Friday 30 November 2018

short hindi kahani

short hindi kahani

अनोखी चाबी की कहानी, short hindi kahani, यह कहानी आपको पसंद आएगी क्योकि इस कहानी में सभी दोस्तों को एक चाबी मिलती है, वह किस जगह की है यह उन्हें पता नहीं था, उसकी खोज इस कहानी में की जाती है, 

अनोखी चाबी की कहानी, short hindi kahani

short hindi kahani.jpg

short hindi kahani

सभी दोस्त घर वापिस आ रहे थे, वह बहुत अच्छे दोस्त थे, उन्हें घर आते हुए बहुत देर हो चुकी थी, वह गांव के रस्ते से घर आ रहे थे तभी उनकी नज़र एक अनोखी चाबी पर गयी थी, यह अनोखी चाबी वहा पर कैसे आयी थी उन्हें इस बात का पता नहीं था, वह सभी उस चाबी को देख रहे थे यह चाबी कहा से आयी थी, यहां पर कैसे पड़ी है, कुछ सवाल उनके सामने थे, सभी के जवाब उन्हें देखने थे, उन्होंने ने वह चाबी ले ली और आगे बढ़ गए थे, क्योकि वह यह भी सोच रहे थे की यह किस जगह की है,

 

रस्ते में पड़ी चाबी कहा से आयी है इस बात की चिंता छोड़ वह सभी घर वापिस आ गए थे उन्हें पता था की इसका पता वह कल जरूर लगाएंगे की यह अनोखी चाबी कहा की है, सुबह हुई सभी दोस्त एक जगह पर आये थे, सभी ने उस चाबी को देखा था लेकिन जब बहुत गौर से देखने पर भी उन्हें यह समझ नहीं आया था की यह चाबी कहा की है, क्योकि वह किसी आम ताले की चाबी नहीं थी बल्कि चाबी बहुत बड़ी थी यह किस जगह की है इसका कैसे पता लगाया जाए

बहुत देर तक सोचने पर भी कुछ पता नहीं चल रहा था कैसे पता करे कुछ तो रास्ता नज़र आये मगर कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था, तभी उनमे से एक बोला की यह हमारे गांव में यह मिली है, हमारे गांव में एक पहाड़ी ऐसी है जिसके बारे में सभी जानते है उसके रहस्य हमे अभी तक नहीं मिले है, क्योकि कोई भी जानता नहीं है हमे वही पर कुछ जरूर मिलेगा, हमे लगता है की हमे वही पर चलना होगा तभी कुछ पता चल सकता है यह सोचकर वह सभी चले गए थे,

 

मगर उनमे से एक बोला की यह चाबी किसी पहाड़ी पर तो नहीं लगेगी, इसके लिए किसी ताले की जरूरत होगी, पहाड़ी पर ताला कहा से आएगा, मगर जब कुछ समझ न ए तो जो भी कोई रास्ता नज़र आये उसी और चलना पड़ता है शायद वही पहुंचकर पता चल पाए की यह किस ताले की चाबी है, सभी उस पहाड़ी पर पहुंच चुके थे मगर कुछ भी नज़र नहीं आ रहा था क्योकि यहां पर यह चाबी कहा पर लगेगी, कोई ताला नज़र नहीं आता है मगर खोजना तो होगा ही, सभी ने देखा मगर कुछ पता नहीं चल पाया था, उन्हें शाम हो गयी थी, वह लगातार खोज रहे थे  

सभी ने देखा की शाम हो गयी थी, अब घर चलना चाहिए क्योकि हमे यहां पर कुछ भी नहीं मिला है, तभी उनके दोस्त की नज़र एक जगह पर गयी थी उस जगह से रौशनी आ रही थी, वह जगह चमक रही थी, सभी ने उसी और जाकर देखा था, जब उस जगह पर गए तो वहा पर एक ताला नज़र आ रहा था उनके दोस्त की तरकीब काम कर गयी थी आखिर वह ताला जिसकी खोज रहे थे वह उन्हें मिल गया था, तभी सभी ने सोचा की यह ताला सुबह से शाम हो गयी थी जब नज़र नहीं आया था और अब जाने का वक़्त हो रहा है, अब नज़र आया है

 

कुछ देर बाद यहां पर अँधेरा हो जाएगा पता नहीं फिर क्या होगा हमे यहां से चलना चाहिए मगर एक दोस्त बोला की जब तक हम देख रहे थे तब यह नज़र नहीं आया था अब नज़र आया है तो सभी जाने की बात कर रहे है, यह अच्छा नहीं है, हमे देखना चाहिए तभी आगे बढ़ते है मगर अभी देखना जरुरी नहीं है हमे इंतज़ार करना चाहिए और कल आना चाहिए उसके बाद हम देख सकते है की इस ताले में क्या है, सभी लोग अब सोच रहे थे किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था 

उनमे से एक बोला की अब जब हमे ताला मिल गया है तो इसे खोलते है उसके बाद घर चलाए जाएंगे इसमें सोचने की कोई बात नहीं है फिर उसके बाद उन्होंने ने ताला खोला, ताला अब खुल चूका था अब बहुत तेज रौशनी आयी थी उसके बाद जब उन्होंने देखा तो वह किसी अनजान जगह पर थे यह जगह कौन सी है उन्हें पता नहीं था मगर सोच रहे थे की हम कहा पर आ गए यह जगह कौन सी है ताला खोला तो हम किसी और जगह पर थे अब यहां पर कैसे आ गए है,

 

कुछ देर बाद उन्होंने ने ध्यान दिया की यहां पर तो उजाला है यह जगह कहा पर है क्योकि हम तो अपनी जगह पर शाम को थे यहां पर तो रौशनी नज़र आती है यह जगह मुझे ठीक नहीं लग रही है यहां से चलना चाहिए, तभी दूसरा बोला की कहा पर जाओगे कुछ पता भी है हम कहा पर है हम तो यहां से निकल भी नहीं पाएंगे, सभी बैठ चुके थे कुछ भी पता नहीं था मगर उन्हें वही पहाड़ नज़र आया था यह पहाड़ तो हमारे जैसा है जहाँ पर हम थे हमे वही पर चलना होगा सभी उसी और बढ़ रहे थे

जब वह सभी उसी और आ गए थे तब भी वह ताला नज़र आ रहा था चाबी उनके पास थी, जैसे ही उसमे चाबी लगाई थी वह सभी फिर से अपनी जगह पर आ गए थे ऐसा क्या हुआ था की वह सभी वापिस आ गए थे वह कौन सी जगह थी उन्हें नहीं पता था वह सभी वही पर छोड़कर भाग गए थे वह पता नहीं कहा चले गए थे मगर वह अब कही पर भी जाना नहीं चाहते थे उस जगह पर फिर कभी वह ताला नज़र नहीं आया था और न ही वह चाबी थी,

अनोखी चाबी की कहानी, short hindi kahani, अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है तो आप इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके हमे भी बताये, 



from Duniahub.in https://ift.tt/2TW8klL

No comments:

Post a Comment