Thursday 29 April 2021

हमदर्दों से दूर -भाग 3 : अखिलेश सरला से क्यों मिलना चाहता था

इस तरह एकदूसरे का खयाल रखतेरखते दोनों ठीक हो गए. अब एक अलग तरह का बंधन दोनों एकदूसरे के लिए महसूस करने लगे थे.

एक दिन शाम में अखिलेश ने सरला से कहा,” मेरी सारी संपत्ति दोनों लड़कों के नाम की हुई है. यह मकान भी बड़े बेटे के नाम है. मैं चाहता हूं कि हम दोनों कहीं दूर जा कर एक नई जिंदगी की शुरुआत करें. क्या तुम इस के लिए तैयार हो?”

“हां ठीक है. इस में समस्या क्या है? हम सब कुछ छोड़ कर कहीं दूर चलते हैं. बस रहने और खाने का प्रबंध हो जाए फिर हमें किस चीज की जरूरत? दोनों आराम से एक छोटा सा घर ले कर रह लेंगे. वैसे भी मेरे पहले पति ने मेरे लिए बैंक में थोड़ीबहुत रकम रख छोड़ी है. जरूरत पड़ी तो उस का भी उपयोग कर लेंगे.”

सरला की बात सुन कर अखिलेश की आंखें भीग गईं. एक तरफ बच्चे जिस महिला को दौलत का लालची बता रहे थे वही इस गृहस्थी में अपनी सारी जमापूंजी लगाने को तैयार थी. अखिलेश को यही सुनने की इच्छा थी.

उस ने सरला को गले से लगा लिया और बोला,” ऐसा कुछ नहीं है सरला. सारी संपत्ति अभी भी मेरे ही नाम है. मैं तो तुम्हारा रिएक्शन देख कर तुम्हें

परखना चाहता था. तुम से अच्छी पत्नी मुझे मिल ही नहीं सकती. वैसे कहीं दूर जाने का प्लान अच्छा है. यह घर बेच कर किसी खूबसूरत जगह घर लिया जा सकता है. ” “सच, मैं भी सब से दूर कहीं चली जाना चाहती हूं,”सरला ने कहा.

अगले ही दिन अखिलेश ने घर बेचने के कागज तैयार करा लिए. काफी समय से उस का एक दोस्त घर खरीदने की कोशिश में था. अखिलेश ने बात कर अपना घर उसे बेच दिया और मिलने वाली रकम से देहरादून के पास एक छोटा सा खूबसूरत मकान खरीद लिया.

उस ने अपना नया पता किसी को भी नहीं दिया था. फोन भी स्विच औफ कर दिया. अपना बैंकबैलेंस भी उस ने दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा लिया और पूर्व पत्नी के गहने भी लौकर में रखवा दिए. सरला ने भी अपने घर में किसी को नया पता नहीं बताया.

सारे हमदर्द रिश्तेदारों से दूर दोनों ने अपना एक प्यारा सा आशियाना बना लिया था. यहां वे अपनी जिंदगी दूसरों की हर तरह की दखलंदाजी से दूर शांतिपूर्वक एकदूसरे के साथ बिताना चाहते थे.

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इस तरह एकदूसरे का खयाल रखतेरखते दोनों ठीक हो गए. अब एक अलग तरह का बंधन दोनों एकदूसरे के लिए महसूस करने लगे थे.

एक दिन शाम में अखिलेश ने सरला से कहा,” मेरी सारी संपत्ति दोनों लड़कों के नाम की हुई है. यह मकान भी बड़े बेटे के नाम है. मैं चाहता हूं कि हम दोनों कहीं दूर जा कर एक नई जिंदगी की शुरुआत करें. क्या तुम इस के लिए तैयार हो?”

“हां ठीक है. इस में समस्या क्या है? हम सब कुछ छोड़ कर कहीं दूर चलते हैं. बस रहने और खाने का प्रबंध हो जाए फिर हमें किस चीज की जरूरत? दोनों आराम से एक छोटा सा घर ले कर रह लेंगे. वैसे भी मेरे पहले पति ने मेरे लिए बैंक में थोड़ीबहुत रकम रख छोड़ी है. जरूरत पड़ी तो उस का भी उपयोग कर लेंगे.”

सरला की बात सुन कर अखिलेश की आंखें भीग गईं. एक तरफ बच्चे जिस महिला को दौलत का लालची बता रहे थे वही इस गृहस्थी में अपनी सारी जमापूंजी लगाने को तैयार थी. अखिलेश को यही सुनने की इच्छा थी.

उस ने सरला को गले से लगा लिया और बोला,” ऐसा कुछ नहीं है सरला. सारी संपत्ति अभी भी मेरे ही नाम है. मैं तो तुम्हारा रिएक्शन देख कर तुम्हें

परखना चाहता था. तुम से अच्छी पत्नी मुझे मिल ही नहीं सकती. वैसे कहीं दूर जाने का प्लान अच्छा है. यह घर बेच कर किसी खूबसूरत जगह घर लिया जा सकता है. ” “सच, मैं भी सब से दूर कहीं चली जाना चाहती हूं,”सरला ने कहा.

अगले ही दिन अखिलेश ने घर बेचने के कागज तैयार करा लिए. काफी समय से उस का एक दोस्त घर खरीदने की कोशिश में था. अखिलेश ने बात कर अपना घर उसे बेच दिया और मिलने वाली रकम से देहरादून के पास एक छोटा सा खूबसूरत मकान खरीद लिया.

उस ने अपना नया पता किसी को भी नहीं दिया था. फोन भी स्विच औफ कर दिया. अपना बैंकबैलेंस भी उस ने दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा लिया और पूर्व पत्नी के गहने भी लौकर में रखवा दिए. सरला ने भी अपने घर में किसी को नया पता नहीं बताया.

सारे हमदर्द रिश्तेदारों से दूर दोनों ने अपना एक प्यारा सा आशियाना बना लिया था. यहां वे अपनी जिंदगी दूसरों की हर तरह की दखलंदाजी से दूर शांतिपूर्वक एकदूसरे के साथ बिताना चाहते थे.

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April 30, 2021 at 10:00AM

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