल के अनुसार तब ही शामिल किया जा सकता है जब उस की जरूरत महसूस हो,’’ फिर डा. मू से कहा, ‘‘डा. मू, आप क्या सुझाव देंगे?’’बहुत ही गंभीरता से डा. मू ने कहा, ‘‘जब तक हम इस सी फूड वाले व्यक्ति का निरीक्षण कर के यह नहीं पता लगा लेते कि उस से पहले कोई और इस वायरस से संक्रमित नहीं था, तब तक वुहान शहरी अस्पताल की तालाबंदी कर देनी चाहिए.’’यह सुनते ही वहां बैठे सब अधिकारी आपस में फुसफुसाने लगे. डा. मू ने उन की फुसफुसाहट को नजरअंदाज करते हुए अपना सुझाव जारी रखा, ‘‘इस प्रकोप को नियंत्रण में लाने के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि वह किसकिस के संपर्क में आया है और वे लोग कहां हैं जिन के संपर्क में वह आया है. ऐसे लोगों को भी अस्पताल में जल्दी से जल्दी ले कर आना है. अस्पताल में डा. लीजुंग के संपर्क में और कौनकौन आया है, इस की पूरी तहकीकात की जरूरत है, इसीलिए अस्पताल की तुरंत तालाबंदी की इजाजत चाहिए.’’अध्यक्ष बोले, ‘‘डा. मू, मैं तुम्हारी राय से सहमत हूं.’’चीफ बोले, ‘‘हम लोग किस वायरस के बारे में बात कर रहे हैं?

’’डा. मू ने बताया, ‘‘अभी तक तो यह वायरस सिर्फ श्वसन प्रणाली पर हमला करते हुए दिख रहा है. वर्तमान में यह ऐसे कुछ खास लक्षण नहीं प्रस्तुत कर रहा है जिस से हम इस की पहचान कर सकें.’’थोड़ी ही देर में गरिमा के साथ चल रहे युवक मिन झोउ का मोबाइल फोन बजा. उस ने फोन पर बात की जिस के बाद उस के हावभाव पूरी तरह बदल गए. पिछले 2 घंटों में मिन ने गरिमा को अस्पताल का निरीक्षण करवाया था और दोचार चुनिंदा प्रयोगशालाएं दिखाई थीं. आने वाले कुछ वर्षों के दौरान गरिमा इन्हीं प्रयोगशालाओं में कुछ शोधकार्य करने की सोच रही थी. इस के लिए आज उस की मुलाकात डा. वान लीजुंग से थी, लेकिन शायद वह व्यस्त थी, इसीलिए उस की जगह मिन झोउ ने ले ली थी.फोन जेब में रख कर मिन ने गरिमा से कहा, ‘‘थोड़ी सी समस्या है.’’गरिमा ने आश्चर्य से पूछा, ‘‘क्या?’’ अब उस के वापस अपने विश्वविद्यालय लौटने का समय आ गया था, जहां होस्टल में एक कमरे में वह रहती थी. वुहान वाएरोलौजी विश्वविद्यालय, चीन का सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालय है जहां उच्चकोटि की पढ़ाई तथा शोधकार्य होता है. वुहान शहरी अस्पताल की प्रयोगशालाओं का शोधकार्य, गरिमा को अपनी डाक्टरेट डिग्री के लिए जरूरी था. किसी अनुमानित परिप्रश्न के बदले वह एक व्यावहारिक और प्रयोगात्मक प्रश्न का हल अपने शोधकार्य में निकालना चाहती थी, इसीलिए उस ने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों की मदद से वुहान शहरी अस्पताल में संपर्क किया था. विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, अकसर अस्पताल के डाक्टरों के साथ मिल कर शोधकार्य करते थे. अपने ज्यादातर डेटा के लिए प्राध्यापक अस्पताल के मरीजों के डेटा पर निर्भर रहते थे. मिन ने गरिमा को अपने फोनकौल के बारे में बताया, ‘‘ऐसा लगता है कि अभी हम लोग इस अस्पताल से नहीं जा सकते.’’गरिमा ने कहा, ‘‘क्या मतलब?’’दोनों वापस जाने के लिए तकरीबन मुख्यद्वार तक पहुंच ही गए थे कि एक अधिकारी सा दिखने वाला व्यक्ति उन के पीछे दौड़ता हुआ आया. दोनों ने पलट कर उस को देखा. अधिकारी ने रुक कर शिष्टाचारपूर्वक कहा, ‘‘माफी चाहता हूं, लेकिन आप दोनों को वापस अंदर आना पड़ेगा.’’मिन ने एक कोशिश की, ‘‘मुझे पहले ही देरी हो रही है.’’लेकिन उस अधिकारी ने फिर शिष्टाचार लेकिन दृढ़तापूर्वक कहा, ‘‘मुझे मालूम है, लेकिन मैं अभी आप लोगों को यहां से नहीं जाने दे सकता हूं. आप कृपया अंदर आ जाएं, फिर मैं सब समझा दूंगा.’’

मिन ने गरिमा से कहा, ‘‘डाक्टरों से ज्यादा अस्पताल प्रशासन की चलती है. इसलिए इन की बात हमें माननी ही पड़ेगी.’’गरिमा बोली, ‘‘ऐसा लगता है मेरा आज का दौरा पूरा नहीं हुआ है. अब तो यह और बढ़ गया है. आज शायद पूरा अस्पताल ही देखने को मिलेगा मुझे.’’अधिकारी ने एक और बात कही, जिस से दोनों चौंक गए, ‘‘तुम दोनों को कम से कम एक पूरे हाथ की दूरी पर रहना पड़ेगा.’’ यह सुन कर दोनों ने अपने बीच थोड़ी दूरी बना ली. अधिकारी ने मुख्यद्वार पर मौजूद 2 रिसैप्शनिस्ट्स को थोड़ी हिदायतें दीं. दोनों रिसैप्शनिस्ट्स ने बहुत ही गंभीरताभरी निगाहों से अधिकारी की बात सुनी और माना.

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लेखक- डा. भारत खुशालानी

वान के नाक का निचला हिस्सा लाल हो चुका था. उस ने अपनी आंखें जमीन पर गड़ा दीं, बोली, ‘‘दस्तखत करते वक्त उस को छींक आई थी. उस छींक के कण कौपी पर और पैन पर आ गए थे.’’मू को मसला समझ में आ गया. उस ने वान को सांत्वना दी और तुरंत उस ओर चल दिया जहां सिक्योरिटी कैमरा से रिकौर्डिंग रखी जाती थी. रिकौर्डिंग कमरे में पहुंच कर उस ने वहां टैक्नीशियन से 4 दिन पहले की सुबह की रिकौर्डिंग मांगी. रिकौर्डिंग पर उसे डा. वान लीजुंग के कक्ष में घटित होने वाली वही घटना दिखी जिस में बीमार से दिखने वाले, समुद्री खाद्य को ले कर जाने वाले व्यक्ति ने पैन से कौपी पर हस्ताक्षर करते हुए छींका था. रिकौर्डिंग कमरे से ही मू ने रजिस्ट्रेशन कक्ष को फोन लगाया और बाद में डाक्टरपेशेंट रिपोर्ट रूम से डा. वान लीजुंग की कौपी मंगाई. वुहान, हूबे प्रांत के अंतर्गत आने वाला शहर है.

वुहान में ही, हूबे के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में उस रोज जब पुलिसकर्मी भी थोड़ी तादाद में नजर आने लगे, तो स्वास्थ्य विभाग के बाकी कर्मचारी उन को देखने लगे. एक बड़े सम्मलेन कक्ष में स्वास्थ्य विभाग के बड़े ओहदे वाले 15-20 कर्मचारी बैठे थे और उन के पीछे पुलिसवाले खड़े हो कर आने वाले समाचार की प्रतीक्षा कर रहे थे.  सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष ने तेजी से प्रवेश किया और मुख्य कुरसी पर बैठते ही पौलीकौम का बटन दबाया और पौलीकौम में बात करना शुरू किया. पौलीकौम के दूसरे छोर पर डा. चाओ मू मौजूद थे. पौलीकौम से डा. मू की आवाज पूरे कमरे में गूंजी, ‘‘हुआनान समुद्री खाद्य मार्केट से आमतौर पर सी फूड खरीदने वाले व्यक्ति का नाम, पता और मोबाइल नंबर शेयर कर रहा हूं. तुरंत इस का पता लगा कर इस को अस्पताल ले कर आना है पूरे निरीक्षण के लिए. साथ ही, सिक्योरिटी फुटेज भी शेयर कर रहा हूं कि वह कैसा दिखता है.’’अध्यक्ष ने कहा, ‘‘डा. मू, यहां बैठे सब अधिकारी यह जानना चाहते हैं कि क्या चल रहा है? उन के हिसाब से यह संभावित फ्लू के प्रकोप का मामला है. यहां पूरे प्रांत के और शहर के अधिकारी मौजूद हैं. केंद्रीय शासन वाले अभी पहुंचे नहीं हैं.’’

डा. मू ने दूसरी ओर से चिंतापूर्ण लहजे में कहा, ‘‘इतने सारे महत्त्वपूर्ण लोगों को सिर्फ फ्लू का इंजैक्शन दिलाने के लिए नहीं बुलाया गया है. जिस व्यक्ति का फुटेज मैं भेज रहा हूं, वह व्यक्ति संक्रामक है. उस के छूने से ही रोग लगने के बेहद आसार हैं.’’अध्यक्ष ने मुख्य पुलिस अधिकारी को संबोधित किया, ‘‘चीफ, स्थानीय पुलिस की मदद ले कर इस आदमी का पता लगाओ और इस से पहले कि वह शहर में प्लेग फैला दे, इसे वुहान शहरी अस्पताल में डा. मू के पास ले कर जाओ.’’चीफ ने हामी भरी.डा. मू ने चीफ और अध्यक्ष को अधिक जानकारी देना उचित समझा, ‘‘पेशेंट उत्तेजित था, आप सिक्योरिटी फुटेज में भी देख सकते हैं. वह ग्रसनी शोथ से पीडि़त है और खांस रहा है. उस को सांस की तकलीफ हो रही है. कौपी में लिखा है कि उस ने सिरदर्द की भी शिकायत की है. ‘‘डा. वान की जांच कौपी में यह भी लिखा हुआ है कि उस के लसिका गांठ सूजे हुए हैं. उस समय राउंड पर डा. वान लीजुंग थी और वह ही पेशेंट देख रही थी. उस व्यक्ति का निरीक्षण करने के 4 दिनों के अंदर डा. लीजुंग रोगसूचक हो गई है और उस में उसी रोग के लक्षण नजर आ रहे हैं. इस से पता चलता है कि जो वायरस सी फूड वाला व्यक्ति ले कर घूम रहा है, वह वायरस चंद दिनों के भीतर ही अपनेआप को दोहरा सकता है.’’अध्यक्ष ने पूछा, ‘‘डा. मू, आप को लगता है कि सी फूड वाला यह व्यक्ति इस वायरस का पहला शिकार है? या आप की नजर में इस से पहले भी ऐसे लक्षणों वाला इस या दूसरे अस्पताल में आया था?’’चीफ ने आश्चर्य जताते हुए कहा, ‘‘फ्लू जैसी आम बीमारी के लिए तो कोई भी पहले पेशेंट को ढूंढ़ने की इतनी तकलीफ नहीं करता है.’’डा. मू ने दुख से कहा,

‘‘इस के बाद अस्पताल की 2 और नर्सें, और डा. लीजुंग के पति भी इस वायरस का शिकार हो गए हैं. दोनों नर्सों और उन के पतियों को यह वायरस डा. लीजुंग के संपर्क में आने की वजह से हुआ है.’’चीफ ने कहा, ‘‘इस घटना को 4 दिन हो गए, और आप हमें आज बता रहे हैं?’’ अध्यक्ष ने चीफ से कहा, ‘‘स्थानीय पुलिस को प्रोटोकौल के अनुसार तब ही शामिल किया जा सकता है जब उस की जरूरत महसूस हो,’’ फिर डा. मू से कहा, ‘‘डा. मू, आप क्या सुझाव देंगे?’’बहुत ही गंभीरता से डा. मू ने कहा, ‘‘जब तक हम इस सी फूड वाले व्यक्ति का निरीक्षण कर के यह नहीं पता लगा लेते कि उस से पहले कोई और इस वायरस से संक्रमित नहीं था, तब तक वुहान शहरी अस्पताल की तालाबंदी कर देनी चाहिए.’’यह सुनते ही वहां बैठे सब अधिकारी आपस में फुसफुसाने लगे. डा. मू ने उन की फुसफुसाहट को नजरअंदाज करते हुए अपना सुझाव जारी रखा, ‘‘इस प्रकोप को नियंत्रण में लाने के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि वह किसकिस के संपर्क में आया है और वे लोग कहां हैं जिन के संपर्क में वह आया है. ऐसे लोगों को भी अस्पताल में जल्दी से जल्दी ले कर आना है. अस्पताल में डा. लीजुंग के संपर्क में और कौनकौन आया है, इस की पूरी तहकीकात की जरूरत है, इसीलिए अस्पताल की तुरंत तालाबंदी की इजाजत चाहिए.’’अध्यक्ष बोले, ‘‘डा. मू, मैं तुम्हारी राय से सहमत हूं.’’चीफ बोले, ‘‘हम लोग किस वायरस के बारे में बात कर रहे हैं?

’’डा. मू ने बताया, ‘‘अभी तक तो यह वायरस सिर्फ श्वसन प्रणाली पर हमला करते हुए दिख रहा है. वर्तमान में यह ऐसे कुछ खास लक्षण नहीं प्रस्तुत कर रहा है जिस से हम इस की पहचान कर सकें.’’थोड़ी ही देर में गरिमा के साथ चल रहे युवक मिन झोउ का मोबाइल फोन बजा. उस ने फोन पर बात की जिस के बाद उस के हावभाव पूरी तरह बदल गए. पिछले 2 घंटों में मिन ने गरिमा को अस्पताल का निरीक्षण करवाया था और दोचार चुनिंदा प्रयोगशालाएं दिखाई थीं. आने वाले कुछ वर्षों के दौरान गरिमा इन्हीं प्रयोगशालाओं में कुछ शोधकार्य करने की सोच रही थी. इस के लिए आज उस की मुलाकात डा. वान लीजुंग से थी, लेकिन शायद वह व्यस्त थी, इसीलिए उस की जगह मिन झोउ ने ले ली थी.फोन जेब में रख कर मिन ने गरिमा से कहा, ‘‘थोड़ी सी समस्या है.’’गरिमा ने आश्चर्य से पूछा, ‘‘क्या?’’ अब उस के वापस अपने विश्वविद्यालय लौटने का समय आ गया था, जहां होस्टल में एक कमरे में वह रहती थी. वुहान वाएरोलौजी विश्वविद्यालय, चीन का सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालय है जहां उच्चकोटि की पढ़ाई तथा शोधकार्य होता है. वुहान शहरी अस्पताल की प्रयोगशालाओं का शोधकार्य, गरिमा को अपनी डाक्टरेट डिग्री के लिए जरूरी था. किसी अनुमानित परिप्रश्न के बदले वह एक व्यावहारिक और प्रयोगात्मक प्रश्न का हल अपने शोधकार्य में निकालना चाहती थी, इसीलिए उस ने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों की मदद से वुहान शहरी अस्पताल में संपर्क किया था. विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, अकसर अस्पताल के डाक्टरों के साथ मिल कर शोधकार्य करते थे. अपने ज्यादातर डेटा के लिए प्राध्यापक अस्पताल के मरीजों के डेटा पर निर्भर रहते थे. मिन ने गरिमा को अपने फोनकौल के बारे में बताया, ‘‘ऐसा लगता है कि अभी हम लोग इस अस्पताल से नहीं जा सकते.’’गरिमा ने कहा, ‘‘क्या मतलब?’’दोनों वापस जाने के लिए तकरीबन मुख्यद्वार तक पहुंच ही गए थे कि एक अधिकारी सा दिखने वाला व्यक्ति उन के पीछे दौड़ता हुआ आया. दोनों ने पलट कर उस को देखा. अधिकारी ने रुक कर शिष्टाचारपूर्वक कहा, ‘‘माफी चाहता हूं, लेकिन आप दोनों को वापस अंदर आना पड़ेगा.’’मिन ने एक कोशिश की, ‘‘मुझे पहले ही देरी हो रही है.’’लेकिन उस अधिकारी ने फिर शिष्टाचार लेकिन दृढ़तापूर्वक कहा, ‘‘मुझे मालूम है, लेकिन मैं अभी आप लोगों को यहां से नहीं जाने दे सकता हूं. आप कृपया अंदर आ जाएं, फिर मैं सब समझा दूंगा.’’

मिन ने गरिमा से कहा, ‘‘डाक्टरों से ज्यादा अस्पताल प्रशासन की चलती है. इसलिए इन की बात हमें माननी ही पड़ेगी.’’गरिमा बोली, ‘‘ऐसा लगता है मेरा आज का दौरा पूरा नहीं हुआ है. अब तो यह और बढ़ गया है. आज शायद पूरा अस्पताल ही देखने को मिलेगा मुझे.’’अधिकारी ने एक और बात कही, जिस से दोनों चौंक गए, ‘‘तुम दोनों को कम से कम एक पूरे हाथ की दूरी पर रहना पड़ेगा.’’ यह सुन कर दोनों ने अपने बीच थोड़ी दूरी बना ली. अधिकारी ने मुख्यद्वार पर मौजूद 2 रिसैप्शनिस्ट्स को थोड़ी हिदायतें दीं. दोनों रिसैप्शनिस्ट्स ने बहुत ही गंभीरताभरी निगाहों से अधिकारी की बात सुनी और माना.

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May 01, 2020 at 10:00AM

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